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Rakesh Ladhrh Robert
इंदौरी साहिब नहीं रहे मग़र दिलों मे रहेंगे| खुबसूरत अल्फ़ाज़ों के मालिक, दुनिया के किलों मे रहेंगें| इंदौरी साहिब नहीं रहे मग़र दिलों मे रहेंगे| खुबसूरत अल्फ़ाज़ों के मालिक, दुनिया के किलों मे रहेंगें|
Sonu Mahajan
यदि आपने हवाई किलों का निर्माण किया है तो आपका कार्य बेकार नहीं जाना चाहिए, हवाई किले हवा में ही बनाए जाते हैं। अब, उनके नीचे नींव रखने का कार्य करें। -हैनरी डेविड थोरेयू यदि आपने हवाई किलों का निर्माण किया है तो आपका कार्य बेकार नहीं जाना चाहिए, हवाई किले हवा में ही बनाए जाते हैं। अब, उनके नीचे नींव रखने का क
Richa Mishra
|| पंचवर्षीय मामा जी की कुर्सी || सत्ता की जीत में ; न जाने कितने पैसों की बर्बादी होगी ? धन की लालसा में ! जनता ___ अज्ञानता को उजार कर उसी को विजय दिलाएगी ! जो करते हैं अर्जित धन लोककल्याण संपति से !! ( अनुशीर्षक में ) नेताओं के भाषण में अनेक झूठी प्रतिभा उभर कर आएगी ! जो जीतने के बाद खो देंगे _____ जनता से किए वादे और अग्रसर होंगे
Richa Mishra
|| पंचवर्षीय मामा जी की कुर्सी || सत्ता की जीत में ; न जाने कितने पैसों की बर्बादी होगी ? धन की लालसा में ! जनता ___ अज्ञानता को उजार कर उसी को विजय दिलाएगी ! जो करते हैं अर्जित धन लोककल्याण संपति से !! ( अनुशीर्षक में ) नेताओं के भाषण में अनेक झूठी प्रतिभा उभर कर आएगी ! जो जीतने के बाद खो देंगे _____ जनता से किए वादे और अग्रसर होंगे
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat किलों में घूमती वीरानियां बहुत वीरान राहों पर सवाल उठाए बहुत अब कौन है कातिल ये बताया बहुत ना तेरा इंतज़ार ना कोई संदेश जताया बहुत कितने जीते कितने मिट्टी में मिल जाते बताया बहुत सिलवटें पुरानी ज़ख़्मो की कहानी सुनकर रोई बहुत अब सुख गए अब रूठ गए सोई उभरती उम्मीद अब और नहीं अब बोझ नहीं अब कोई पूछे ये मंज़ूर नहीं बहुत हुआ #respect#lifequotes #relationship #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat किलों में घूमती वीरानियां बहुत वीरान रा
Roshan Kumar
अब जो साथ वो बस मेरा अहसास है दूर हो कर अब भी वो मेरे दिल के ख़ास है, लेती होंगी आज भी वो तस्वीरें बहुत-सी लेकिन उसकी सबसे ख़ूबसूरत तस्वीर अ
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️ ✍️ #Jazzbaat रातों की नींद में आवाज़ नहीं होती बातों ही बातों में मिठास नहीं होती कितनों की बातों में बात नहीं होती सुकून चाहती थी पर साथ नहीं होती बरसों से बात करते पर लगा बात नहीं होती हर मुलाकात में हर बार फिर बात नहीं होती मीलों दूर से सासों को पहचान लेते पर बात नहीं होती किलों से छेद कर दीवारों में ताकते जब बात नहीं होगी लिहाज़ पर जवाब हर्फ पर सवाल जब बात नहीं होती हिसाब की किताब में लिखे जवाब जब बात नहीं होती तमाम रातों को कहते तेरी याद से बातें जब बात नहीं होती हालातों के दोष देती यादो की पोटली जब बात नहीं होती हम बिखरे मोती की माला पीरो ते रहे जब बात नहीं होती गुम हो ना जाना अनमोल मोती लेे आना कुछ बाक़ी बात तो होगी अब अधूरी कहानी को यादों से नहीं वो गुलाबो की ख़ुशबू से पहचान जाना वो बातों बातों में गीले शिकवे बता देना बात सिर्फ़ पुरानी नहीं नई सी कहानी कहना अब बात करते रहना। #respect #respectwomen #relationship #lovequotes #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️ ✍️ #Jazzbaat रातों की नींद में आवाज़ नहीं
#maxicandragon
#मोडर्न_मधुमक्खी डर लगता था तुमको, जब कहीं मै दिखती थी क्योकी मै राजमहल , दरबार किलों मै लगती थी राजवंश से नाता मेरा, मै महारानी सी रहती थी मेरे पीछे लाखों मक्खीयों की ,अक्षौहिणी सेना चलती थी दिन बदले सरकार बदल गई रजवाडों की शान ही ढल गई मेरी अक्षौहिणी सेना को कैद किया अब जाता है कोल्हू मे पिरवाके हमसे शहद निकाला जाता है राजा रानी दोनो को कालकोठरी भेजा जाता है नाम बदल क्यो अपना ही टैग लगाया जाता है नाम नही बस काम बहुत स्वाद नही बस दाम बहुत नकली पंख लगाकर बाबा अपना ब्रॉड चलाता है डाबर पतंजलि हिमालय का लेबल चिपकाया जाता है मधु तो है, न रानी न राजा मक्खी बिना बिकता है इन्ही चालबाजीयो से ही तो हम सब का मन दुखता है लालाओं ने झुण्ड बनाए, पौष्टिक शहद बनाने को रोज नई कलियाँ है चुनते, मोडर्न शहद जमाने को नोटों के छत्ते लगे है, लगे है नौकर गिनने को शहद निकलेगा जितना, सैम्पल चैक करावाने को हाय मै बदनाम हो गई, सल्तनत तबाह हो गई नालायक लाला सब सारे शहद की मोडर्न मधुमक्खी बन गई #SadharanManushya ©#maxicandragon #yellowflower #मोडर्न_मधुमक्खी डर लगता था तुमको, जब कहीं मै दिखती थी क्योकी मै राजमहल , दरबार किलों मै लगती थी राजवंश से नाता मेरा, मै महा
Anil Ray
नीति से भ्रष्ट सियासत ने खूबसूरती जन्नते-कश्मीर, और पवित्र पंथनिरपेक्षता निज-कर कर्म से धूमिल कर। एकता, अखण्डता और बंधुत्व को दरकिनार कर दूर हुआ नकाब नापाक राजनीति का। अजीब फितरत इंसान की स्वयं के गुनाह पर वकील पर करे तो फैसला जज का। संसद एक मंदिर था कभी फिर अखाड़े का मैदान और अब जैसे एक मंडी है। इस मंडी में भाव भी मनमर्जी के लगाये जाते है, इंसानियत को मार तमाचा जनमन के भाव मारे जाते है। मेरी चेतावनी गंदी सियासत को जख्म पर मरहम रखा जाता है, कुरेदा नही जाता, ऐसे तो जख्म और गहरा हो जाता है। जख्म को गहरे से कुरेदना तो कुत्सित राजनीति है। एक सवाल देशप्रेमियों! और बुद्धिजीवियों से, खाना चबाते हुये जो आ गयी कभी रसना दांतों के मध्य तो क्या दांतों को तोड़कर मुंह से बाहर फेंक दिया जाये? एक बात और मै एक वैधानिक हिन्दू हूं, इससे पूर्व एक भारतीय भारतीय से पूर्व हूं मैं एक इंसान इंसान को इंसानियत ही चरितार्थ करती है, यह इंसानियत बयां करती है दिलो-दिमाग से अपने तो अपने होते है। पंथनिरपेक्षता की सुरक्षा के लिए आवश्यकता नही हिंदूत्व की, भातृत्व रहे कायम सदा हमें आवश्यकता है बंधुत्व की। अंत में एक निवेदन भारतीय बॉलीवुड बोर्ड से, एक फिल्म और बनाओं उसमे बारीकी से पुलवामा हमला दिखलाओ, आखिर पता तो लगे जनमानस को, कि 350 किलों सक्रिय जखीरा कैसे और कहां से आया❓ जय भारत🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 ©Anil Ray 👇👇👇👇👇👇 नीति से भ्रष्ट सियासत ने खूबसूरती जन्नते-कश्मीर, और पवित्र पंथनिरपेक्षता निज-कर कर्म से धूमिल कर। एकता, अखण्डता और बंधुत्व को दरकिनार
Princi Mishra
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