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Rameshkumar Mehra Mehra
Sarfraj Alam Shayri
ज़िंदगी का आनंद अपने तरीके से ही लेना चाहिए लोगों की खुशी के चक्कर में तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है ©Sarfraj Alam Shayri #LetMeDrowm ज़िंदगी का आनंद अपने तरीके से ही लेना चाहिए लोगों की खुशी के चक्कर में तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है
खामोशी और दस्तक
यादें तेरी मेरी भाग दो नशा ही नशा है ©खामोशी और दस्तक #merikHushi तीन मित्र थे राहुल ,राज और प्रेम , स्कूल से कॉलेज तक की पढ़ाई तीनों ने साथ में साथ में की , तीनों मेधावी छात्र थे ,जल्द ही उनक
Vivek
हर बार न समझना ज़रूरी है न ही किसी को समझाना हर लम्हे को जश्न समझ तुम सब संग नाचना सब संग गाना...!!! ©Vivek नाचना गाना...
सुसि ग़ाफ़िल
ख्वाब है गुलाब है दिक्कत कहां है सब कुछ ठीक मगर बिस्तर कहां है बारीकी से देख लिया मैंने नाचने वालों को मगर नाचना ही उनकी हकीकत कहां है .... ख्वाब है गुलाब है दिक्कत कहां है सब कुछ ठीक मगर बिस्तर कहां है बारीकी से देख लिया मैंने नाचने वालों को मगर नाचना ही उनकी हकीकत कहां है शाम
CM Chaitanyaa
कितना तेज है इसमें त्यौहार की भाँति, लपटती ज्वाला है शीतल बहार की भाँति, यही तो प्रतीक है हमारे इस पर्वोल्लास का, कथा कहानी नहीं केवल एक सार की भाँति... 14/365 लोहड़ी मुबारक हो। यूँ तो मुख्यतः यह त्योहार पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है मगर अब पूरे भारत में इसकी धूम है। सर्दी की ठिठुरती रात
AJAY VERMA
खूबसूरत हैं आँखें तेरी, रात को जागना छोड़ दे खुद ब खुद नींद आ जाएगी तू मुझे सोचना छोड़ दे तेरी आंखों से कलियाँ खिलें तेरे आँचल से बादल उड़े देख ले जो तेरी चाल को मोर भी नाचना छोड़ दे तेरी आंखों से छलकी हुई, जो भी इक बार पी ले अगर फिर वो मय ख़्वार ए शाकिया जाम ही माँगना छोड़ दे मेरी आंखों में रहता है तू तेरी आंखों में रहता हूं मैं सिर्फ महसूस कर ले मुझे आंख से देखना छोड़ना दे खूबसूरत हैं आँखें तेरी, रात को जागना छोड़ दे खुद ब खुद नींद आ जाएगी तू मुझे सोचना छोड़ दे तेरी आंखों से कलियाँ खिलें तेरे आँचल से बादल उड़
RituRaj Gupta
पहचानते हो मुझे, वो सुबह जल्दी उठना, खेलना, कूदना, दिन भर, कूलर में पानी भरना, माँ के हाथों का खाना हो या हो उनकी मार, .. .. Rest read in caption पहचानते हो मुझे, वो सुबह जल्दी उठना, खेलना, कूदना, दिन भर, कूलर में पानी भरना, माँ के हाथों का खाना हो या हो उनकी मार, शाम को पिता के हाथों
Vandana
दौड़ी चली आई तेरी एक पुकार में कबसे बेसब्र थी तुझे देखने के लिए यार में,, दिन सुहाने हैं इस यौवन के मनमौजी से अठखेलियां करते जी भर के,,,,,,, सांसे तेज चलती हैं दिल की धड़कने भी बढ़ती है थामे ना थमती है यौवन कि मनम