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sandy
१ #ऑक्टोबरपासून नियमांत झालेले महत्त्वपूर्ण बदल :- ----------------------------- १ ऑक्टोबरपासून केंद्र सरकारच्या वतीने घेण्यात आलेल्या पाच
१ #ऑक्टोबरपासून नियमांत झालेले महत्त्वपूर्ण बदल :- ----------------------------- १ ऑक्टोबरपासून केंद्र सरकारच्या वतीने घेण्यात आलेल्या पाच #story #nojotophoto
read moreRabiya Nizam
दंश (In Caption) Part - I Chapter - 6 "आप अनु हैं" "जी हां" "आपसे तनु के बारे में कुछ पूछना है" "अंदर आइए"
A NEW DAWN
दंश (In Caption) Part - I Chapter - 6 "आप अनु हैं" "जी हां" "आपसे तनु के बारे में कुछ पूछना है" "अंदर आइए"
JALAJ KUMAR RATHOUR
सम्मान हमेशा "सभी लोग अपने राइट सीधे लाइन में खड़े हो जाओ वार्डन सर आ रहे हैं और चुप हो जाओ।" हॉस्टल के सीनियर ने कहा।मेरे और मेरे जैसे नए बच्चों ,जिन्हे फ्रेशर या जूनियर के नाम से बुलाया जाता था सभी सतर्क खड़े हो गए।तभी हमारे पीछे से होते हुए एक मुस्कान के साथ कुर्ते और पजामे में ,गोल ग्लासों वाला चश्मा लगाए हुए एक व्यक्ति का आगमन हुआ।जिन्हे देख कर सभी सीनियरों ने "राधास्वामी सर" बोलकर संबोधित किया।उनके पीछे से हम जूनियरों ने भी।उन्होंने उस दिन बताया कि उनका नाम हंसराज है और वो इस हॉस्टल के रेजिडेंस वार्डन व यूनिवर्सिटी की एंटी रैगिंग कमेटी के मेंबर।उन्होंने बताया कि एक वक्त वो भी इसी हॉस्टल के कमरा नंबर 6 में हमारी तरह रहते थे।उन्होंने हम सभी का हॉस्टल में स्वागत किया और किसी भी प्रकार की समस्या के लिए हमारे हॉस्टल के कैप्टन नेत्रपाल सर से संपर्क करने के लिए कहा।वो हंसराज सर से पहली मुलाकात थी और हमारी फेयरवेल के दिन आखिरी।आखिरी दिन उन्होंने कहा था की जीवन में कभी भी अपने मां, पापा, इस यूनिवर्सिटी और हॉस्टल का नाम मत झुकने देना।वो दिन अलग ही था।हम सब की आंखों में आंसू थे जिन्हे देख कर हम एक दूसरे पर हंस रहे थे।कुछ दिनों बात पता चला था की हंसराज सर को इंजीनियरिंग फैकल्टी का डीन बना दिया गया है।हम सब लोगों ने उन्हें बधाइयां दी थीं। आज सुबह नींद खुलने के साथ जब सर के निधन की खबर सुनी तो मन को विश्वास नहीं हुआ पर कुछ बातों को मानना पड़ता है। सर से जुड़ी बहुत सी यादें हैं जो अब सिर्फ मेरे ह्रदय में हीं रहेंगी।सर में उन दो सालों में हमे अपने बच्चों की तरह प्रेम दिया था और किसी भी वक्त हमारे लिए हाजिर होते थे।पता नही अब जब भी हॉस्टल के सामने से गुजरने पर आपके घर की तरफ नजर जाएंगी तो खुद को कैसे संभाल पाऊंगा।आप सभी से निवेदन है अपना और अपनो का ख्याल रखे इस वक्त जीना नहीं जिंदा रहना जरूरी हैं।क्युकी आप पर अपनो की जिम्मेदारियां हैं।मास्क का प्रयोग करिए और घरेलू नुस्खों का प्रयोग करिए।किसी को खोने का मतलब जीने की एक और आशा का काम होना होता है। ...#जलज कुमार (EX-Hostler ©JALAJ KUMAR RATHOUR "सभी लोग अपने राइट सीधे लाइन में खड़े हो जाओ वार्डन सर आ रहे हैं और चुप हो जाओ।" हॉस्टल के सीनियर ने कहा।मेरे और मेरे जैसे नए बच्चों ,जिन्हे
"सभी लोग अपने राइट सीधे लाइन में खड़े हो जाओ वार्डन सर आ रहे हैं और चुप हो जाओ।" हॉस्टल के सीनियर ने कहा।मेरे और मेरे जैसे नए बच्चों ,जिन्हे #जलज
read moreMohit Mudita Dwivedi
भगत, यह पत्र नहीं माफ़ीनामा है या ये कह लो कि तुम्हें बताना चाहता हूँ कि तुमने यूँ ही शहादत देदी यहाँ कुछ नहीं बदला । माफ़ कर देना हमें । माफ़
भगत, यह पत्र नहीं माफ़ीनामा है या ये कह लो कि तुम्हें बताना चाहता हूँ कि तुमने यूँ ही शहादत देदी यहाँ कुछ नहीं बदला । माफ़ कर देना हमें । माफ़ #letter #shaheeddiwas #nojotohindi #mohit #bhagatsingh #TMPNojoto
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दंश (In Caption) Part - I Ch- 10 "मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे
"मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे #Thriller #StoryTeller #yqdidi #crime #suspense #novella #longform #anewdawnदंश
read moreRabiya Nizam
दंश (In Caption) Part - I Ch- 10 "मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे
"मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे #Thriller #StoryTeller #yqdidi #crime #suspense #novella #longform #anewdawnदंश
read moreRabiya Nizam
दंश (In Caption) Part - I Ch - 16 Finale झींगुर की आवाज़ के बीच नीम की पत्तियों की उस झुरमुट निकल कर हवा ने खिड़की के पल्लों पर दस्तक दी तो जैसे यादों का ज्वार वापस समय के उस काले स
A NEW DAWN
दंश (In Caption) Part - I Ch - 16 Finale झींगुर की आवाज़ के बीच नीम की पत्तियों की उस झुरमुट निकल कर हवा ने खिड़की के पल्लों पर दस्तक दी तो जैसे यादों का ज्वार वापस समय के उस काले स