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Kumarchitra
तू आपल्या आझादीची रांगोळी वेगवेगळे रंग भरून आणखीच देखणी करत गेलीस माझ्या वाट्याला मात्र ..आला लाल रंग तोच लाल रंग भरून मी मोकळा झालो आझाद झालो..!! ©️कुमारचित्र #लाल रंग #आझाद #revolution
Agarwal'sArtical
" आझाद रहना सबको पंसद आता हैं , पर ये सोचो कि हमारे ,अझाद रहने से किसी को कोई तकलीफ ना हों " ©Agarwal'sArtical #parindey #आझाद #Nojoto @Agarwal's Artical
DrRavikirti Didwania
Sound Similar but Meaning Different Challenge People Become Too "Sel-fish" Sailing Somewhere else and Phishing Someone else... #ravikirtikikalamse #selfishworld #yqdidi #yqbaba #nazariya_badlo_janab #phishing #paraya #waqthitujebatayega द्विअर्थी समानार्थी शब्द प्रय
brijesh mehta
तेरे और उनके प्रेम में जमीन आसमान का फर्क है तेरे प्यार में शक है, वहम है, भरोसा नहीं है। तेरा प्यार तुझे बहुत रुलाएगा, बहुत तड़पाएगा। — % & प्यार, प्रेम, विश्वास, भरोसा सब समानार्थी शब्द है। 💞💞 #मंमाधन #brijeshmehta #manmadhan #lovequotes #lifequotes #lovestory
SUREKHA THORAT
मुझे बुंद कि तरह आजाद बनना है! सही गलत को अब समझना नही है मुझे सुकुन और दुःख के परे जाना है राहत और मंजिल को यही छोड देना है अब नसीब और किस्मत को लाँघ देना है जीत और हार को मात देना है स्त्री और पुरुष कि मतभेद कि सीमाओ को पार कर देना है संस्कार और रहन सहन को अब समझाना है कि मुझे बुंद कि तरह आजाद बनना है समाज और न्याय के बीच मुझे नही फंसना है जीवन और संघर्ष को जरा थंब सा देना है अकेले हु या कोई साथ है इन सब से मुझे फर्क नही पडता अब एक ही चाहत है मेरी इस जमाने से मुझे बुंद कि तरह आजाद बनना है.. इंसान हु या पत्थर तिलतिल तडपते दर्दो को आराम देना है खुद मे राहत सी महसुस करना है क्या फर्क पडता है इंसान हुं या कोई और जीव निर्जीव इन सब से मुझे कहना है मुझे बुंद कि तरह आजाद बनना है नही जानती मे कौन हुं! बस इतना पता है कि बेवजह नही हुं में अब बस बोझ सा लगता है मुझे ए दुनिया भर कि सीमाए को अपनाना एक जान से सच मे पत्थर बन ग्ई है जिंदगी होले ही सही अब सुकुन मे कम दर्द मे ही लगती है जिंदगी दुनिया के कौन से कोने से टकराऊ मे मुझे मेरी आजादी को महसुस कर जीना है आजादी किसे कहते है ए जमाने को दिखाना है घुटन कि सांसो को बुंद कि तरह आजाद कर देना है मुझे खुद कि कमी को भी संवारना है लिपटना है उन लहरों से जहा मुझे सुकुन सा महसुस हो सके,, ए मै तु कि बहस मे नही पडना अब मुझे बुंद कि तरह आजाद बनना है..... मुझे आजाद कर दो इस मतभेद के पिंजरे से जो समाज और दुनिया ने सोचे समझे इंसानो पर लगाए है ©SUREKHA THORAT #मुझे बुंद कि तरह आझाद बनना है! #together
Anmol Mishra
शब्द का असर तो देखिए जनाब, ज़ुबान शब्द कहती हैं, और कान उस शब्द को सुनते हैं, सुनकर वो शब्द दिल में उतर जाता हैं, और रोती आंखें हैं, तो अब आप ही बताइए इसमें दोष किसका हैं।। ©Anmol Mishra शब्द का दोष।।
maher singaniya
कुछ बातें ऐसी होती है जिसे बोलने वाला शख्स तो भूल जाता है मगर सुनने वाले इंसान के मन में तीर की तरह चुभती रहती हैं...!! ©maher singaniya इंसान का शब्द...