Find the Latest Status about फरोख्त from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, फरोख्त.
S Ram Verma (इश्क)
रूह की खरीद-फ़रोख़्त , बंद है अब ; तभी तो ये जिस्म ; बेज़ान है अब ! #रूह #की #खरीद #फरोख्त
Habib yamin
तेरी यादों से तंग आ गया हूं कोई है तेरी नजरों में, दिल फरोख्त करना चाहता हूं तंग आकर उसने भी आखिर ये फैसला क्या सुनो जनाब तेरा दिल रेश वापस करना चाहता हूं फरोख्त=sell दिल रेश=heart wounded
Ashok Mangal
इश्क़ बाज़ार में नहीं मिला करता । हाँ, फरेब, बाज़ार में मिल सकता ।। फरेब का तो रत्ती भर भी अंश, इश्किया रूह में प्रवेश नहीं कर सकता ।।— % & फरोख्त कर — बेच कर #कमाल #YourQuoteAndMine Collaborating with kamal akhtar🇮🇳
Ashi Saxena
इंसानी बाज़ार में मजबूरियों की नीलामी का सिलसिला शुरू हुआ, ख़रीद फरोख्त बस शुरू हुई थी चंद मिनटों में बाज़ार ख़ाली हुआ। इंसानी बाज़ार में मजबूरियों की नीलामी का सिलसिला शुरू हुआ, ख़रीद फरोख्त बस शुरू हुई थी चंद मिनटों में बाज़ार ख़ाली हुआ।
Anuj Jain
बनने चले थे युगपुरुष दिखा रहे थे सबको ठेंगा बता कर विराट को गौण खुद को दिखा रहे थे महान कागज़ के फूल थे खुशबू नही होती उनमे काबलियत धेले की नही है बिकना चाहते थे रुपये के मोल होश ठिकाने लग गए न पता चला कैसे संभलती है सत्ता का बागडोर नही चलती खरीद फरोख्त यहाँ ये है उखड़ती साँसों की डोर शर्म है कुछ अगर डूब मरो चुल्लू भर पानी में कैसे जियोगे लेकर लोगों की बद्दुआएं पुरज़ोर बनने चले थे युगपुरुष दिखा रहे थे सबको ठेंगा बता कर विराट को गौण खुद को दिखा रहे थे महान कागज़ के फूल थे खुशबू नही होती उनमे
Sajid Voice
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
अजीब अक्ल लगाते हैं लोग,आता जाता कुछ नही मगर सियासत चलाते हैं लोग//१ जो हँस रहे हैं*हक की *शिकस्त पर,वो मक्कारी से हकीकत छिपाते हैं लोग//२ जो चालबाजी से बन बैठे है*जरदार,वोही वतन को करके*फरोख्त बिकाते है लोग//३ गर हों नफरतों की जीत का जश्न,तों हराकर उल्फ्तों को*उत्पात मचाते हैं लोग//४ गजब है*जम्हूरियत में सियासते दस्तूर,के अपनी*अवाम को ही*मातहत में लाते है लोग//५ बनके बगुला भक्त बताकर खुदको दूध का धुला, बेदाग बेगुनाह किरदार को*तोहमत लगाते हैं लोग//६ "शमा"लिखती है अपने *सुखन को बेबाक अंदाज में, के उसके सुखन पे भी सियासत चलाते हैं लोग//७ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #saath अजीब अक्ल लगाते हैं लोग,आता जाता कुछ नही मगर सियासत चलाते हैं लोग//१ जो हँस रहे हैं*हक की *शिकस्त पर,वो मक्कारी से हकीकत छिपाते हैं
Shree
चले थे कारवां लिए, रास्ता नापा अकेले हमने रुक रुक विरह मेरे राम वनवास तोड़ आए ना हलाहल वो ज़माने का मन मसोस कर पीते रहे जिंदगी की खरीद फरोख्त हम बस लूटाते रहे दिन-रैन पहर का भेद भूल हां खुद को भी भूले ले जाओ कसक इस भीड़ की पीड़ से बचाओ वक्त रहते मौसमों के फेरबदल आदि बने जा रहे चेहरे पर चेहरा आंसू हंसी अब सूखते जा रहे हैं अकाल विरक्त सी दुल्हन सा कोमल ह्रदय संभालें चले कहां थे, जाने कहां हम चल कर आ गये हैं! चले थे कारवां लिए, रास्ता नापा अकेले हमने रुक रुक विरह मेरे राम वनवास तोड़ आए ना हलाहल वो ज़माने का मन मसोस कर पीते रहे जिंदगी की खरीद फरोख्
Kunwar arun ¥
मैं पहले एक गाँव था..... ✍कुँवर अरुण 👇👇👇👇👇👇👇👇👇 ©Kunwar arun ¥ मन हो तो पड़ लो 🙃🙃🙃 मैं एक गाँव था जो बर्षों पहले था हरा भरा जिसमें बादल थे परियाँ थी किस्से थे कहानियां थी कच्चे मकान थे मैदान थे मुझ मे ख
PRIYA SINHA