Nojoto: Largest Storytelling Platform

New चांदण्याची छाया कापराची काया Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about चांदण्याची छाया कापराची काया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चांदण्याची छाया कापराची काया.

    LatestPopularVideo

Hina Kumari my Instagram ID @Rakesh radhika sarda

#surya #शुभ सोमवार। हर हर महादेव। आप सभी मित्रों व देशवासियों पर निरन्तर देवों के देव महादेव श्री भोलेनाथ जी की कृपया बनी रहे, सभी क़ो सुख सम #Bhakti #हर_हर_महादेव #ॐ_नमः_शिवाय #महाकाल_के_पुजारी #ओम्_नमो_पार्वतीपत्यै_हर_हर_महादेव #मेरे__आराध्य__बाबा__महाकाल #शिव_के_चरणों_की_धूल_पे_मरता_हूँ #महाकाल_सरकार

read more

Ravendra

ईवीएम मशीनों की कमीशनिंग का कार्य त्रुटिरहित ढंग से कराये पूर्ण: डीएम बहराइच लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 की मतदान प्रकिया को स्वतन्त्र, न #वीडियो

read more

Sai Angel Shaayari

धुप हैं किस्मत में लेकिन, छाया भी कही तो होगी जहाँ मंजिले होगी अपनी कोई तो ऐसी ज़मीं होगी । #Shayari

read more
धुप हैं किस्मत में लेकिन,
छाया भी कही तो होगी
जहाँ मंजिले होगी अपनी
कोई तो ऐसी ज़मीं होगी ।

©Sai Angel Shaayari धुप हैं किस्मत में लेकिन,
छाया भी कही तो होगी
जहाँ मंजिले होगी अपनी
कोई तो ऐसी ज़मीं होगी ।

Shailendra Anand

#Emotional छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर जिंदगी में यात्रियों का और पर्यटन स्थल आयना नजरिया आनंद ही आनंद है यही सुखद अह #मोटिवेशनल

read more
Men walking on dark street रचना दिनांक 6,,,4,,,2024,,
वार शनिवार
समयकाल,,,,सात बजे

्््््््शीर्षक ््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती चली गई तस्वीर है,,
 सुर्य की प्रचण्ड अग्नि तत्व तेज रश्मि प्रभा से झुलसते हुए
 जनजीवन पर खासा असर पड़ता है ््््््

्््््निजविचार है ््््
सिन्दूरी रक्त लालिमा से अच्छादित है 
प्राकृतिक सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रही है,,
 प्रेम से ही इस रचना में मनोभाव और 
स्थापत्य कला संस्कृति साहित्य दर्शनीय है।।
प्रेम गगन नारंग मण्डल में एक दर्शनीय स्थल सा 
कोणार्क सूर्य मंदिर कोणार्क मंदिर वास्तुकला 
और चरित्र चित्रण किया गया
 ईश्वर ने इतना सुंदर और चमकदार आकर्षक है ,,
और यह सुखद अहसास हो प्यारा सा जीवन सैलानीयो से 
यह दर्शनीय स्थल रेस्त्रां और व्यवसाय में नगर और
आसपास के लघु उद्योग हस्तकला खानपान पर
 ध्यान केंद्रित कर पर्यटन विभाग द्वारा संचालित मिशन नेशन 
विचार कामयाब हो सकते है ।।
प्रदेश सरकार द्वारा और केन्द्रीय पर्यटन विभाग
 द्वारा जारी दिशा निर्देश से निर्मित निरन्तर प्रयास 
ही अच्छे परिणाम प्राप्त होते है ,,
श्रद्धा में भावना से मन प्रसन्न हो ऐसे चले जाते है।।
असंख्य यात्रियों का काफिला अपने सपने बुनते हुए,,
जीवन के सपने लेकर चलते रहो जमाने में क्या रखा है।।
नदी किनारे से हरियाली से आच्छादित वन जंगल परिक्षेत्र
और रमणीय दृश्य दृषयावलोकन सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रहे है,,
वन्य जीव अभयारण्य में प्रवासी दुनिया के आनंद मौज मस्ती में
एक अलग ही सुन्दर छबि मनोमय मनोरम दृश्य में 
अपनी दिशा लेकर चलते रहें ।।
जस्बात पर जिंदगी के उतार चढ़ाव में ,,
सच बोल का संवाद संदेश पर 
आपबीती चर्चा कर मन को शांति मिलती है।।
यही सही समय पर जिंदगी की फिलासफी प्रेम शब्द की
शिक्षा दीक्षा संस्कार परिवार से जुड़े हुए रहते है,,
मन को शांति प्रदान करे मनोरंजन त्वमं नमामि देवेभ्यौ नमः
 आपका छायाचित्र ही सुन्दर छबि मनोमय प्यारी छायाचित्र कृति है।।
और यह सुखद अहसास हो प्यारा सा जीवन में एक जीवंत कलाकृति होती है,,
यही भाव से जन्मा विचार की मां शब्द से जन्मा मातृभूमि भारत में सबसे विश्वसनीय कर्मस्थली मापदण्ड सब धर्मों में समरुपता है।।
््््््््
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््््
6,,, अप्रैल,,,,2024,,
‌

