Nojoto: Largest Storytelling Platform

New अनश्वर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about अनश्वर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अनश्वर.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Anupama Jha

इस नश्वर संसार में अनश्वर प्रेम की बात करते हैँ,
हम कैसी विरोधाभास भरी जिंदगी जीते हैं। #नश्वर#अनश्वर#प्रेम#विरोधाभास
#YQdidi

Poetry with Avdhesh Kanojia

अनन्त जीवन जीवन एक यात्रा अंतहीन है कोई प्रसन्न तो कोई ग़मगीन है। आत्मा का जीवन अनश्वर है केवल शरीर ही तो नश्वर है।। ✍️अवधेश कनौजिया© #कविता

read more
अनन्त जीवन

जीवन एक यात्रा अंतहीन है
कोई प्रसन्न तो कोई ग़मगीन है।
आत्मा का जीवन अनश्वर है
केवल शरीर ही तो नश्वर है।।

✍️अवधेश कनौजिया© अनन्त जीवन

जीवन एक यात्रा अंतहीन है
कोई प्रसन्न तो कोई ग़मगीन है।
आत्मा का जीवन अनश्वर है
केवल शरीर ही तो नश्वर है।।

✍️अवधेश कनौजिया©

Anupama Jha

#प्रेम मधुमास के मधुर गान सा , कोयल की मधुर तान सा। रवि सम नित उदयमान सा, दिवस के अवसान सा। #Prem #yqdidi #हिंदी_कविता #हिंदीकविताएं

read more


मधुमास के मधुर गान सा ,
कोयल की मधुर तान सा।

रवि सम नित उदयमान सा,
दिवस के अवसान सा।

 #प्रेम

मधुमास के मधुर गान सा ,
कोयल की मधुर तान सा।

रवि सम नित उदयमान सा,
दिवस के अवसान सा।

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

शून्य से बिन्दु तक..... *************** जब भी कोई अपनी बातों में 'माँ 'का जिक्र करता है तो मेरी आँखें बरबस "शून्य" में ताकने लगती हैं। को #silent_word

read more
शून्य से बिन्दु तक..... माँ "
***************
जब भी कोई अपनी बातों में 
'माँ 'का जिक्र करता है 
तो
मेरी आँखें बरबस "शून्य" में 
ताकने लगती हैं।
कोई "अक्स " तो नहीं उभरता है 
लेकिन 
यादों का गुबार जरूर उभर आता है....
बैठी हुई मुद्रा में माँ, 
मुस्कराती हुई माँ, 
धूप सेंकती माँ, 
खाना पकाती माँ, 
बच्चों के इंतज़ार में-
द्वार की ओट से झाँकती माँ, 
कितने ही अक्स उभरते हैं, 
और... और.... और........ 
फिर उभरते हैं.............. 
बिलखते बच्चों के रुदन अनसुने कर
चिरनिद्रा में मग्न "माँ"..... 
नश्वरता छोड़, अनश्वरता में 
विलीन होती जाती "माँ"...... 
कितने ही "अक्स" उभरते हैं...
और मैं...... 
"शून्य"से "बिन्दु" तक घुम आता हूँ।
                                  अंकुर 
                                    05/02/2021

©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) शून्य से बिन्दु तक.....
***************
जब भी कोई अपनी बातों में 
'माँ 'का जिक्र करता है 
तो
मेरी आँखें बरबस "शून्य" में 
ताकने लगती हैं।
को

CM Chaitanyaa

सृजन करना किसी वस्तु का आसान बात नहीं, जैसे कोई स्त्री नौ मास तक रखती है गर्भ में, शिशु को ठीक वैसे ही एक कलाकार भी तो, अपने मस्तिष्क रूप #Art #Birth #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes

read more
सृजन करना किसी वस्तु का
आसान बात नहीं, 
जैसे कोई स्त्री नौ मास तक
रखती है गर्भ में, 
शिशु को ठीक वैसे ही एक
कलाकार भी तो, 
अपने मस्तिष्क रूपी गर्भ में 
सहेज रखता है,
उन सभी विचारों को जो ही
जन्म देते हैं फिर,
कला रूप में एक शिशु को
करते हैं पालन, 
सींचते हैं उन्हें उतने प्रेम से
एक माँ की तरह,
जैसे भक्ति देख न सकी थी 
ज्ञान वैराग्य बूढ़े, 
उसी तरह कलाकार भी तो
नहीं देख सकता,
अपनी कला को जीर्ण-शीर्ण
और माँगता है, 
अनश्वर भीख क्योंकि वो माँ
नहीं देख सकती, 
उस शिशु को बलि चढ़ते हुए ! सृजन करना किसी वस्तु का
आसान बात नहीं, 
जैसे कोई स्त्री नौ मास तक
रखती है गर्भ में, 
शिशु को ठीक वैसे ही एक
कलाकार भी तो, 
अपने मस्तिष्क रूप

विष्णुप्रिया

आज सुबह गूगल पर कुछ खोज रही थी, जो खोज रही थी वो तो प्राप्त नही हुआ पर एक अन्य ही विचार आ टकराया अचानक, विचार भी थोड़ा उल्टा लगता है....पर फि

read more
सत्य क्या है...???
 आज सुबह गूगल पर कुछ खोज रही थी, जो खोज रही थी वो तो प्राप्त नही हुआ पर एक अन्य ही विचार आ टकराया अचानक, विचार भी थोड़ा उल्टा लगता है....पर फि

Juhi Grover

आज शहर शहर में चल रहा है आधुनिकता का नारा, आधुनिकता क्या है नहीं जानते । घसीट रहे हैं घिसे पिटे रीति रिवाज़ों को, चले आ #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqpoetry #yqdiary

read more
आधुनिकता का नारा

(अनुर्शीषक में पढ़ें) आज शहर शहर में  चल  रहा  है 
            आधुनिकता का  नारा,
आधुनिकता क्या  है नहीं  जानते ।

घसीट रहे हैं घिसे पिटे रीति रिवाज़ों को,
चले आ

Purohit Nishant

कलम को समर्पित फनकारों की याद में... पद्मभूषण सुमित्रानंदन पंत जी हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक इस युग को #Knowledge #कवि #जन्मदिन_विशेष #सुमित्रानंदन_पंत #हिंदवी #हिन्दी_युग

read more
!! जन्मदिन मुबारक !!

©Purohit Nishant कलम को समर्पित फनकारों की याद में...

पद्मभूषण सुमित्रानंदन पंत जी 
हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक
इस युग को
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile