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Mahfuz nisar
शीर्षक ::::::::: आटा फैक्ट्री रोटी नहीं बन पायी, आटा बहुत था, पूरी फैक्ट्री थी, बस मेरे पैसे ख़तम हो गए मैंने घर जा सकूँ इसलिए सारे पैसे से एक साइकिल ख़रीद ली मैं कहीं नहीं हूँ। ✍महफूज़ शीर्षक ::::::::: आटा फैक्ट्री
Suraj Suryvanshi
वक्त नही था साहब प्यार का_ वैसे तो पूरा शहर घूम चुके हे। ©Suraj Suryvanshi सायरी क्लब #LastNight
Manisha sinha
प्यार में तो सरे ..आम किया....... था तुमने फिर बेवफाई का इल्ज़ाम दिया..... था तुमने हंस कर रहना...और तुम्हे हंसना यही फितरत थी मेरी फिर किसी और के नाम से रुलाया था तुमने वो अहेसास ही नहीं तुमसे मिलने का क्यों की रुलाने का जिम्मेदारी हर बार लिया था तुमने प्यार में तो सरेआम किया था तुमने फिर बेवफाई का इल्ज़ाम दिया था तुमने ©Manisha sinha मनीषा सिन्हा शायरी क्लब #lovetaj
Ek villain
रामलाल की साबुन फैक्ट्री दी साबुन बहुत लोकप्रिय हुआ तो अधिक लाभ घुटने के चक्कर में ज्यादा मिला मिलावट शरण में गमछी हो जाते नतीजा उनके साबुन से कपड़े साफ होने की वजह फटने लगे आखिरकार उपभोक्ताओं ने उनके उत्पाद को नमस्ते कह दिया मगर पापी पेट पालने के लिए कुछ तो पुणे करना ही था तो उन्होंने अपनी फैक्ट्री की कवि फैक्ट्री में बदल दिया लोग कल महा कवियों को पता चला कि कभी सर्दी में कविता की मरम्मत होती है और फिर वह वहां से छनकर एक कार्य कविता निकलती है तो फैक्ट्री में कवियों की घनघोर दामाद होने लगी धामी ने हर कविता सुनने का अपना रेट फिक्स कर दिया कुछ दिन तक तो मामला ठीक चला लेकिन फिर यह कभी को ऐतराज होने लगा कि मेरी कविता की कुछ ज्यादा ही चीर फाड़ हो रही है कभी एक दूसरे से झगड़ने लगे वसंत पंचमी पर हुई कसौटी में तो मारपीट की नौबत आ गई एक नए काम है निराला हूं दूसरा बोला मैं निराला का साला हूं तीसरा चीका में दिनकर से कम नहीं यह सुन चौथा हजारे अरे मैं तो कुछ दम नहीं तभी पांचवी आवाज आई में महादेवी वर्मा बन रही हूं बस यही वह क्षण था जिसने व्यवस्थित मास कारों को वीडियो बनाया उसे वायरल करने का अवसर दे दिया गजब का कोई जलीय वीडियो बना भाई ©Ek villain #कभी फैक्ट्री की अद्भुत उत्पादन #MusicLove
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी खूब घुटी पचपन बचपन की यारी बातो बातो में ही बन गये हम संस्कारी दादा दादी के अनुभवो से चल रही हमारे जीवन की गाड़ी मगर अब दौर बदचलन हो रहा है दादा दादी वृद्धाश्रम में बच्चे होस्टलों में पल रहे है पव क्लब की संस्कृति में भारत के संस्कार बलि चढ़ रहे है रिलेशन शिप में रहकर बन्धन पाणि संस्कार का भूल रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #deargrandparents पब क्लब की संस्कृति में #deargrandparents