©Shailendra Anand #Emotional छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर जिंदगी में यात्रियों का और पर्यटन स्थल आयना नजरिया आनंद ही आनंद है यही सुखद अह

HARSH369

#वृक्ष की छाया #विचार

read more

Anjali Singhal

"उड़ेला है मुझ पर ऐसा उन्होंने अपनी चाहत का रंग! दिल-ओ-दिमाग में छाया रहता अब उन्हीं का अक्स!!" #AnjaliSinghal nojoto

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से ,  दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो #कविता

read more
मनहरण घनाक्षरी :-
लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो ।
त्यागो अभी हृदय से ,  दुष्ट अभिमान को ।
नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो ,
चलो सब मिलकर, करो मतदान को ।
ये तो सब लुटेरे हैं , करते हेरे-फेरे हैं
पहचानते  है हम , छुपे शैतान को ।
मतदान कर रहे , क्या बुराई कर रहे,
रेंगता है मतदाता , देख के विधान को ।।१
वो भी तो है मतदाता, क्यों दे जान अन्नदाता , 
पूछने मैं आज आयी , सुनों सरकार से ।
मीठी-मीठी बात करे , दिल से लगाव करे,
आते हाथ सत्ता यह , दिखता लाचार से ।
घर गली शौचालय, खोता गया विद्यालय,
देखे जो हैं अस्पताल , लगते बीमार से।
घर-घर रोग छाया , मिट रही यह काया ,
पूछने जो आज बैठा , कहतें व्यापार से ।।२
टीप-टिप वर्षा होती , छत से गिरते मोती ,
रात भर मियां बीवी , भरते बखार थे ।
नई-नई शादी हुई , घर में दाखिल हुई ,
पूछने वो लगी फिर , औ कितने यार थे ।
मैने कहा भाग्यवान , मत कर परेशान ,
कल भी तो तुमसे ही , करते दुलार थे ।
और नही पास कोई , तुम बिन आँख रोई,
जब तेरी याद आई ,  सुन लो बीमार थे ।।३
२८/०३/२०२४      महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :-
लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो ।
त्यागो अभी हृदय से ,  दुष्ट अभिमान को ।
नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो ,
चलो

AJAY NAYAK

#retro जो आएगा उसे एक दिन जाना भी है फिर भी इस मिट्टी की काया पर गुमान है Sethi Ji Shilpa yadav heartlessrj1297 Mr RN SINGH Ritu Tyagi #विचार

read more

Pushpvritiya

#चौपाई वैरागी मन तुम बिन प्रीतम, पीर न जाने किन् विध् हो कम...! कस्तूरी मृग बन कर साजन, तोहे ढूँढ़े भटके वन वन......!! विरहिन देह जलन जागे #कविता

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी:- भूल जाओ सारी व्यथा , याद रखो हरि कथा , पार उस घाट देखो , खड़े दीनानाथ हैं । छोड़ो यह मोह माया , मिट्टी की है यह काया , भज ले #कविता

read more
Jai Shri Ram मनहरण घनाक्षरी:-
भूल जाओ सारी व्यथा , याद रखो हरि कथा ,
पार उस घाट देखो , खड़े दीनानाथ हैं ।
छोड़ो यह मोह माया , मिट्टी की है यह काया ,
भज ले तू प्रभु नाम , थामे तेरा हाथ हैं ।
पग-पग देख तेरे , चलते है नाथ मेरे ,
कहीं भी अकेला नहीं, वही तेरे साथ हैं ।
वही कण-कण में हैं , वही तेरे प्रण में हैं,
जान ले तू आज उन्हें , वही प्राण नाथ हैं ।।-१

वही राधा कृष्ण अब , वही सिया राम अब ,
वही सबके कष्टों का , करते उतार हैं ।
कहीं नहीं आप जाओ , मन में उन्हें बिठाओ,
मन के ही मंदिर से , करते उद्धार हैं ।
भजो आप आठों याम , राम-सिया राधेश्याम,
सुनकर पुकार वो , आते नित द्वार हैं,
असुवन की धार वे , है रोये बार-बार वे ,
देख-देख भक्त पीर , आये वे संसार हैं ।।२
१४/०३/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी:-
भूल जाओ सारी व्यथा , याद रखो हरि कथा ,
पार उस घाट देखो , खड़े दीनानाथ हैं ।
छोड़ो यह मोह माया , मिट्टी की है यह काया ,
भज ले
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile