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Mubarak Alam
तेरे गिरने में तेरी हार नहीं, तू इंसान है अवतार नहीं, गिर, उठ, चल, दौड, फिर भाग, ' तू कई बार हारेगा लेकिन हर बार नहीं ©Md Saifullah Ansari #Likho प्रेरक उद्धरण
Chaurasiya Beerendra
Jindagi ki race m akele mat chalna mere dost, hamsafar sath lene se mushkile aur Darr kam ho jate hain.💯👍 ©Chaurasiya Beerendra #rayofhope #Nojoto #विचार #उद्धरण
#rayofhope #विचार #उद्धरण #शायरी
read moreJuhi Grover
मैं कभी अर्द्ध विराम या फिर कभी अल्प विराम ही बन पाई थी, तेरे आने के बाद पूर्ण विराम हो गई, और..... और..... ..... ..... तेरे जाने के बाद प्रश्न चिन्ह बन कर रह गई, अब न ही अर्द्ध विराम या फिर अल्प विराम ही बन सकती हूँ, और..... और..... ..... ..... पूर्ण विराम बन कर फिर से प्रश्न चिन्ह नहीं बनना है, प्रायः विस्मयादिबोधक चिन्ह बन कर उद्धरण चिन्ह में आने का भी शायद अवसर मिल ही जाए, मग़र..... ..... ..... निर्देशक चिन्ह बन कर किसी के संवाद का विषय बनना नहीं चाहती मैं। 13.09.2021 #विराम #अर्द्धविराम #अल्पविराम #पूर्णविराम #विस्मयादिबोधक #उद्धरण
13.09.2021 #विराम #अर्द्धविराम #अल्पविराम #पूर्णविराम #विस्मयादिबोधक #उद्धरण #yqhindi #bestyqhindiquotes
read moreHimanshu Fageria
Motivational Quotes || प्रेरक उद्धरण Motivational Quote Inspiration status Shayari Love story
read morePushpendra Pankaj
लिखो सदा प्रत्यक्ष लिखो, बंधकर नहीं ,निष्पक्ष लिखो । लोकतंत्र के हम सब प्रहरी, खुलकर अपना पक्ष लिखो ।। पुष्पेन्द्र पंकज ©Pushpendra Pankaj निष्पक्ष लेखन मर्यादित लेखन
निष्पक्ष लेखन मर्यादित लेखन #कविता
read moreGurudeen Verma
शीर्षक - यही तो जिंदगी का सच है ---------------------------------------------------- सबको पता है और यह सत्य है कि, पहली आवश्यकता है आदमी की, रोटी, कपड़ा और मकान, और इन्हीं के लिए वह, करता है दिनरात इतनी भागदौड़, और बहाता है अपना खून- पसीना, करता है पाप और अनैतिकता भी, जीने को वह सुख- शान्ति से।। भूल जाता है वह, अपनी मंजिल तक पहुंचने में, अपने परिचितों के चेहरे और नाम तक, याद तक नहीं आते हैं उसको, अपने गम और दर्द तक, तोड़कर सभी से अपना रिश्ता वह, जीना चाहता है अकेला होकर, और जी.आज़ाद बनकर वह।। नहीं रहता उसको कुछ भी मतलब, अपने परिचितों और परिवार से, और इसी तरह चला जाता है वह, अंत में अपने सम्बन्ध सभी से तोड़कर, बहुत दूर अपने किसी संसार में, लेकिन वहाँ भी उसको नहीं होता है, किसी से कोई मतलब,प्यार और रिश्ता, यही तो जिंदगी का सच है।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखन
Manmohan Dheer
कोई शब्द वर्जित नही मेरे लिए मैं भाषा को भाषा ही देखता हूँ उपजा प्रयोग हो रहा है प्रचलित अपने लेखन में स्थान देखता हूँ वैसे भी व्याख्या तो तुम ही करोगे मैं तो स्वयं को संवाहक देखता हूँ निर्लज्ज नही चूंकि उत्पादक नही मैं लेखन में भाषा ही देखता हूँ समाज है दोषी जो वर्जित हुए वे मैं तो बस उनमें अर्थ देखता हूँ . धीर लेखन
लेखन
read moreRameshwar Yadav
मैं गैरों से जीतकर एक अपनो से हार गया लगा जैसे मैं अपने सपनों से ही हार गया बहुत गुरुर था मुझे उसके होने का जिसकी बातें मुझे अंदर से मार गई लेखन
लेखन
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