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Babulu Goud (Fitness Model)
Anurag Vishwakarma
Chapter 4, verse 7 यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ ४-७ Transliteration: yadā yadā hi dharmasya glānir bhavati bhārata। abhyutthānam adharmasya tadātmānaṁ sṛjāmy aham॥ 4-7 Hindi Translation: हे भरतवंशी, जब-जब जहाँ-जहाँ धर्म का ह्रास होता है और अधर्म का प्रबल उदय होता है, तब-तब मैं अवतरित होता हूँ English Translation: Whenever and wherever there is a decline in religious practice, O descendant of Bharata, and a predominant rise of irreligion – at that time I descend Myself. Follow for more... ♥️✍️ Thanks for Learning ©Anurag Vishwakarma #Holi #learn_English #bhagwatgeeta #Trending #motivatation #Love #L♥️ve #be_happy
Manojkumar Srivastava
White भारत को व्यापारी ,कमजोर और नौटंकीबाज़ प्रधानमंत्री https://dhunt.in/U7ciK Source : "Manojkumar Srivastava" ©Manojkumar Srivastava #Road #भारत का प्रधानमंत्री#
N S Yadav GoldMine
White यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ प्रह्लाद ने कहा-पिताजी! मैंने जो पढ़ा है वह सुनिये-l श्रवणं कीर्तनं विष्णो: स्मरणं पादसेवनम्। अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} (श्रीमद्भा० ७।५।२३) जय श्री राधे कृष्ण जी...... 'भगवान् विष्णु के नाम और गुणों का श्रवण एवं कीर्तन करना, भगवान् के गुण, प्रभाव, लीला और स्वरूप का स्मरण करना, भगवान् के चरणों की सेवा करना, भगवान् के विग्रह का पूजन करना और उनको नमस्कार करना, दास भाव से आज्ञा का पालन करना, सखा-भाव से प्रेम करना और सर्व स्वसहित अपने-आपको समर्पण करना।' ऐसी बात सुनकर हिरण्यकशिपु चौंक पड़ा और उसने पूछा-यह बात तुझे किसने सिखायी? मेरे राज्य में मेरे परम शत्रु विष्णु की भक्ति का उपदेश देकर मेरे हाथ से कौन मृत्यु मुख में जाना चाहता है? ©N S Yadav GoldMine #good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म
N S Yadav GoldMine
White यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ प्रह्लाद ने कहा-पिताजी! मैंने जो पढ़ा है वह सुनिये-l श्रवणं कीर्तनं विष्णो: स्मरणं पादसेवनम्। अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} (श्रीमद्भा० ७।५।२३) जय श्री राधे कृष्ण जी...... 'भगवान् विष्णु के नाम और गुणों का श्रवण एवं कीर्तन करना, भगवान् के गुण, प्रभाव, लीला और स्वरूप का स्मरण करना, भगवान् के चरणों की सेवा करना, भगवान् के विग्रह का पूजन करना और उनको नमस्कार करना, दास भाव से आज्ञा का पालन करना, सखा-भाव से प्रेम करना और सर्व स्वसहित अपने-आपको समर्पण करना।' ऐसी बात सुनकर हिरण्यकशिपु चौंक पड़ा और उसने पूछा-यह बात तुझे किसने सिखायी? मेरे राज्य में मेरे परम शत्रु विष्णु की भक्ति का उपदेश देकर मेरे हाथ से कौन मृत्यु मुख में जाना चाहता है? ©N S Yadav GoldMine #good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म
Ajit Singh "Prince"
लगता था जि लेंगे बिना उसके, पर ये दिल हमें फिर धोखा दे गया। ©Ajit Singh "Prince" धोखे हि मिले... #जंग #L♥️ve
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी खेरातो ने मतदाताओं को घायल कर रखा है हर सियासी एजेंडे में उसकी काबलियत को मार रखा है सारी व्यवस्था का माल सियासतों ने अपने पार्टी हित, पेशेवरों को बाँट रखा है दूर होती दूरियां,सियासतों से वोट प्रतिशत कम हो रहा है छला हुआ मतदाता चुनाव आयोग और सत्तापक्ष का गठजोड़ चार सौ का नारा दे रहा है भारत का लोकतंत्र अपने हाल पर रो रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #election_2024 भारत का लोकतंत्र अपने हाल पर रो रहा है