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Kiran Chaudhary
green-leaves एक एक करके सब छोड़ गए मुझे, और, मैंने भी अब खुदको अकेला कर दिया।। ©Kiran Chaudhary एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
read morePratima pathak
Unsplash रंग बदलती दुनिया देखी देखा जग व्यवाहर जब दिल टूटा तो भाया ठाकुर तेरा दरबार जय श्री कृष्णा ©Pratima #leafbook रंग बदलती दुनिया देखी 🌍🌍
#leafbook रंग बदलती दुनिया देखी 🌍🌍
read moreAnjali Singhal
"रंग भी देखो कैसा लगा गए वे सफ़ेद! छुपा मिला इसमें उनके इश्क़ का भेद!!" #safedishq #ishqkarang_safed #sufiyana #sufiyanaishq #AnjaliSinghal
read moreनवनीत ठाकुर
White गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना तो हुआ, कुछ चेहरे पहचानने गए। इक हल्की सी लहर ने सारा दरिया हिला दिया, वक्त की शिद्दत से कुछ अरमाँ तक उड़ने गए। जो साथ थे कभी, अब दिलों में दूरियाँ बन गईं, लेकिन उन दूरियों से कुछ रिश्ते नया रंग लेने गए। अल्फाज़ वो जो कभी मुस्कान से बयाँ होते थे, वो अब चुप्पियों में छुप कर रह जाने गए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
#नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
read moreMayuri Bhosale
रंग.... रंगांची मज्जाच काही वेगळी, या अनोळख्या दुनियेत सहभागी होती सगळी. नाही म्हणले तरी कुणी, सामावून घेतो सर्वांनाच मनी. लाल रंगाची चढली लाली प्रेमाला, गुलाबी रंग विश्वास जणू त्यातला. हिरवा रंग बहरतो श्रावणात, निळा रंग पसरे साऱ्या अवकाशात. पांढरा रंग तर आहे शांत जणू काहीसा, पिवळा रंग येऊनी जवळ करतो मग हवाहवासा. रंगा शिवाय अर्थ नसे या जीवनाला, बरेचसे चांगल्या वाईट छटा उमटती या मनाला. ©Mayuri Bhosale रंग
रंग
read moreAnjali Singhal
गहरा था रंग-ए-इश्क़..गहरा ही रहा..आए-गए कितने ही मौसम..रूह में चढ़ा तो चढ़ा ही रहा.. #AnjaliSinghal #Love #loveshayari #lovestatus #status
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी अंधो को भी सुबह का एहसास हो अंतिम छोर तक हर्षोउल्लास हो गैर बराबरी शिक्षा से मिटे सबको जीने का एक सा अधिकार हो हुनर पनपे सभी प्रतिभा का सम्मान हो मगर गला काट कर, मर्यादा भंग दायरे के बहार प्रशासन के सब अंग अनैतिकता के दिखते सियासती रंग नही बचा अब जनता पर जीने का ढंग मायूसी से चेहरे बिगड़ रहे है रोजगार व्यापार मेहनत का फल नही दे रहे है अराजकता की पीके भंग लूट पाट के दिखते सत्ताओ के ढंग प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है
#love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है
read moreनवनीत ठाकुर
पहाड़ों से निकली एक धारा खास, सपनों से भरी, एक नई तलाश। पत्थरों से टकराई, राह बनाई, हर दर्द को हँसी में समेट लाई।। हर ठोकर को उसने गले लगाया, रुकना उसकी किस्मत में नहीं था। दर्द से उसने अपना राग बनाया, सच में, वो कभी थमा नहीं था।। जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई, उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।। सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा, उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा। नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ, पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।। फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई, सागर के आँचल में हर याद बस गई। ©नवनीत ठाकुर फना हो कर भी अमर हो गए
फना हो कर भी अमर हो गए
read moreEr.Santosh Sinha
कभी अगर हम बिछड़ गए तो मुझको याद करोगी क्या ..? #nojohindi Poetry हिंदी कविता
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