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Anil Ray
ग़र मर्द हो तो तुम्हारी हस्ती का इतना तो रौब रहे... बगल से निकले जो कोई औरत तो वों बेखौफ रहे... ©Anil Ray विचारार्थ लेखन...............✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻 एक मछली सम्पूर्ण तालाब को गंदा करती है, ऐसा विद्वान कहते आये है। कहने का अर्थ यह है कि यदि एक मछली
गजेन्द्र सिंह गज्जी
अमित चौबे AnMoL
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Bhanu Shukla
सोंचता था क्या लिखूं आज अपनी प्रियतमा पर, सारी उपमायें है फीकी सच मे मेरी प्रियतमा पर। झील गर आंखों को बोलूं तो न होगा न्यायसंगत, कितनी मधुरिम झील, हैे न्योछावर प्रियतमा पर।। झील तो है याद उसकी जिसमे मै ना तैर पाता, डूबा अब रहता हूं उसमे हो परेसां झटपटाता। ये तड़प और दर्द भी स्वीकारती ना भूल पाना, है समर्पित दर्द दुख सारे हमारी प्रियतमा पर।। @भानू शुक्ला सोंचता था क्या लिखूं आज अपनी प्रियतमा पर, सारी उपमायें है फीकी सच मे मेरी प्रियतमा पर। झील गर आंखों को बोलूं तो न होगा न्यायसंगत, कितनी मधुर
Bhanu Shukla
बहुत वो दूर है मुझसे ये दिल फिर भी बुलाता है, स्वयं तो है तड़पता और आंखों को सताता है। मेरा जब सामना होता है उनसे बोल न पाता, छुपाकर दर्द सारे गम के खुलकर मुस्कराता है।। @भानू शुक्ला सोंचता था क्या लिखूं आज अपनी प्रियतमा पर, सारी उपमायें है फीकी सच मे मेरी प्रियतमा पर। झील गर आंखों को बोलूं तो न होगा न्यायसंगत, कितनी मधुर
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इस दुनिया में हमारा अपना केवल और केवल वक़्त है , अगर वो सही तो सभी अपने वरना कोई नहीं...., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की पैसा इंसान की हैसियत बदल सकता हैं,औक़ात-विचार -संस्कार -व्यवहार और आचरण नहीं..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हमेशा जीतने वाला ही नहीं,बल्कि कहाँ पर क्या हारना है,ये जानने वाला भी सिकंदर होता है..., आखिर में एक ही बात समझ आई की सिर पर तिलक लगाने ,माला एवं चोगा धारण करने ,सन्यास लेने मात्र से ही कोई साधु या ऋषि नहीं बन जाता , हकीकत में साधु या ऋषि बनने के लिए अपने समस्त विकारों को मारते हुए ,इन्द्रियों को वश में करते हुए ,सत्य के पथ पर चलते हुए ,रिश्ते नातों दुनियादारी से ऊपर न्यायसंगत रहते हुए पारिवारिक होते हुए भी मनुष्य ईश्वर से तार जोड़ सकता है ,जैसे राजऋषि जनक ...! बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...! 🌹सुप्रभात🙏 स्वरचित एवं स्वमौलिक "🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱 जयपुर-राजस्थान ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इस दुनिया में हमारा अपना केवल और केवल वक़्त है , अगर वो सही तो सभी अपने वरना कोई नहीं....,
Sultan Mohit Bajpai
हम, भारत के लोग .............. संविधान की प्रस्तावना प्रस्तावना संविधान के लिए एक परिचय के रूप में कार्य करती है। 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसमें संशोधन