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Stories related to अतिथि शिक्षक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 2020

Parasram Arora

स्थाई अतिथि

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White पुराने गमो को
 जो अभी भी स्थाई अतिथि 
बन कर मेरे साथ मेरे
भीतर रह रहे है और 
जिनसे मै काफ़ी ऊब भी  
चुका हूँ 

मुझे अगर नए गमो को 
अपने भीतर प्रवेश 
कराना हो तो 
ये जरुरी है पुराने गमो 
को अलविदा 
कह दूँ

©Parasram Arora  स्थाई अतिथि

Diya

#मोबाइल जब होता है #हाथ में तो #दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते #ऑनलाइन उसको रूबरू हो जाते हैं, #बेचैनियां होती नहीं🤷‍♂️diyakikalamse✍🏼❤

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White मोबाइल जब होता है हाथ में ,
तो दूरियां लगती नहीं,
जैसी देखते ऑनलाइन उसको ,
रूबरू हो जाते हैं, बेचैनियां होती नहीं🤷‍♂️

©Diya #मोबाइल जब होता है #हाथ में तो #दूरियां लगती नहीं,
जैसी देखते #ऑनलाइन उसको रूबरू हो जाते हैं, #बेचैनियां होती नहीं🤷‍♂️#diyakikalamse✍🏼❤

Anjali Singhal

"जय गणतंत्र जय संविधान, देता सभी धर्मों को मान। भारत की माटी हमारी पहचान, इसकी खुशबू सारे जहान में है विद्यमान। भारतीय-संस्कृति से भी नहीं क

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White "जय गणतंत्र जय संविधान,
देता सभी धर्मों को मान।
भारत की माटी हमारी पहचान,
इसकी खुशबू सारे जहान में है विद्यमान।
भारतीय-संस्कृति से भी नहीं कोई अंजान,
अतिथि को दिया जाता यहाँ पूरा सम्मान।
हर कोई गाता इसका गुणगान,
देखा न कोई वतन जैसा है प्यारा हिंदुस्तान।।"

©Anjali Singhal "जय गणतंत्र जय संविधान,
देता सभी धर्मों को मान।
भारत की माटी हमारी पहचान,
इसकी खुशबू सारे जहान में है विद्यमान।
भारतीय-संस्कृति से भी नहीं क

Nimisha Mishra HI

#teachers_day हम शिक्षक ही नही, बल्कि विशेष शिक्षक है हम सब से अलग शिक्षक है, हम IAS, DOCTOR, ENGEENIOR, नही बनाते, हम अपने बच्चो को समा

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Bharat Bhushan pathak

poetry lovers poetry in hindi hindi poetry on life hindi poetry poetry मकड़ जाल जीवन सखे,इसमें कितने जाल। फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बद

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मकड़ जाल जीवन सखे, कितने इसमें जाल।
फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बदहाल।।
मनुज यहाँ बदहाल,ढूँढ रहा यहाँ रस्ता।
 मुश्किल ढोना हुआ,संघर्षी अभी बस्ता।।
शिक्षक जीवन वही,सब हल करता सवाल।
निकलें हम खुद यहाँ,गहरा भले मकड़ जाल।।

©Bharat Bhushan pathak  poetry lovers poetry in hindi hindi poetry on life hindi poetry poetry
मकड़ जाल जीवन सखे,इसमें कितने जाल।
फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बद
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