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Parasram Arora
Unsplash जीवंन के विकास क्रम. मे आचरण की शिथिलता स्पष्ट नजर आ रहीं हैँ संवेदनाओं के स्तर धीरे धीरे शून्यता की तरफ अग्रसर होते दिख रहेहैँ और बुलंदियों की सुदौल आकृति भी लड़खड़ाती हुई दिख रहीं हैँ ©Parasram Arora जिवंन के विकास क्रम मे
जिवंन के विकास क्रम मे
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी रूठना मनाना हंसी ठिठोली जरिया प्यार बढ़ाने का है मिले सकून दोनों दिलो को हार कर भी मीत को मनाना है जिंदगी जिस भी मोड़ पर हो बस साथ निभाना है ना हो कोई उलाहना ना कम किसी को आंकना है कीमत एक दूसरों की बनी रहे वह अमर प्यार उसके दिल मे जगाना है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #tereliye अमर प्यार उसके दिल मे जगाना है
#tereliye अमर प्यार उसके दिल मे जगाना है
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White खड़ी तो आज भी हु मैं, कल तेरे साथ थीं, आज तेरे इंतजार मै, लौट आओ या ना आओ. wrote by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #GoodNight लौट आओ या ना?
#GoodNight लौट आओ या ना?
read moreRAMLALIT NIRALA
एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है ©RAMLALIT NIRALA भाई भाई मे बटवारा
भाई भाई मे बटवारा
read moreRAMLALIT NIRALA
एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है ©RAMLALIT NIRALA भाई भाई मे बटवारा
भाई भाई मे बटवारा
read moreBALJEET SINGH MAHLA
बाहों में तुम्हें भर के सनम,"है जन्नत नसीब हुई तन मन एक हुआ,"रूह के रूह करीब हुई होठों को मुझे छूने दो,"ना ऐसे घबराओ तुम मेरे पास आओ,"ना ऐसे दूर जाओ ©BALJEET SINGH MAHLA तुम मेरे पास आओ Bhawana Mehra Neetu Sharma Sarla singh Shikha Sharma Rimple Mahal
तुम मेरे पास आओ Bhawana Mehra Neetu Sharma Sarla singh Shikha Sharma Rimple Mahal
read moreRAMLALIT NIRALA
White बचपन की याद कभी हस के कभी रोके समय बितावत रहै चार दोस्त के साथ खेत खलिहान पोखरे मे नहावत रहै ऊ नहर के पानी बचपन के रवानी ना भुल पाईब कबो माई त कबो दादी हमरा के खोजे आवत रहै बचपन के खेल खोखो बसईया कबडी गुल्ली डंडा लुकाछिपी लखनी के लाख गोड कबो ऊपर त कबो नीचे आवत रहै अबत खेल जवानी के पलपल चिंता सतावत रहै अब त बचपन के बतीया जवानी में याद आवत रहै ©RAMLALIT NIRALA बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
read moreParasram Arora
White मेरी यादो मे तुम बसें हो पर अफ़सोस नाम तुम्हारा याद नहीं अगली बार ज़ब तुम मिलो तो अपना नाम ज़ोर से बोल कर मुझसे गले मिलना ©Parasram Arora मेरी यादो मे तुम
मेरी यादो मे तुम
read moreParasram Arora
White तेरी पायल की खनक से मै गहरी नींद मे भी जाग जाता हू आँखे मसल कर चारो तरफ तुझे ढूंढ़ता हू पर न जाने तुम म होती हो कहा पथरो के इस शहर मे आकर मै भी एक पत्थर बन गया हू अब तेरे मासूम स्पर्श से भी मेरे जज्बात कंपते हैँ कहा? ©Parasram Arora पथरो के शहर मे
पथरो के शहर मे
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