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F M POETRY
White तेरी यादों की ऐसी शाम में हूँ.. न सफर में हूँ न कयाम में हूँ.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #न सफर में हूँ...
#न सफर में हूँ...
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} कभी फुर्सत में मिलना, सराब, मीट, गुटका, पान, तम्बाकू के नुकसान के बारे में खुलकर बात करेंगे।। ©N S Yadav GoldMine #sad_qoute {Bolo Ji Radhey Radhey} कभी फुर्सत में मिलना, सराब, मीट, गुटका, पान, तम्बाकू के नुकसान के बारे में खुलकर बात करेंगे।।
#sad_qoute {Bolo Ji Radhey Radhey} कभी फुर्सत में मिलना, सराब, मीट, गुटका, पान, तम्बाकू के नुकसान के बारे में खुलकर बात करेंगे।।
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White ये हसीं रात फिर न आएगी.. और ये बात फिर न आएगी.. जिस्म दिल रूह मिला हाथ नहीं.. ये मुलाक़ात फिर न आएगी.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #ये मुलाक़ात फिर न....
#ये मुलाक़ात फिर न....
read moreअनिल कसेर "उजाला"
#5LinePoetry तेरी याद ने मुझको रोने न दिया, ये ज़ख्म प्यार का उभरने न दिया। टूटा हुआ हूँ मैं तो 'उजाला' मगर, चाहत ने उसकी बिखरने न दिया। ©अनिल कसेर "उजाला" रोने न दिया
रोने न दिया
read moreनवनीत ठाकुर
न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत काफी है, आराम नहीं, बस राहत काफी है। सुकून की तलाश में भटक रहा हूँ, खाली पेट को बस बरकत काफी है। न शानो-शौकत, न चाहत बड़ी, बस इंसान की भूख मिट जाए। जिंदगी की असली हकीकत यही, कि पेट भरे, तो सुकून आ जाए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत का
#नवनीतठाकुर न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत का
read moreParasram Arora
White प्यास लगी हैँ तों पानी हैँ लेकिन प्यास के पहले पानी हैँ भूख लगी हैँ तों भोजन हैँ लेकिन भूख से पहले भोजन हैँ प्रेयसी के लिए उठता हैँ प्रेम तों समझलो प्रेम पहले से मौजूद हैँ अगर प्यास उठी हैँ परमत्मा क़ी तों ये परमाण हैँ इस बात का कि परमात्मा भी अस्तित्व मे पहले से कही मौजूद हैँ ©Parasram Arora भूख और प्यास
भूख और प्यास
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Unsplash अब न ख्वाहिश न आरज़ू न ज़ुस्तज़ू है तेरी.. इत्तीफाक़न भी न तुझसे मिलूं दुआ है मेरी.. यूसुफ़ आर खान ©F M POETRY #अब न ख्वाहिश न आरज़ू...
#अब न ख्वाहिश न आरज़ू...
read moreParasram Arora
Unsplash भूख और प्यास जो न थकती है कभी और न बुझती है कभी बल्कि प्रति पल बढ़ती जाती है ये भूख प्यास छुप जाती हैं पसीनो क़ी परतो मे कभी या फिर कमर मे बंधे गमछे मे जा लटकती है कभी लेकिन ये उफ़ नहीं करती कभी ©Parasram Arora भूख प्यास
भूख प्यास
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White मुझे आवाज़ न दे की मुझे सुनाई न दे.. तेरे चेहरे के सिवा और कुछ दिखाई न दे.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #मुझे आवाज न दे.....
#मुझे आवाज न दे.....
read moresanju पहाड़ी
अब तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ कैसे बताà¤à¤‚ जिद न कर ये मेरे नादान दिल 🖤🤍🖤 वो अपने दिल के मालिक है 🖤🤍🖤 न की आपके मर्जी के 🖤🤍🖤 ©sanju पहाड़ी #जिद न कर
#जिद न कर
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