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Aarzoo smriti
मैंने दुआवों में खुदा से, बस माँगा है यही, तेरा मेरा साथ न छूटे कभी। चाहे हो जाए खफा मुझसे ज़माना सारा, बस तू न मुझसे रूठे कभी। साँसें भी चल रही हैं मेरी, तुम्हारे सहारे अभी। दिल से धड़कन तक धड़कती है, तुम्हारे भरोसे सभी थाम लो या गिरा दो ये तुम्हारी मर्ज़ी, याद रखना बस इतना,यकीं न टूटे कभी। ©Aarzoo smriti मैंने दुआवों में.......
मैंने दुआवों में....... #Shayari
read moreDEVENDRA KUMAR
हो सकता है मैंने अंजाने में , उनको कभी रुला दिया हो , कोई भी गलत बात कह कर , उनका दिल दुखा दिया हो। हो सकता है मैंने गुस्से में आकर, ऐसा भी कभी किया हो, फिर उनसे माफ़ी माँगी हो और उन्होंने क्षमा कर दिया हो। - देवेंद्र कुमार # मैंने अंजाने में
# मैंने अंजाने में #शायरी
read moreAlok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
मैंने तेरी ज़िन्दगी में आके क्या गुनाह किया, दी है सजा ऐसी ऐसा क्या गुनाह किया, फिकरते थी हमको हर पल की तेरी, ये मैने पूछा तो इसमें क्या गुनाह किया, मैंने तेरी ज़िन्दगी..................! करता शरारत दिल ये नादान दिल है, हर पल तुझे चाहे जीना मुश्किल है, समझे अगर तू मेरे दिल ने क्यों क्या किया, मैंने तेरी ज़िन्दगी................! मैंने तेरी ज़िन्दगी में........!
मैंने तेरी ज़िन्दगी में........!
read moreAnuj Ray
दोस्ती में मैंने जाना, ये बात तय हो गई है यारों, कि दोस्ती समानता मेंअधिक टिकाऊ और गहरी होती है। एक ही बिस्तर में सोते वक्त ,फर्क नहीं करती,किसने पहना है कच्छा,और किसने धोती है। भूलके मत भेद सारे ,ऊंच-नीच जात पात के, दो प्रेमियों की तरह, दो जिस्म एक जान होती है। आपने देखा होगा, कि दोस्तों को अक्सर बिछड़ना पड़ता है, और रोने की कसक दूर तक सुनाई देती है। ©Anuj Ray # दोस्ती में मैंने जाना,
# दोस्ती में मैंने जाना, #जानकारी
read moreprashant singh
खत में मैंने लिखा कि खत में मैंने लिखा की... इतने दिन बाद मिले हो चलो आज कुछ झूठ ही बोल दो और वो बोली.... तुम बहुत याद आते हो! Stylo... खत में मैंने लिखा.
खत में मैंने लिखा. #विचार
read moreAmit Singhal "Aseemit"
मैंने हमेशा ताबीर में जिसको लिखा वह हो तुम, आँखें खुलते ही, ना जाने कहां हो जाती हो गुम। मैं यह जानता हूं कि कहीं ना कहीं ज़रूर हो तुम, क्योंकि मेरे ख़्वाब बुलंद रहे, हक़ीक़त है गुमसुम। ©Amit Singhal "Aseemit" #मैंने #हमेशा #ताबीर #में
Shaikh Imran
मैंने चंद अल्फाजों में लिख दी मेरी हस्ती से लेकर मेरी जिंदगी तक अहले उर्दू समझेंगे मुझे मिश्रा ए उला से लेकर मिश्रा ए सानी तक #मैंने #चंद #अल्फाजों #में
हिंदुस्तानी
किताबो से नहीं मैंने रास्तो की ठोकरों से सिखा है, और मुश्किलो में भी हसना मैंने अपने पापा से सिखा है ! ©Kumar Vinod मुश्किलो में भी हसना मैंने
मुश्किलो में भी हसना मैंने #Shayari
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