Nojoto: Largest Storytelling Platform

New नहीं होते दीवानी रात आती Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about नहीं होते दीवानी रात आती from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नहीं होते दीवानी रात आती.

Anant Nag Chandan

पाँव में पाज़ेब है या ज़ंजीर उसकी, वो मुझसे मिलने क्यूँ नहीं आती। राह तकता हूँ मैं हर शब बेचैनी से, कमबख़्त ख़्वाबों में भी नहीं आती।

read more
पाँव में पाज़ेब है या ज़ंजीर उसकी,
वो मुझसे मिलने क्यूँ नहीं आती।

राह तकता हूँ मैं हर शब बेचैनी से,
कमबख़्त ख़्वाबों में भी नहीं आती।

अनंत

©Anant Nag Chandan पाँव में पाज़ेब है या ज़ंजीर उसकी,
वो मुझसे मिलने क्यूँ नहीं आती।

राह तकता हूँ मैं हर शब बेचैनी से,
कमबख़्त ख़्वाबों में भी नहीं आती।

Indian Kanoon In Hindi

सिविल या दीवानी मामले पर कानून :-

read more
White सिविल या दीवानी मामले पर कानून :- 

* सिविल या दीवानी मामलों में शिकायतकर्ता का उद्देश्य दूसरे व्यक्ति से अपना दावा हासिल करना होता है ।

* फैसला सुनाने के बाद अदालत अंत में आज्ञप्ति या डिक्री जारी करती है, जिसमें अदालत के आदेश तथा संबद्ध पक्षों की पूर्ति या रिलीफ का ब्यौरा होता है ।

* अर्जीदावा या आवेदन में सभी दावे शामिल किए जाने चाहिए, क्योंकि एक ही उद्देश्य से संबंधित ऐसे नए दावों की पूर्ति के लिए व्यक्ति दूसरी बार आवेदन नहीं कर सकता है । जिनके बारे में पहले आवेदन के समय दावा नहीं किया गया हो।

* मामले से संबंधित पक्षों को सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहना चाहिए । ऐसा नहीं होने पर अदालत मामले को रद्द कर सकती है या डिक्री भी दे सकती है । अगर अनुपस्थिति के वाजिब कारण होंगे तो दोबारा सुनवाई भी हो सकती है।

* मामले से संबंधित पक्ष कोई समझौता कर सकते हैं और अदालत से इसके लिए डिक्री जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं ।

* पेश किए गये तथ्यों के आधार पर दोनों पक्ष की सुनवाई होती है , जिस पर अदालत फैसला सुनाती है ।

©Indian Kanoon In Hindi सिविल या दीवानी मामले पर कानून :-

meri_lekhni_12

सियाह रात.......

read more
White बहर: मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन)

सियाह रात के ग़मों को मिटाना होगा,
हर एक आँसुओं को अब मुस्कुराना होगा।

ख़मोशियों में कैद थी जो सदा सदी से,
उसे हवा बना के अब गुनगुनाना होगा।

जो ज़ख्म दिल पे हैं, उन्हें रौशनी में लाओ,
उन्हें छुपा के कब तलक सर झुकाना होगा।

हयात लूट ली गई बेबसी के हाथों,
इन्हें हज़ार बार चीर कर लौटाना होगा।

ख़ुदी को मत दबा, खड़े हो, लडो ज़माने से,
सफ़र में ख़ुद को अपना कारवां बनाना होगा।

पूनम कोई अपना हो या ना हो सफ़र में,
हर एक दर्द से नई दास्तां  को सजाना होगा।

©meri_lekhni_12 सियाह रात.......

Mahesh Patel

सहेली... दीवानी... लाला....

read more
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सहेली.......
आंखें हैं उनकी ख्वाब में देखता हूं..
जलन है उनकी जुदाई में सहेता हूं 
दीवानी है लाला कहानी में लिखता हूं....
लाला....

©Mahesh Patel सहेली... दीवानी... लाला....

Vicky purohit Ji

* हाथों की लकीरें झूठी होती ,, दोस्त नसीब उनके भी होते जिनके नहीं होते #Newyear2024-25 शुभ विचार

read more
New Year 2024-25 * यू वक्त की खामोशियों पर सवाल ना उठाए,,

* खुद बदलता भी है और दूसरों को बदलने पर मजबूर कर देता हैं।।

* हाथों की लकीरें अक्सर विक्की झूठी होती,,

* नसीब उनके भी होते है जिनके हाथ नहीं होते...!!


(बदलाव जरूरी 2025-:)
by-Vicky purohit

©Vicky purohit Ji * हाथों की लकीरें झूठी होती ,, दोस्त नसीब उनके भी होते जिनके नहीं होते #NewYear2024-25  शुभ विचार

s गोल्डी

अब कॉल नहीं करते वो अब कान सुरीले नहीं होते मेरे मैसेज के निशान भी अब नीले नहीं होते...!!😔 @topfans

read more
अब कॉल नहीं करते वो अब कान सुरीले नहीं होते
मेरे मैसेज के निशान भी अब नीले नहीं होते...!!😔

©s गोल्डी अब कॉल नहीं करते वो अब कान सुरीले नहीं होते
मेरे मैसेज के निशान भी अब नीले नहीं होते...!!😔

@topfans

अनुज

चांद की रोशनी ये अंधेरी रात इन सागर की लहरों के बीच मुझे आती तेरी याद... लव सैड शायरी

read more

Mahesh Patel

सहेली... दीवानी... लाला...

read more
Unsplash सहेली.....
 में जो भी लिखता हूं वह कहानी बन जाती है..
सहेली को हम समझे या ना समझे..
पर वह हमारी दीवानी बन जाती है..
हमारा उनसे मिलना और बिछड़ जाना..
उसके लिए पहेलियां बन जाती है..
लाला....

©Mahesh Patel सहेली... दीवानी... लाला...

Kulvant Kumar

ll मौत बुरी नहीं होती, हालात बुरे होते हैं ll

read more

नवनीत ठाकुर

#हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस

read more
White हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे,
जुबां को फलक भर नहीं आती।
सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर,
पर दुनिया को सहर नहीं आती।

दिल की गुंजाईश है बेहिसाब,
पर फिज़ा तक असर नहीं जाती।
ख्वाब जलते हैं रात की आग में,
सुबह उनकी खबर नहीं आती।

खुद से भी गुमशुदा हैं ऐसे,
जैसे राह कोई नजर नहीं आती।
आईने भी सवाल करते हैं अब,
पर उनकी सूरत उभर नहीं आती।

©नवनीत ठाकुर #हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे,
जुबां को फलक भर नहीं आती।
सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर,
पर दुनिया को सहर नहीं आती।

दिल की गुंजाईश है बेहिस
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile