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Abhay (pathik)
🥰 you 🥰 कैसे बताऊ कि क्या हो तुम अँधेरे को मात देती सुबह हो तुम दिल से निकलती दुआ हो तुम मेरे मुस्कुराने की वजा हो तुम रोशनी से जगमगती समा हो तुम मोहब्बत और मेरी जां हो तुम ©अभय (पथिक) #tereliye #turelove #mornigquotes #Life❤ #lifelineofmylife R K Mishra " सूर्य " Dishant self riddles Mr aman Thakur Prince कवि आलोक मि
Ravendra
GRHC~TECH~TRICKS
प्रथम श्रवण विधा की 9 अवधारणाएं ******************************** 1.केवल श्रवण विधा से ही एक अधर्म को धर्म रूप मानना का मुल कारण है वर्तमान काल के आधुनिक युग में समस्त पृथ्वी पर । 2.एक श्रवण विधा से अपुर्ण ज्ञान को पुर्ण ज्ञान द्वारा से न जानना का मुल कारण भी है। 3. स्पष्टता से श्रवण विधा की सात कलाऔ से अवलोकन नहीं करना उनका घोर अंधकार को । अज्ञान रूप से इसे पुर्ण प्रकाश रूप में समझना का मुल कारण है । 4.पाखण्ड रूपी तुच्छ अनुभूति को वास्तविक रूप में न समझना एक अधर्मी रुपी अवधारणाएं पैदा करती रहती है निरंतर। 5.अपने आपको शैतान जानना और दुसरे को श्रेष्ठता से समझते चलना खुद के विश्वास अनुभव को खत्म करके एक चलन से पुर्ण अन्धविश्वास में बदलने का मुल कारण एक पुर्ण भ्रम की जड़ ही है। हर पल पुरुषार्थ शक्ति और नारी शक्ति आज़ अपने हृदय में समस्त पृथ्वी पर। 6. आपके पुरुषार्थ शक्ति/नारी शक्ति के सम्पुर्ण शरीर में ही समस्त ब्रह्माण्ड का ज्ञान आन्तरिक पृवति में अच्छी तरह संजोए रखा है । इस युग में आपका ज्ञान ही समस्त पृथ्वी पर भौतिक जीवन में बाहरी पृवति खोजने से तुच्छ साहस से खोजते जा रहे है। निरंतर दिन-प्रतिदिन। 7.अपने अनुभव को खत्म करके औरौ की संस्कृति और प्रकृति से अनुभव प्रस्तुत कर रहा है /रहे है अपने ग्रहस्थजीवन काल में। इसलिए स्वयं का शत्रु खुद हो रहे है निरंतर अभ्यास के तुच्छ ज्ञान से। 8. माता और पिता को केवल जन्मदाता मानकर धीरे- धीरे संस्कार रूपी पवित्र मोक्षदायिनी मार्ग को त्यागकर जाने से। अपने तुच्छ गुरुऔ के पाखण्ड को अपनाकर अधोगति मार्ग को स्वयं खोजकर ला रहे है अपने ग्रहस्थजीवन काल मैं। 9. स्वय ही अपना उद्धार कर सकते है तुम सभी , यही उद्धार आपके माता-पिता, पितृऋण से मुक्त कर देगा। आपकों एक दिन अन्धकार रूप संसार वृक्ष से इस पथ पर भटकने से रुप एक अवधारणाएं पैदा करना है यही भुल आपकी अधोगति का रुप है। यह मेरी वाणी श्री गीता जी गुप्त रहस्य भाव है। ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #tereliye प्रथम श्रवण विधा की 9 अवधारणाएं ******************************** 1.केवल श्रवण विधा से ही
Pooran Shanti
ग्राम प्रधान पोखरी पौड़ी गढ़वाल अनीता
NEERAJ SIINGH
स्त्री के जज्बात स्त्री के द्वारा ओ स्त्री तुमनें इन्हें अपने शब्दों में क्या खूब हैं उतारा.... Dedicating a #testimonial to अनीता विजयवर्गीय #neerajwrites
Rajat N Bharadwaj
*देवी मेरो घरको देवालमा टासिएकी ,, माँ भगवतिको ठुलो तस्वीर हेर्दा म सोचने गर्थे दुर्गा शक्तिशाली छन जब बर्षको दुई चोटी दशै आउथो अनि म तिन दिन सम्म जय दुर्गा गाउथे मलाई लाग्थो साचै दुर्गानै सबै भन्दा ठुली हुन । तर ,,, यो संसारमा दिउसो घाम उदाउदा ति तारा अनि जुन विलाए जस्तै ,,,,, देवी पनि चोउथो दिन फुल पाति हुदि रछि म बड़दै ग्ए यो संसार देख्दै ग्ए ,,, मानो जो देखिन्छ तो कहिलै साचो हुदैन देवी पुजने पुजारीत आफ्नी देवीलाई बुजदैन । अनि म चै बुजदै ग्ए कुरा केचै रछ मानो मासु खान खसी घरमा पाले जस्तै सायद देवीलाई लुटनै देवी पुजीने गर्दा रछुम हामी ! तिमि भगवती स्वरुप भनि घरकि देवीलाई तीन दिने पुजा गरि माँ भगवतीलाई देवीकै अस्मिता लुटन खोज्दा रछुम हामी। ✍🏻रजत भारद्वाज देवी
Jyoti Nawhal
इसकी खूबसूरती वो भी नजाकत में लिपटी सी नजाकत भी मासुमियत से लबरेज सी और इसकी मासुमियत रूहानियत की गुलाम सी #देवी
maher singaniya
देवी में देवी तो कहलाती हूं, पर कोख में मारी जाती हूं मां अगर बचाती है, तब दुनिया में आती हूं। फिर दुनिया में आते ही चैन कहा में पाती हूं सड़कों में हर गलियों में नोच कर खायी जाती हूं। में देवी तो कहलाती हूं पर कोख में मारी जाती हूं। हूं तो में छोटी बच्ची पर बहुत सताई जाती हूं सहेती हूं में जुल्म तमाम और बहोत रुलाई जाती हूं मां अब ना मुझे बचाना तुम, न कोख से बाहर लाना तुम। में देवी तो कहलाती हूं पर नोची खायी जाती हूं। ©maher singaniya देवी...