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CHOUDHARY HARDIN KUKNA
चौधरी हरदीन कूकना ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स बुजुर्ग महिलाओं से बोरला लूटने वाली गैंग का भंडाफोड़ः डीडवाना-कुचामन पुलिस ने दो आरोपियों को दबोचा, प्लान बनाकर
प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स बुजुर्ग महिलाओं से बोरला लूटने वाली गैंग का भंडाफोड़ः डीडवाना-कुचामन पुलिस ने दो आरोपियों को दबोचा, प्लान बनाकर
read morebrar saab
White सीखना उद्देश्यपूर्ण है अर्थात् इसके अभाव में व्यक्ति नहीं सीख सकता। सीखना अनुभवों का संगठन है। सीखना नवीन कार्य करना है। सीखना खोज करना है, मर्सेल के अनुरूप, "सीखना उस बात को खोजने व जानने का कार्य है, जिसे एक व्यक्ति खोजना एवं जानना चाहता है।" ©brar saab #sad_quotes #सीखना उद्देश्यपूर्ण है अर्थात् इसके अभाव में व्यक्ति नहीं सीख सकता। #सीखना अनुभवों का संगठन है। सीखना #नवीन कार्य करना है। स
#sad_quotes #सीखना उद्देश्यपूर्ण है अर्थात् इसके अभाव में व्यक्ति नहीं सीख सकता। #सीखना अनुभवों का संगठन है। सीखना #नवीन कार्य करना है। स
read moreGhanshyam Ratre
छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत चुनाव ©Ghanshyam Ratre ग्राम पंचायत चुनाव
ग्राम पंचायत चुनाव
read moreGhanshyam Ratre
नारी बिना अधूरा है संसार है। नारी शक्ति का है जयजयकार।। राष्ट्रीय महिला दिवस के शुभ अवसर पर सभी महिला माता बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं! ©Ghanshyam Ratre राष्ट्रीय महिला दिवस
राष्ट्रीय महिला दिवस
read moreShilpa Yadav
White बड़ी बेशरम होती है ये शर्म केवल महिलाओं के लिए लागू होती है लज्जा का पाठ पढाया जाता है ढोंगी संस्कार सिखाया जाता है अपने ही घर में मेहमान बताया जाता है नई रीति-रिवाज और हजारों ढोंग इन सबका भ्रमार मचाया जाता है आये दिन इनको सताया जाता है ये वक्त है कदम उठाने का कुछ आगे कर जाने का शिक्षित होकर ,ज्ञान जुटाने का फिर महिलाओं को आगे आने का धीरे धीरे जब आवाज उठेगी इनकी तब आवाम जगेगी एक कदम तुम साथ निभाओ आगे हम स्वयं चल जायेंगे वरना सदियों से जिस दलदल में हैं वहीं पे फंसकर रह जायेंगें है उत्थान हमें खुद का करना हम आवाज जरूर उठायेंगें।। ©Shilpa Yadav #Thinking #women#स्त्री#महिला#shilpayadavpoetry#women_equality ANOOP PANDEY Vishalkumar "Vishal" Yogendra Nath Yogi Bhardwaj Only Budana
#Thinking #Women#स्त्री#महिला#shilpayadavpoetry#women_equality ANOOP PANDEY Vishalkumar "Vishal" Yogendra Nath Yogi Bhardwaj Only Budana
read moreNarendra Vyawhare
लहानपणी शाळेत जायचो तेव्हा विद्धेची देवता म्हणून 'देवी सरस्वती' ची ओळख झाली, पण जेव्हा पुस्तकं वाचली तेव्हा कळालं की हिच पुस्तक वाचता यावी म्हणून स्त्री समाजाला स्वतंत्र जगता यावं आणि गोरगरिबांची लेकर सुशिक्षित व्हावी यासाठी सावित्री ज्योतीनी पुढाकार घेऊन आम्हला स्वतःच्या पायावर उभ केल.ना की कुण्या देवी -देवतांनी. ©Narendra Vyawhare महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मादक पदार्थ की तस्करी ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA *श्री हनुमान प्रसाद, पुलिस अधीक्षक, जिला डीडवाना-कुचामन के निर्देशन में पुलिस मुख्यालय द्वारा "अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु विशेष अभिया
*श्री हनुमान प्रसाद, पुलिस अधीक्षक, जिला डीडवाना-कुचामन के निर्देशन में पुलिस मुख्यालय द्वारा "अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु विशेष अभिया
read moreअदनासा-
अश्लेष माडे (प्रीत कवी )
हाडामासाचा फक्त शरीर नव्हे जन्म देणारी जन्मदात्री आहे ती नऊ महिने वेदना सहन करणारी वेदनारहित 'स्त्री' आहे ती.. फक्त संभोगासाठी नसते 'स्त्री' जन्म आणि पोषण असे दर्शन एकावेळी देणारी आहे ती दोन मासाचे गोळे आणि योनी एवढंच बघतो पुरुष खरं तर प्रचंड वेदना सहन करून जन्म देणारी 'स्त्री'आहे ती... प्रेम तिच्या शरीरावर की तिच्यावर असतं ? प्रसूती च्या वेळी पुरुषाला लाजवणारी आहे ती करावीच माणसाने एकदा स्त्री ची प्रसूती कळेलच किती कणखर आहे ती... नुसती हौस पूर्ण करण्यासाठी नसते पुरुषाला पूर्ण करणारी आहे स्त्री आहे ती कोणासाठी काहीही असो तिला बघण्याचा दृष्टिकोन आई,बहीण,बायको अशा अनेक नात्यांची जन्मदाती आहे ती... ©अश्लेष माडे (प्रीत कवी ) मराठी कविता संग्रह महिला दिन मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी मराठी कविता संग्रह
मराठी कविता संग्रह महिला दिन मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी मराठी कविता संग्रह
read moreDeepali Singh Chauhan
Unsplash केंद्रीय विद्यालय संगठन का सफ़र 15 दिसंबर 1963 में हुआ था गठन, सेंट्रल स्कूल के नाम से शुरू हुआ था संगठन। 20 रेजिमेंटल विद्यालय बने थे देने को शिक्षा, उनके बच्चों को जो करते हैं देश की सुरक्षा। शिक्षा मंत्रालय की और से देश को मिला वरदान था, 1965 को संगठन को मिला नया नाम था। ज्ञान की रोशनी लेकर फैलाया उजियारा, देश से विदेश तक बढ़ा संगठन हमारा। देश को 1,253 विद्यालयों की मिली हुई है सौगात, जहां ज्ञान विज्ञान से चमकता भविष्य प्रभात । विदेश में विद्यालय हैं काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में, केंद्रीय विद्यालय संगठन सर्वोपरि संगठन है ज्ञान में। चलो बात करते हैं संगठन के मिशन की, 'तत् त्वं पूषन् अपावृणु' ध्येय लेकर संगठन के विजन की। विद्यालयी शिक्षा को उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाना है, शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग और नवाचार को बढ़ाना है। राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना को विकसित करना है , छात्रों की प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता को पोषित करना है। तमसो मा ज्योतिर्गमय के साथ तक्षशिला और नालंदा का इतिहास दोहराना है, भारत का स्वर्णिम गौरव केंद्रीय विद्यालय को लाना है। आओ इस 62वें स्थापना दिवस पर हम करते हैं ये प्रण, शिक्षा, ज्ञान – विज्ञान से उजला हो भारत का कण कण। ©Deepali Singh Chauhan #Book केंद्रीय विद्यालय संगठन
#Book केंद्रीय विद्यालय संगठन
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