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अजनबी
वक्त के सांचों में जो ढल नहीं सकता, गम वो खुशी में बदल नहीं सकता। कुछ करने कुछ सवरने का हौसला तो करो दोस्तों, कौन कहता है बुरे दौर आने के बाद वक्त नहीं बदलता ।। ✍️हकीम खान वक्त के सांचों में जो ढल नहीं सकता, गम वो खुशी में बदल नहीं सकता। कुछ करने कुछ सवरने का हौसला तो करो दोस्तों, कौन कहता है बुरे दौर आने के बा
अजनबी
हरियाली भी कितना सुंदर लगता है , तुम्हारे मन को भी भाने लगता है। जब तुम वादियों में खड़ी हो जाती हो , बैकग्राउंड कितना प्यारा लगता है । ✍️ हकीम खान हरियाली भी कितना सुंदर लगता है , तुम्हारे मन को भी भाने लगता है। जब तुम वादियों में खड़ी हो जाती हो , बैकग्राउंड कितना प्यारा लगता है ।
अजनबी
दिन हुआ तो रात भी होगी, बादल हुआ तो बरसात भी होगी। इसी तरह प्रेजेंटेशन चलता रहा , तो हमारी और आपकी मुलाकात दुबारा भी होगी।। दिन हुआ तो रात भी होगी, बादल हुआ तो बरसात भी होगी। इसी तरह प्रेजेंटेशन चलता रहा , तो हमारी और आपकी मुलाकात दुबारा भी होगी।। #इंतजारतेरा #ह
अजनबी
काला बादल घनघोर घटा से दूर हुआ, यू ही रवि का दिखना शुरू हुआ। कैसे बताएं वर्षा की खूबी को, मीलों दूर यू ही बादल का गरजना शुरू हुआ।। काला बादल घनघोर घटा से दूर हुआ, यू ही रवि का दिखना शुरू हुआ। कैसे बताएं वर्षा की खूबी को, मीलों दूर यू ही बादल का गरजना शुरू हुआ।। ✍🏻 हकी
अजनबी
दिन हुआ तो रात भी होगी, बादल हुआ तो बरसात भी होगी। इसी तरह प्रेजेंटेशन चलता रहा , तो हमारी और आपकी मुलाकात दुबारा भी होगी।। दिन हुआ तो रात भी होगी, बादल हुआ तो बरसात भी होगी। इसी तरह प्रेजेंटेशन चलता रहा , तो हमारी और आपकी मुलाकात दुबारा भी होगी।। #इंतजारतेरा #ह
अजनबी
हरियाली भी कितना सुंदर लगता है , तुम्हारे मन को भी भाने लगता है। जब तुम वादियों में खड़ी हो जाती हो , बैकग्राउंड कितना प्यारा लगता है । ✍️ हकीम खान ©Hakim Khan हरियाली भी कितना सुंदर लगता है , तुम्हारे मन को भी भाने लगता है। जब तुम वादियों में खड़ी हो जाती हो , बैकग्राउंड कितना प्यारा लगता है ।
अजनबी
वक्त के साथ चलना भी जरूरी है, कुछ हसरते लिखना भी जरूरी है। बचपन से शौक था कविता पढ़ने का, उलझनों से निकल कर किताबें लिखना भी जरूरी है।। वक्त के साथ चलना भी जरूरी है, कुछ हसरते लिखना भी जरूरी है। बचपन से शौक था कविता पढ़ने का, उलझनों से निकल कर किताबें लिखना भी जरूरी है।। #इंस
अजनबी
तुमको देखा तो खुद पे ऐतबार हो गया , तुम्हारी खुबसूरती पे चार चांद लग गया । आए थे देखने तुझे इतनी भीड़ में , किस्मत ऐसी की पीली शूट वाली से प्यार हो गया ।। ✍️ हकीम खान तुमको देखा तो खुद पे ऐतबार हो गया , तुम्हारी खुबसूरती पे चार चांद लग गया । आए थे देखने तुझे इतनी भीड़ में , किस्मत ऐसी की पीली शूट वाली से
अजनबी
बादल का आना, सलिल का जाना। खेतों की हरियाली, किसानों का खुश हो जाना।। वो नीर आ गया रे, अमृत आ गया।। काला बादल घनघोर घटा से दूर हुआ, यू ही रवि का दिखना शुरू हुआ। कैसे बताएं वर्षा की खूबी को, मीलों दूर यू ही बादल का गरजना शुरू हुआ।। ✍🏻 हकी
अजनबी
रहे मसीहा उन गरीबों का , और नौजवानों की शान है। जो भी उनके दर पे आया, उन पर नेता जी मेहरबान है।। राष्ट्र के हित में जो कर दिखलाया, देश नहीं भूल पाएगा। पूरी जनता रो बैठा है उनके कर्मों पर , अब दूसरा मुलायम सिंह कभी न आएगा।। ✍️हकीम खान चंदौली उत्तरप्रदेश ©Hakim Khan रहे मसीहा उन गरीबों का , और नौजवानों की शान है। जो भी उनके दर पे आया, उन पर नेता जी मेहरबान है।। राष्ट्र के हित में जो कर दिखलाया, देश नहीं