Find the Latest Status about सरर उडे रे सतरंगी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सरर उडे रे सतरंगी.
Rimpy Ankur Leekha
काश! मैं पानी हो जाऊ हर रंग में रंग जाऊं हर सांचे में ढल जाऊं खुदा मुझ पर ये रहमत बरपाए काश मैं पानी हो जाउं कभी बारिश बन खुशियों की बोछर लाऊं कभी नहर बन दूर पहाड़ों में जाऊ कभी बन जाऊं झरना और प्रकृति की सुंदरता बढ़ाउं सब कुछ मैं खुद में समाती चली जाऊं काश मै पानी हो जाऊं चाहूं में खुशियों भारी आंखों में रहना दुख का समुंदर बन मुझको ना बहना हरा, लाल , नीला सुनहरा हो मेरा रंग कभी मैला न हो बादलों से मिलकर सतरंगी हो जाऊं काश मैं पानी हो जाऊं 🖋️ रिम्पी लीखा ©Rimpy Ankur Leekha #सतरंगी
Vikas sharma
ये सतरंगी दुनिया औऱ दुनिया के मेले एक दूजे में घुले हैं ऐसे जैसे पानी में नमक के ढ़ेले ©Vikas sharma सतरंगी दुनियां
Vivek
मेरे ही ख्यालों को लिख रही होगी कहीं अपनी गुलाबी सी मुस्कान में या मेरी सतरंगी खुशी में वो...! ©Vivek #सतरंगी खुशी
Vivek
मंदिर की घंटी में झंकृत मस्जिद की अज़ान में लीन गुरुद्वारे की गुरुवाणी में खोए चर्च की प्रार्थना में डूबे हुए हर इंसान की परिभाषा है प्रेम जो जहाँ भी जिससे भी जुड़ती है सतरंगी हो जाती है...!!! ©Vivek #सतरंगी प्रेम
Sandhya G-N
ये सात रंग जिंदगी के हर पल को याद दिलाते है, किस के लिए इंद्रधनुष तो कहीं ये धुप मे बरसात कहीं प्यार के रुप, या कभी बदलते वक्त की झंकार ©Sandhya G-N सतरंगी #Holi
Vikas sharma
उड़ने दो ख्वाहिशों को..खुले आसमान में यूँ रोज़ रोज़ तो जीने के...जमाने नही आते महसूस कर लें...इन गुज़रते हुये पलों को फिर लौट कर ये लम्हात...पुराने नही आते बिछड़ गये ये कहकर कि.. किस्मत होगी तो मिलेंगे गलियों में फिर क्यों नसीब ..बनाने वाले नही आते रुत कुछ बदली सी है, फ़िज़ा भी कुछ महकी सी है हर रोज़ ख़ुद को..यूँ जिक्र तेरा सुनाने नही आते होगा वो परदेश में..पाता होगा मुझको ख़ुद में सच है कायदे से उसको... बटवारे नही आये डूबने से भी सुकून मिलता होगा शायद दीवाने तैरकर इसलिए.. किनारे नही आते उतर जाते हैं कितने ही किस्से कलम के रास्ते कहीं कोई अल्फाज़ हैं कि...लिफाफों में नही आते सवार देंगे तुझे भी ऐ ज़िन्दगी..इन चन्द रंगों से बेशक हिस्से अपने सतरंगी...ख़जाने नही आते @विकास ©Vikas sharma #boat सतरंगी
सानू
चाँदनी रातों में चाँद को साथी बनाकर, आसमाँ को कागज़ सितारों को स्याही बनाकर, कुछ देखे थे सपने कि कोई मेरे भी हो अपने, उन सपनों को अपनी पलकों पे सजाकर, ज़माने से हसरत ए दीद हूँ तेरी इक झलक के लिए, एक काम कर दो, सनम थोड़ा मुस्कुराकर। कारवाँ ए ज़िन्दगी उस मोड़ पे आके रुकी, रखी थी जहाँ पे मेरे सपनो की कब्र बनाकर। दफन हो गए जज़्बात उन सपनो के साथ, थोड़ा एहसान अब कर दो मेरी मजार पे जाकर। सतरंगी सपने
sampankaj 64
औरो की मोहब्बत होती होगी लाल रंग की... मेरी मोहब्बत तो सतरंगी है। ©sampankaj 64 सतरंगी मोहब्बत