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Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
Internet Jockey
इतने बड़े आसमान में चांद कभी छोटा लगता है जगमाते तारों के बीच कभी वो सिक्का खोटा लगता है ©Internet Jockey इतने बड़े आसमान में चांद कभी छोटा लगता है जगमाते तारों के बीच कभी वो सिक्का खोटा लगता है photo by Amit
Internet Jockey
दिखता नहीं पर दिन में भी होता है सुबह संग हंसता, शाम को रोता है रात को भी नही वो सोता है मानों चांद भी एक सिक्का खोटा है ©Internet Jockey दिखता नहीं पर दिन में भी होता है सुबह संग हंसता, शाम को रोता है रात को भी नही वो सोता है मानों चांद भी एक सिक्का खोटा है
SanDeepDing
अभी होंसलो की जंग से लौटा कहां है, माना मुश्किल बड़ी तो तूं छोटा कहां है..। बातें बना रहें हैं जो तेरी कीमत को लेकर, बता उनको तूं सिक्का खोटा कहां है..।। 🔏💯🎯💪 ©SanDeepDing 🔏💯🎯💪🔥 अभी होंसलो की जंग से लौटा कहां है, माना मुश्किल बड़ी तो तूं छोटा कहां है..। बातें बना रहें हैं जो तेरी कीमत को लेकर, बता उनको तूं स
Vikas Sharma Shivaaya'
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते-अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:। ॐ कालभैरवाय नम:। ॐ भयहरणं च भैरव:। ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं। ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्। विश्वास की डोरी टूटे न दरबार तुम्हारा छुटे न-चमत्कार कुछ ऐसा करो के बेटा तुझसे रूठे ना तेरी मेरी प्रीत पुरनी याद है या फिर भूल चुके-या बाबा आँखों में तुम्हारे बन कर के शूल चुभे-तूने लिखी थी किस्मत जो किसी और के हाथो टूटे ना- चमत्कार कुछ ऐसा करो के बेटा तुझसे रूठे ना सदा ही रखा मान मेरा हर वक़्त हर घडी पग पग में-बन के लहू तेरी भगती संवारा बेहती थी मेरे रग रग में-तेरी किरपा से भरा जो गागर किसी भी कारण फूटे ना-चमत्कार कुछ ऐसा करो के बेटा तुझसे रूठे ना मान लिया सब गलती मेरी मैं नालायक बेटा हूँ -हाथ पकड़ के हाथ न छोड़ो माना सिक्का खोटा हूँ -तूने दिया है विकास को जो कुछ और कोई इसे लुटे ना -चमत्कार कुछ ऐसा करो के बेटा तुझसे रूठे ना 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते-अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:। ॐ कालभैरवाय नम:। ॐ भयहरणं च भैरव:। ॐ ह्रीं बं बटुकाय आप
रजनीश "स्वच्छंद"
क्या गारंटी है।। सज़दे में सर झुका तो दूँ, कटेगा नहीं, क्या गारंटी है। बहते पवन को रुका तो दूं, बहेगा नहीं, क्या गारंटी है। सच और झूठ की उलझन में कैसे कोई मैं बात कहुँ, सच मे ये दिल लगा तो दूँ, हटेगा नहीं, क्या गारंटी है। ईमान हुआ सिक्का खोटा, अभी चला अभी बैठ गया, बिकने को इसे सजा तो दूँ, छलेगा नहीं, क्या गारंटी है। कोई दर्द बड़ा ही ज़ालिम है, मिटने से ज्यादा बढ़ता है, मैं जो आज इसे मिटा भी दूँ, बढ़ेगा नहीं, क्या गारंटी है। अपना ही साया दुश्मन अपना, अंतर्मन की लड़ाई है, आज मैं सन्धि कर तो लूं, लड़ेगा नहीं, क्या गारंटी है। कुछ बातें चुभीं दिल को ऐसे, ज़ख्म बड़ा ही गहरा था, प्रत्यंचा तो मैं चढ़ा भी दूँ, तनेगा नहीं, क्या गारंटी है। याद तो बच्चे होते हैं, वक्त के साथ ही बढ़ते जाते हैं, यादों को आज भुला भी दूँ, पलेगा नहीं, क्या गारंटी है। कंकड़ पत्थर और तिनका, मन मे घर की चाह रही, नींव तो पक्की कर भी दूँ, ढहेगा नहीं, क्या गारंटी है। मन मे कुछ अवसाद लिए, बर्फ़ हुआ था दिल भी मेरा, मैं आज इसे पिघला भी दूँ, जमेगा नहीं, क्या गारंटी है। हर बात मैं सच ही कहता हूं, किस्सा ये तेरा मेरा है, दिल पे दस्तक जो दे दूं, धड़केगा नहीं, क्या गारंटी है। ©रजनीश "स्वछंद" क्या गारंटी है।। सज़दे में सर झुका तो दूँ, कटेगा नहीं, क्या गारंटी है। बहते पवन को रुका तो दूं, बहेगा नहीं, क्या गारंटी है। सच और झूठ की उल
Mayank Sharma
हाँ, घर में सबसे छोटा हूँ मैं 😝 (कविता अनुशीर्षक में) जरूर बताएं कैसा है 🙂 Dedicated to all 'घर का छोटा' in #yourquotefamily कभी बिन बात के रूठ जाता हूँ मैं तो कभी जरा सी बात पे बिफर जाता हूँ
Anand Pravin
खुद अपनी ही खींची लकीर से छोटा हो गया आज मैं अपनी ही नज़रों में खोटा हो गया खोटा सिक्का