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madhavi madhu
कुछ सवाल जो कल थे वो आज भी रह गए वक़्त के साथ जैसे सारे ख्वाब ढल गए कुछ लम्हों का सफर हमसे भूलता नही जाने कहानी के कौन से किरदार रह गए, माधवी मधु ©madhavi madhu hindi poetry on life poetry lovers poetry hindi poetry poetry on love
wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry-on-life" class="text-blue-400" target="_blank">whindi wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry on life wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry lovers wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">whindi wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry on love
read moreकाव्यांकुर तो_मयुर सं. लवटे
White ⚫ खरा व्हॅलेंटाईन – १४ फेब्रुवारी २०१९ ⚫ सगळीकडे पसरला होता लाल लाल रंग, समदं जग साजरा करत होता व्हॅलेंटाईन, इकडे मात्र लाल गळद रक्तानं, शौर्याने पेटून उठलाय भारताचा सैनिकवाइन... प्रेमाच्या गोड गोड वचनांना, तो फुलांचा साज चढवत होता, इथे मात्र रणभूमीवरती, माझा वीर रक्त सांडवत होता... कुणी प्रेमाच्या गोड शब्दांत, आपलं प्रेम व्यक्त करत होता, इथे मात्र या मातृभूमीसाठी, सैनिक स्वतःचं जीवन अर्पण करत होता... प्रियकर गुलाबाच्या नाजुक पाकळ्यांत, त्याच्या प्रेयसीचं नाव कोरत होता, इथे मात्र पेटत्या चितेवर पडून, एक वीर तिरंग्याशी गोंजारत होता... शत्रूने आत्मघाती धोका करून, पाठीतून त्यांनी वार केला होता, धरतीपुत्र वीरांनी मरण स्वीकारून, देशासाठी आज बलिदान दिला होता... स्वतःचं रक्त सांडवून या धरणी साठी, त्यांनी त्यांच्या प्रेमाचा नजराणा दिला होता, प्रेम म्हणजे त्याग, सन्मान आणि बलिदान, असा व्हॅलेंटाईन त्यांनी साजरा केला होता... सलाम त्या अमर शूरवीरांना कारण त्यांनीच दाखवलं, काय असतं खरं प्रेम, काय असतं खरं बलिदान! 🇮🇳 जय हिंद! 🇮🇳 ©मयुर लवटे #Thinking #BlackDay #India #Poetry #Nojoto poetry sad poetry
ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ
Mere Jaise Ban Jao Gay, Jab Ishq Tumhein Ho Jaye Ga, Diwaron Se Takrao Gay, Jab Ishq Tumhein Ho Jaye Ga, Tanhai K Jhoolay Jhoolo Gay, Har Baat Purani Bhoolo Gay, Aainey Se Ghabrao Gay, Jab Ishq Tumhein Ho Jaye Ga, Jab Sooraj Bhi So Jaye Ga, Aur Chand Kahin Kho Jaye Ga, Tum Bhi Ghar Dair Se Aao Gay, Jab Ishq Tumhein Ho Jaye Ga, Bechainiyan Jab Bhar Jayeingi, Aur Yaad Kisi Ki Aye Gi, Tum Meri Ghazalein Gao Gay, Jab Ishq Tumhein Ho Jaye Ga... ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #Jab_ishq_tumhen_ho_jayega.. hindi poetry on life poetry on love poetry lovers
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read moreM Diwakar
White 26 जनवरी 1950 का, वह मंजर याद आने लगता है, हवा में जब तिरंगा प्यारा, लहराने लगता है, आंखें नम हो जाती हैं, तब, जब याद शहादत की आती है, मिसाइलों से दे कर सलामी, हम उनको याद करते हैं, दे दी थी शहादत अपनी, हम उनकी शहादत को, एक बार नहीं, बार-बार सलाम करते हैं। ©M Diwakar #happy_independence_day #26January #Desh #India #indain #bharat poetry lovers love poetry in hindi Hinduism poetry hindi poetry on life
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read moreBharat Bhushan pathak
Jai Shri Ram पुत्र कामयेष्टि यज्ञ विकल्प।पूर्ण करे जो सदा संकल्प।। गुरु वशिष्ठ से दशरथ कहते।चरण कराने उनके गहते।। वशिष्ठ बोले उनसे ऐसे ।ना हैं ज्ञानी श्रृंगी जैसे।। यज्ञ कराने को आमंत्रण।चाह कैकेयी को निमंत्रण।। तुम सुन लो राजन् भिक्षु बन लो।चरण धरो जा बस यह सुन लो।। पैदल चलकर दशरथ जाते।आश्रम जाके शीश नवाते।। वह मुनि चरण अश्रु से धोकर। कहा द्रवित यह उनसे होकर।। पुत्र कामना मन में इच्छा।पूरित होने देवें दीक्षा।। ©Bharat Bhushan pathak #jaishriram poetry lovers hindi poetry hindi poetry on life poetry poetry on love
