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neel
green-leaves જે મહીં વસેલો છે શોધું હું તેને કંકણ પત્થરમાં તલાશ ખુદની પછી કેમ થાય પુરી જીવતરમાં પડે છે નઝર જયાં ત્યાં થાય છે અનુભવ એનો ઘડીકમાં દેખાય ને થાય અલોપ હરેક અવસરમાં કરૂં છું પ્રયાસ કે તે ઘટવાસી સમજે મારા મૌનને પણ ખુદ ના કર્મ થકી હું નડુ છું ખુદને નડતરમાં ભીતર પર્વત પડ્યો અહંકાર નો મારી ધારણાથી ક્યાંથી મળે ધારા અમૃતમય મારા આ ઘડતરમાં કાશ થઈ જાય પુરી ભટકન હવે એક જ જાટકે શૂન્યતા થી જાઈને પરે મળે સ્થિરતા કૈ અંતરમાં આ મારા અંતર માં બહુ શોરબકોર છે સન્નાટાનો મળે ખરી શાંતિ કોઈ વિરલાને કઈક મનવંતરમાં શ્વાસની આવજાવ વચ્ચે રહી જાય છે ખાલીપો નિલ એ જ મારગથી તું ઉતરી જા હવે ભીતરમાં ©neel #GreenLeaves #gujarati #kavita #Life
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read moreUrvashi Kapoor
zfzfbgbsttbtbjyfyhtshdhhtsttbstthststhstshtshtsthts ©Urvashi Kapoor #Kavita
priyanka pilibanga
White मिट्टी से बनी हूं। मिट्टी में मिल जाऊंगी।। चाहती तो बहुत कुछ हूं। पर चाह कर भी नहीं कर पाऊंगी।। मैं धूल हूं। हवा में बिखर जाऊंगी।। एक दिन सबको छोड़ कर जाऊंगी। फिर लौट कर वापस ना लाऊंगी।। तब देखना, मैं जैसी भी हूं। उसे दिन सबको याद आऊंगी।। मैं हंसती हुई आई थी। रुलाकर चली जाऊंगी।। मैं सच कह रही हूं। एक दिन दुनिया छोड़कर जाऊंगी।।😌 ©Priyanka Poetry #sad_quotes Kavita
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read moreAndaaz bayan
!झांसी की रानी लक्ष्मी बाई! स्वप्न अनोखा देखा था,चर्चा में उनको सुन रखा था। बोली मुझसे,निडर बनो,डर के आगे कभी ना झुको।। देख उनकी वेशभूषा,तलवार चांदी सी चमकी थी। बांधे कपड़े से लाल(पुत्र)को पीछे,शत्रुओं की काल बन बैठी थी।। किस्से और कहानी में नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह आदि नामो सहित, एक वीरांगना ब्रिटिश हुकूमत पर भारी थी। देखा उनको मैं चकित हुई,आई स्वप्न में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई थी।। बहादुर साहसी निडर,दृढ़ संकल्पी,और बुद्धिमान थी। सच्ची योद्धा,शक्ति की प्रतीक देश की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई थी।। ना घुटने टेके,ना घबराई थी,ब्रिटिश हुकूमत के आगे बिल्कुल भी नही डगमगाई थी। (1857)प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को धूल चटाई थी,"मैं झांसी किसी कीमत पर भी नहीं दूंगी", ये मन में उन्होंने ठानी थी।। करारा जवाब,अंग्रेजों को ललकार,बर्बरतापूर्ण नीतियों के खिलाफ,देना था। ओजस्वी तेजस्वी रानी लक्ष्मी बाई ने,दत्तक पुत्र के साथ झांसी का राजदरबार संभाला था।। नारी वो धुरंधर है जो,आकाश को भी चुनौती दे सकती है। अपने पर जब वो आ जाए तो,इंसान क्या यमराज से भी लड़ सकती है।। होती रहेगी,जय जयकार युगों युगों तक धरती पर वीर गाथाओं में । शत्रुओं पर भारी थी,सिंहनी-सी रानी झांसी की,जब उतरी रण मैदान में।। ✍🏻 ©Andaaz bayan #Jhansi #veer #RaniLaxmiBai #Dream Hinduism poetry lovers
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read moreSAMSHER P
रात भर इक चांद का साया रहा इश्क़ का इक ज़ख्म नुमाया रहा। नींद में भी करवटें हम बदलते रहे शायद सपनों में तू था आया रहा। बात बात पे तेज़ होती है धड़कनें बहुत दिल को मैंने समझाया रहा। इतने संगदिल होना भी अच्छा नहीं याद तेरी में सब कुछ भुलाया रहा। चाहत होती तो निभा भी सकते थे मजबूरी का राग बेकार गाया रहा। ©SAMSHER P #sayari #kavita