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Ashish Dwivedi
Rajan Girdhar
तमन्ना से नहीं..तन्हाई से डरते हैं,, प्यार से नहीं.रूसवाई से डरते हैं ,, मिलने की चाहत तो बहुत है... पर मिलने के बाद, जुदाई से डरतें हैं..!!
꧁Ahmad hussain꧂
मुझे हालात की तन्हाई से डर लगता है, बिखरी-बिखरी हुयी तन्हाई से डर लगता है, सोचता हूँ तेरे नाम की तस्बीह कर लूँ, फिर तेरे नाम की रुस्वाई से डर लगता है। ....Ahmad.hussain...✍️ #NojotoQuote 😞दो पल आपके साथ😞 मुझे हालात की तन्हाई से डर लगता है, बिखरी-बिखरी हुयी तन्हाई से डर लगता है, सोचता हूँ तेरे नाम की तस्बीह कर लूँ, फिर तेरे
OMG INDIA WORLD
प्यार से नहीं रूसवाई से डरते हैं जमाने से नहीं तन्हाई से डरते हैं ख्वाहिश है तुझे एक नजर देखने की पर तुझे देखने के बाद उस तड़प से डरते हैं ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD प्यार से नहीं रूसवाई से डरते हैं जमाने से नहीं तन्हाई से डरते हैं ख्वाहिश है तुझे एक नजर देखने की पर
Jyoti Choudhary
Mahesh Yogi
जिन्दगी में एक वक़्त ऐसा भी आता है, जब हमे तन्हाई से डर नहीं लगता, अकेले बैठना भी बुरा नहीं लगता और आँखों से आँसू भी नहीं गिरते क्योंकि उस वक्त हमे ऐसे लगता है कि कोई बात करे तो भी ठीक और ना करे तो भी ठीक कियू की हम उस वक्त पूरी तरह से पत्थर के बन चुके होते है ओर तब ना किसी के आने की खुशी होती है और ना किसी के जाने का गम होता है..!! ©Mahesh Yogi जिन्दगी में एक वक़्त ऐसा भी आता है, जब हमे तन्हाई से डर नहीं लगता, अकेले बैठना भी बुरा नहीं लगता और आँखों से आँसू भी नहीं गिरते क्योंकि उस
OMG INDIA WORLD
कभी दीवानी बनती हूं कभी सयानी बन जाती हूं ये कैसा प्रेमरोग औरों की जिंदगानी बन जाती हूं। दिल में हो दर्द तो कोई पढ़ न सके मेरी आंखों से दर्द छुपाने को कभी आंखों की पानी बन जाती हूं। तन्हा जिंदगी है पर कभी तन्हाई से डरती नहीं हूं अंधेरों में किसी अजनबी की नूरानी बन जाती हूं। इस दिल में नहीं कुछ भी उनके चाहत के शिवाय ज़रा अपनापन से किसी की कहानी बन जाती हूं ख्वाबों की दुनिया संजो जी रही हूं अपनी जिंदगी इश्क के वशीभूत होके कभी रूहानी बन जाती हूं। ये चाहत क्या चीज़ है की दिल मेरे वश में न रही जिसने चाहा मुझे मीरा जैसी दीवानी बन जाती हूं। ©OMG INDIA WORLD कभी दीवानी बनती हूं कभी सयानी बन जाती हूं ये कैसा प्रेमरोग औरों की जिंदगानी बन जाती हूं। दिल में हो दर्द तो कोई पढ़ न सके मेरी आंखों से दर्द
Sonia Thakur
हमसफ़र (Soulmate) सफर ये आसान नहीं, जो संभाल सको तो चलना धुप से दोस्ती रही है मेरी, जो छाया बन सको तो चलना खामोशियों से रिश्ता बहोत गहरा रहा, जो मेरी आवाज बन सको तो चलना दर्द तो सहे हैं बहोत, जो सुकून बन सको तो चलना रास्ता मुझे तय करना है, जो मंज़िल बन सको तो चलना काँटों की चुभन सह कर मैं खिली हूँ, जो चुभन सह सको तो चलना तन्हाई से डर नहीं लगता मूझे, जो तन्हाई बाँट सको तो चलना सब सही नहीं चाहिए मुझे, मेरे गलती के साथी बन सको तो चलना मेरा दिल नाज़ुक बहोत है, जो इसे समझ सको तो चलना खुशियां छोटी हों पर दिल से हों तो क़ायनात हैं मेरे लिए, जो मेरी रूह छू सको तो चलना बातें तो बहोत करते हैं चाहने वाले, जो मेरे एहसासों को महसूस कर सको तो चलना जितना मैं चाहूँ अगर समझ सको, उसका आधा भी चाहो तो चलना कटे पंखों से उड़ान बहोत भर ली मैंने, जो मेरी उड़ान बन सको तो चलना कुछ मैं चलूंगी, कुछ तुम चल सको तो चलना रहगुज़र बहोत मिल जाते हैं ज़िन्दगी के सफर में, जो हमसफ़र बन सको तो चलना जो हमसफ़र बन सको तो चलना..... हमसफ़र (Soulmate) सफर ये आसान नहीं, जो संभाल सको तो चलना धुप से दोस्ती रही है मेरी, जो छाया बन सको तो चलना खामोशियों से रिश्ता बहोत गहरा रहा
Palsi(पल सी)
हमसफ़र (Soulmate) सफर ये आसान नहीं, जो संभाल सको तो चलना धुप से दोस्ती रही है मेरी, जो छाया बन सको तो चलना खामोशियों से रिश्ता बहोत गहरा रहा, जो मेरी आवाज बन सको तो चलना दर्द तो सहे हैं बहोत, जो सुकून बन सको तो चलना रास्ता मुझे तय करना है, जो मंज़िल बन सको तो चलना काँटों की चुभन सह कर मैं खिली हूँ, जो चुभन सह सको तो चलना तन्हाई से डर नहीं लगता मूझे, जो तन्हाई बाँट सको तो चलना सब सही नहीं चाहिए मुझे, मेरे गलती के साथी बन सको तो चलना मेरा दिल नाज़ुक बहोत है, जो इसे समझ सको तो चलना खुशियां छोटी हों पर दिल से हों तो क़ायनात हैं मेरे लिए, जो मेरी रूह छू सको तो चलना बातें तो बहोत करते हैं चाहने वाले, जो मेरे एहसासों को महसूस कर सको तो चलना जितना मैं चाहूँ अगर समझ सको, उसका आधा भी चाहो तो चलना कटे पंखों से उड़ान बहोत भर ली मैंने, जो मेरी उड़ान बन सको तो चलना कुछ मैं चलूंगी, कुछ तुम चल सको तो चलना रहगुज़र बहोत मिल जाते हैं ज़िन्दगी के सफर में, जो हमसफ़र बन सको तो चलना जो हमसफ़र बन सको तो चलना..... हमसफ़र (Soulmate) सफर ये आसान नहीं, जो संभाल सको तो चलना धुप से दोस्ती रही है मेरी, जो छाया बन सको तो चलना खामोशियों से रिश्ता बहोत गहरा रहा
Meenakshi Sethi
यादों में कहीं कोई सुराख न कर दे, इस बात से डर लगता है, छन-छन के बह न जाएँ एक-एक कर, इस बात से डर लगता है! फ़क़त ये चंद मोती हैं, जो सँभाले हैं जीने के लिए, लेकिन यूँ न समझ लेना कि मुझे मौत से डर लगता है! परछाईं की माफिक धीरे-धीरे सिमट रही है जिंदगी, सच तो ये है कि अब मुझे जीने से ही डर लगता है! दूध में शक्कर सा घोल, पिला दिया तुझे ऐ जिंदगी, अब जो बाकी बचा उस वजूद की कड़वाहट से डर लगता है! अपनाए जाने की चाह नहीं, ठुकराए जाने का गम नहीं, इस शुष्क दिल के और शुष्क हो जाने से डर लगता है! बंद होते किवाड़ों की चौखट पर उम्मीदें दम तोड़ती गईं, कहीं कोई जिंदा न हो उठे फिर से इस बात से डर लगता है! सरपरस्त तो हैं बहुत, अहल-ए-दिल कोई तो हो, मुझे महफिल में महफिल की तन्हाई से डर लगता है! यादों में कहीं कोई सुराख न कर दे इस बात से डर लगता है, सोचती हूँ तो लगता है,आजकल क्यों हर बात से डर लगता है! Meenakshi Sethi, Wings Of Poetry यादों में कहीं यादों में कहीं कोई सुराख न कर दे, इस बात से डर लगता है, छन-छन के बह न जाएँ एक-एक कर, इस बात से डर लगता है! फ़क़त ये चंद मो