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read moreसुलगते लफ्ज़-S.k. Shaayar
Unsplash 🌹💔💔🌹 एक आरजू दिल में दबी रह गई एक बात उसे अनकही रह गई प्रेम उसके दिल से हवा हो गया उसके रुखसार पे बेरुखी रह गई उसे नापसन्द था मेरा दिल लगाना या मेरे प्यार में कुछ कमी रह गई गुलाब रक्खे किताबों में मुरझा गये जेब में इक अंगूठी रखी रह गई मुझे छोड़कर के बहुत खुश है वो मेरी यूं फकत जिंदगी रह गई ✍️💔💔✍️ ©सुलगते लफ्ज़-S.k. Shaayar #lovelife hindi poetry hindi poetry on life poetry on love poetry quotes poetry poetry in hindi
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read moreVIMALESH YADAV
White टाइम्स ऑफ इंडिया की शुरुआत व्यापारी समुदाय के लिए 3 नवंबर 1838 को मुंबई से ब्रिटिश राज के दौरान हुई। शुरुआत में इसे बम्बई टाइम्स और जर्नल ऑफ़ कामर्स के नाम से जाना जाता था। हर शनिवार और बुधवार को प्रकाशित होने वाला यह द्वि-साप्ताहिक संस्करण यूरोप, अमेरिका और उप महाद्वीपों के समाचारों से भरपूर होता था। 1850 में इसका दैनिक संस्करण शुरू हुआ और 1861 में इसका नाम "टाइम्स ऑफ इंडिया" पड़ा। 19वीं सदी में टाइम्स ऑफ इंडिया ने 800 से अधिक लोगों को रोजगार दिया और भारत व यूरोप में इसका प्रसार बढ़ता गया। मूलतः यह अखबार ब्रिटिश लोगों के नियंत्रण में था। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस समाचार पत्र का स्वामित्व डालमिया के प्रसिद्ध औद्योगिक परिवार को सौंपा गया। बाद में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। संपादकीय पक्ष को कमजोर करके, इसने अपने बिजनेस, प्रसार, और तकनीक को अधिक मजबूत बनाया, जिससे यह देश में सबसे अधिक लाभ कमाने वाला अखबार बन गया। ©VIMALESH YADAV times of India #sad_quotes #vimaleshyadav
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read moreVijay Vidrohi
शहीद देशभक्त उधम सिंह लंदन में जाकर जिसने दुश्मन को ललकारा था जलियांवाला बाग का कातिल जनरल डायर मारा था। बचपन में जो मंजर देखा दिल में ठान लिया था तभी, उसके बुलंद हौसलों आगे पूरा इंग्लैंड हारा था। जलियांवाला बाग में जिसने नरसंहार मचाया था किसान मजदूर की आम सभा पर गोली वह चलवाया था। उधम सिंह की आंखों में एक दहक रहा अंगारा था। जलियांवाला बाग का कातिल जनरल डायर मारा था धुन के पक्के होते देशभक्त कभी नहीं घबराते हैं, देश की रक्षा खातिर अपना तन मन धन लुटवाते हैं। उधम सिंह ने अपना जीवन देश की खातिर वारा था। जलियांवाला बाग का कातिल जनरल डायर मारा था। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Vijay Vidrohi उद्यम सिंह जयंती #Udhamsingh #my #new #Poetry #love #india #Life punjabi poetry hindi poetry on life urdu poetry sad Extraterrestrial l
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read moreVijay Vidrohi
सूख गए हों सबके प्राण झुक गया हो आसमान 6 दिसंबर 1956 को जब हुआ बाबा साहब का महापरिनिर्वाण। छोड़ गए हम सबका साथ रहा नहीं है सर पर हाथ उनके बिन अब कौन करेगा वंचित पिछड़ों के हकों की बात। खुद मर कर किया बुद्ध को जिंदा हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा आज तलक है मिशन अधुरा बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा। ©Vijay Vidrohi बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस #my #new #poem #tribute #babasaheb #Poetry #love #Constitution #india #Life poetry poetry
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read moreबोलती दीवार
White सुनो, मैं जब भी मांगूंगा तुमसे तुम्हारा वक्त मांगूंगा कब, कहाँ, कैसे हो इसका ज़िक्र मांगूंगा वक्त-बेवक्त कॉल करने का हक़ मांगूंगा बिन बात के मेरे लड़ने पर तुम्हारा सब्र मांगूंगा अलसायी-सोयी सी तुम्हारी तस्वीर मांगूंगा मैं जब भी मांगूंगा तुम्हें- तुमसे थोड़ा और मांगूंगा !! ©बोलती दीवार #love_shayari hindi poetry on life poetry poetry on love
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