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Snigdharani Panda
एक आशीर्वाद चाहा था मैंने और तुने ना दिया वो मुझे, अब तेरे पास ना आऊँगी मैं जब तक वो पूरा ना हो जाये। नमस्कार लेखकों🌺 Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH29 के साथ और "एक आशीर्वाद" पर कविता लिखें। (मूल कविता दुष्यंत कुमार द्वारा) • समय सीमा :
नमस्कार लेखकों🌺 Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH29 के साथ और "एक आशीर्वाद" पर कविता लिखें। (मूल कविता दुष्यंत कुमार द्वारा) • समय सीमा : #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #NAPOWRIMO #yqrestzone
read morePankaj Singh Chawla
बहुत शक्ति है बड़ो की दुआओं में, उनसे मिले प्यार उनकी भावनाओं में, कहीं जाने से पहले उनसे मिलना मत भूलों, मिलो जब भी उनसे आशीर्वाद लेना मत भूलों।। नमस्कार लेखकों🌺 Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH29 के साथ और "एक आशीर्वाद" पर कविता लिखें। (मूल कविता दुष्यंत कुमार द्वारा) • समय सीमा :
नमस्कार लेखकों🌺 Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH29 के साथ और "एक आशीर्वाद" पर कविता लिखें। (मूल कविता दुष्यंत कुमार द्वारा) • समय सीमा : #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #NAPOWRIMO #pchawla16 #yqrestzone
read moreSangeeta Patidar
ऐ उम्मीद के दीये! इतनी जल्दी क्या है हार मानने की? देख तेरी सलामती के लिए कितनी दुआएँ चल पड़ी हैं। होता है यूँ बुरा भी कुछ न कुछ अच्छा होने के लिये ही, अँधेरे में रास्ता दिखाने को कितनी शुआएँ चल पड़ी हैं। काँटों से न उलझता कोई, फूलों के पास सभी मँडराते, दुख में सुख की बहार को कितनी फ़ज़ाएँ चल पड़ी हैं। एक-दूजे के साथ हँसने-हँसाने से बढ़ती हैं ख़ुशियाँ भी, रोते हुए को फिर हँसाने को कितनी सदाएँ चल पड़ी हैं। अपनी सबकी ज़िंदगी ईश्वर का एक आशीर्वाद है 'धुन', देख अनेक से एक होने को कितनी निदाएँ चल पड़ी हैं। शुआएँ- Rays निदाएँ- Call to Prayer, Voice नमस्कार लेखकों🌺 Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH29 के साथ और "एक आशीर्वाद" पर कविता लिखें।
शुआएँ- Rays निदाएँ- Call to Prayer, Voice नमस्कार लेखकों🌺 Collab करें हमारे इस RzPoWriMoH29 के साथ और "एक आशीर्वाद" पर कविता लिखें।
read moreविद्यार्थी राहुल
हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए! आज ये दीवार पर्दों की तरह हिलने लगी, शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए! हर सड़क पर हर गली में हर नगर हर गाँव में, हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए! सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मिरा मक़्सद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए! मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए! ● दुष्यंत कुमार (1 सितंबर1933-30 दिसंबर 1975) #दुष्यंत कुमार
#दुष्यंत कुमार
read moreविद्यार्थी राहुल
होने लगी है जिस्म में जुम्बिश तो देखिए, इस पर कटे परिंदे की कोशिश तो देखिए! गूँगे निकल पड़े हैं ज़बाँ की तलाश में, सरकार के ख़िलाफ़ ये साज़िश तो देखिए! बरसात आ गई तो दरकने लगी ज़मीन, सूखा मचा रही है ये बारिश तो देखिए ! उनकी अपील है कि उन्हें हम मदद करें, चाक़ू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिए ! जिस ने नज़र उठाई वही शख़्स गुम हुआ इस जिस्म के तिलिस्म की बंदिश तो देखिए! दुष्यंत कुमार (1 सितंबर 1933- 30दिसंबर 1975) #दुष्यंत कुमार
#दुष्यंत कुमार
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