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@nil J@in R@J
नवरात्र चौथा दिन माँ कुष्मांडा मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नम:।' स्तुति अष्टभुजा धारे, अंग बल दल कमण्डलु, धनुष-बाण, कमल एक क्षत्र सूर्यलोक वासिनी कुष्मांडा शुभदास्तु नमो नमः !! ध्यान वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढा अष्टभुजा कुष्माण्डा यशस्वनीम्॥ भास्वर भानु निभां अनाहत स्थितां चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्। कमण्डलु चाप, बाण, पदमसुधाकलश चक्र गदा जपवटीधराम्॥ पटाम्बर परिधानां कमनीया कृदुहगस्या नानालंकार भूषिताम्। मंजीर हार केयूर किंकिण रत्नकुण्डल मण्डिताम्। प्रफुल्ल वदनां नारू चिकुकां कांत कपोलां तुंग कूचाम्। कोलांगी स्मेरमुखीं क्षीणकटि निम्ननाभि नितम्बनीम् #NojotoQuote माँ कूष्माण्डा
माँ कूष्माण्डा
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नवरात्र चौथा दिन पूजा विधि माँ कुष्मांडा नवरात्री के चौथे दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा के लिए सर्वप्रथम कलश और सभी देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद माँ के चौथे स्वरुप देवी कूष्माण्डा की पूजा करनी चाहिए. पूजा से पहले हाथो में फूल लेकर व्रत या पूजा का संकल्प करे इसके बाद पूजा सामग्री जैसे- चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, गहने, फूल, इत्र, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, आदि माँ को अर्पित करें। पूजा संपन्न होने के बाद प्रसाद वितरण करना चाहिए. #NojotoQuote चैत्र नवरात्रि माँ कूष्माण्डा
चैत्र नवरात्रि माँ कूष्माण्डा
read moreHIMANI
कूष्मांडा सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥ ©HIMANI #navratri कूष्माण्डा Devi
#navratri कूष्माण्डा Devi #Mythology
read moreAnmol Chaudhary
... माँ कूष्माण्डा ... सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥ ©Anmol Chaudhary #navratri माँ कूष्माण्डा...🔱🪔📿
Suresh Kumar
मंत्र : ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥ प्रार्थना सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥ स्तुति या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ ©Suresh Kumar #मां कूष्माण्डा🙏🏻🌺🌺 #navratri2020
#मां कूष्माण्डा🙏🏻🌺🌺 #navratri2020
read moreAjeet Ajeet
हैप्पी राम नवमी के ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई जस विधिं रखों राम तस विधिं रहियों सिता राम सिता राम कहीयों ©Ajeet Ajeet #राम #नवमी
RJ Prasad...
दिवस गं नवमीचा .. न गुलाबी रंगाचा ... देवीच्या गं मायेचा... वाटे मज अमृताचा...☺️ @ प्रसाद पारेकर... ©RJ Prasad... #Navraatra नवमी
#Navraatra नवमी #मराठीशायरी
read moreBishwa Bijay Sharma
गोस्वामी तुलसीदास ने श्री रामचरित मानस में लिखा है, कलयुग केवल नाम अधारा I सुमिरि सुमिरि नर उतरहि पारा II अर्थ: कलयुग में केवल राम नाम का जाप करने मात्र से मनुस्य भव बंधन से मुक्त होकर भवसागर पार हो जायेगा I भावार्थः कलयुग के प्रभाव को समझने वाले ये जानते थे कि कलिकाल मे मनुष्य धर्म कर्म से विमुख होकर सांसारिक मोह माया में संलिप्त रहेगा, उसे भगवत भजन में अरुचि तथा कलयुगी व्यसनों के प्रति घोर आशक्ति होगी, चूँकि गोस्वामी तुलसीदास जी भविष्य द्रष्टा थे, अतः उन्होंने मनुष्य को धर्म-कर्म की तरफ जोड़ने के लिए ये चौपाई लिखी थी अभिप्राय ये था कि मनुष्य अपनी मुक्ति के उद्देश्य से जब श्री राम नाम का सुमिरन बारम्बार करेगा, तो उसे श्री राम के बारे में जानने की उत्सुकता होगी और वो श्रीराम चरित मानस एवं अन्य धर्म ग्रंथो का अध्ययन करेगा, जिससे उसे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शो और मूल्यों का ज्ञान होगा, और अगर श्रीराम के आदर्शो और मूल्यों में से मनुष्य हजरावां भाग भी आत्मसात कर लेगा तो निसन्देह मनुष्य सभी बंधनो से मुक्त होकर भव सागर पार हो जायेगा I उदाहरण: जिस प्रकार भोजन -भोजन कहने मात्र से भूक नहीं शांत होती, एवं पानी - पानी कहने मात्रा से प्यास नहीं बुझती अपितु भूक के लिए भोजन एवं प्यास के लिए पानी को ग्रहण करने के उपरांत ही भूक एवं प्यास शांत होता है, उसी प्रकार केवल राम नाम जपने मात्र से मुक्ति नहीं मिलती अपितु अपने आचरण में श्री राम के आदर्शो एवं मूल्यों को आत्मसात करने के उपरांत ही मुक्ति मिलती है I जै श्री सीता राम I ✍️विश्व विजय राम नवमी
राम नवमी
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