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Prerana Jalgaonkar
मी लिहिलेलं एक पत्र प्रिय बाई, ( पूर्ण पत्र 👇) प्रिय बाई, नुकताच शिक्षक दिन होऊन गेला.तुम्ही शिकवलेलं सर्व आठवत अजून. तसं एरव्ही काही लिहिताना, वाचताना, वाचलेलं समजून घेताना तुमची आठवण आल
Prerana Jalgaonkar
मी लिहिलेलं एक पत्र प्रिय बाई, ( पूर्ण पत्र 👇) प्रिय बाई, नुकताच शिक्षक दिन होऊन गेला.तुम्ही शिकवलेलं सर्व आठवत अजून. तसं एरव्ही काही लिहिताना, वाचताना, वाचलेलं समजून घेताना तुमची आठवण आल
Vinod Umratkar
कायम पत्ता तो माझा,तिकडेच मी राहतो।। हल्ली मुक्काम म्हणून तुझे हृदय सांगतो।। Just fun 🤭😄 पोस्ट देण्यास उशीर झाल्याबद्दल क्षमस्व OPEN FOR COLLAB🌷♥️ शेरास सव्वाशेर. 🧠 दोन ओळी✍️ आपल्या पोस्ट “share highlight” करायला वि
Vinod Umratkar
त्या तिथं पलीकडे,आहे रामराज्य। समतेच्या दिव्याखाली,जसे सुराज्य। पोस्ट देण्यास उशीर झाल्याबद्दल क्षमस्व OPEN FOR COLLAB🌷♥️ शेरास सव्वाशेर. 🧠 दोन ओळी✍️ आपल्या पोस्ट “share highlight” करायला विसरू नका. “ सो
yogesh atmaram ambawale
रोज सर्वांना पत्र लिहीत असतो मला मात्र लिहीत नाही,ही तुझी तक्रार आहे ना? पण खरचं,मला थोडा उशीरच झाला तुला पत्र लिहिण्यास,त्या बद्दल क्षमस्व... पण तू तर सर्वच जाणतो आहेस,तू माझं मन आहेस,मी फक्त कृती करतो ती करवून घेणारा तर तूच आहेस. तुझं कसं आहे,तू बोलशील ती पूर्व दिशा, तू चांगल्याला वाईट बोललास तर वाईटच, किंवा वाईटाला चांगलं बोललास तर ते चांगलंच, कारण मी काय नाममात्र हे सर्व काही तुझ्या विचारांवर अवलंबून असतं. तू कधी कुणाला जवळ करशील कधी कुणाला दूर लोटशील काही सांगता येत नाही. कधी कधी तर तुझा स्वार्थीपणा ही दिसून येतो,नेहमी माझ्यासोबत राहणारा आपला तू पाहताच एखादा सुंदर चेहरा लगेच परका होतोस. जाणतो मी अशा कित्येक गोष्टी आहेत जिथे तुझी घालमेल होते. तुझ्याबद्दल एक गोष्ट मला खूप प्रिय आहे, तू लवकर वाईट विचार करत नाही,कुठे काही चुकीचं घडलं तरी त्या मागे ही काय कारण असेल ह्याचा प्रथम विचार करतोस,लगेच टोकाला जात नाही. कधी कधी तू खूप उदास असतो नाराज असतोस पण जास्त वेळ तसा न राहता पुन्हा आनंदी होतोस. आणि हो तू तर जाणता आहेस, तुझ्याबद्दल मी काय लिहू,माझं लिहिणं तर फक्त एक बहाणा आहे,तुझे विचार,तुझे शब्द मांडणे हेच माझे कार्य आहे. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आजचा विषय आहे प्रिय मन.. #प्रियमन चला तर मग लिहुया. #collab #yqtaai #letters #yolewrimoमराठी लिहीत राहा. #Y
yogesh atmaram ambawale
ना समज होतो म्हणूनच ना समजले तेव्हा, अनुभव येता पाठीशी आता ना समजले मला. सुप्रभात माझ्या मित्र आणि मैत्रिणीनों आज आपण श्लेष अलंकार बघणार आहोत. श्लेष:- एकच शब्द वाक्यात दोन अर्थांनी वापरल्याने जेव्हा शब्दचमत्कृती
yogesh atmaram ambawale
तिचे ही माझ्यावर प्रेम आहे, तिच्या एका स्मितहास्याने मला वाटले, लाजत,डोळे झुकवत माझ्याकडे पाहत, तिच्याआनंदाचे सारे क्षण तिने मला वाटले. सुप्रभात माझ्या मित्र आणि मैत्रिणीनों आज आपण श्लेष अलंकार बघणार आहोत. श्लेष:- एकच शब्द वाक्यात दोन अर्थांनी वापरल्याने जेव्हा शब्दचमत्कृती
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *🌹रोज खुद से कहें ये 3 बात और फिर देखें चमत्कार🌹* 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 *⭕प्यार, पैसा, प्रगति और प्रतिष्ठा के लिए खुद से कहें ये 3 बातें- प्यार धन और शक्ति के लिए उपाय-* *प्यार, पैसा, पावर, प्रगति, प्रभाव, प्रभुत्व, पराक्रम,प्रशंसा, प्रसन्नता,पुरस्कार और प्रतिष्ठा हम में से किसे नहीं चाहिए... आइए जानते हैं बिना किसी बड़े उपाय के हम खुद से ऐसी कौन सी बात बोलें जो हमें ये सब चीजें दे सकती हैं...* *🌻संवाद नंबर 1* 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 1. बिस्तर से उठते ही आपको अपने आप से जो सबसे पहली बात बोलनी है वह यह कि मैं एक चुंबक हूं और प्यार, पैसा, पावर, प्रगति, प्रभाव, प्रभुत्व, पराक्रम,प्रशंसा, प्रसन्नता,पुरस्कार और प्रतिष्ठा सब मेरी तरफ आकर्षित हो रहे हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार- *•कराग्रे वसते लक्ष्मी, कर मध्ये सरस्वती, कर मूले तू गोविंदम प्रभाते कर दर्शनम* बोलने से सारा दिन अनुकूल रहता है। हमारी परंपरा में यह बात कही जाती है कि सुबह उठते ही जो शब्द सबसे पहले बोला जाता है वह सारा दिन हमारे व्यक्तित्व और दिन से जुड़ जाता है। इसलिए पहला वाक्य या शब्द सबसे शुभ, अच्छा, सकारात्मक, मंगलकारी और पवित्र ही बोलना चाहिए। इसीलिए भगवान का नाम लेना सबसे अधिक उत्तम है। हमारी संस्कृति कहती है कि किसी भी वस्तु को पैर से स्पर्श नहीं करना चाहिए, धरती हमारी माता है और उन्हें पैर लगाने से दोष होता है अत: हम सुबह उठकर धरती पर पैर रखने से पहले बोलते हैं। *•समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते। विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमस्व मे पृथ्विया...* कुछ लोग इसे ऐसे भी पढ़ते हैं- *•समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मण्डले, विष्णु पत्नी नमोस्तुभ्यं पाद: स्पर्श क्षमस्वमे।* बहरहाल हम बात कर रहे हैं कि अगर आप कोई श्लोक, मंत्र या उपाय नहीं जानते हैं तो हमें अपने आप से 21 दिनों तक कुछ ऐसा कहना है कि हमारा भाग्य जाग्रत हो जाए और दुनिया की सारी अच्छी चीजें हमसे आकर्षित होने लग जाए चाहे वह धन संपदा हो या व्यक्ति... तो अब आपको अपने आप से अगला वाक्य कहना है कि- *🌻संवाद नंबर 2* 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 मेरी जिंदगी से नकारात्मक, जहरीले बुरे विचारों वाले (टॉक्सिक) लोग दूर जा रहे हैं और अच्छे सकारात्मक विचारों वाले शुभचिंतक मेरे करीब आ रहे हैं, मैं चुंबक होता जा रहा हूं, या होती जा रही हूं... *🌻संवाद नंबर 3* 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 मैं हर दिन बेहतर से बेहतरीन होता जा रहा हूं, बेहतरीन होती जा रही हूं, मेरे रिश्तों में प्यार है, मैं सबसे और सब मुझसे प्यार करते हैं। आज का दिन मेरे लिए यादगार, शानदार और जानदार है... मैं आज प्रसन्न हूं.... मैं खूबसूरत हूं.... मै प्रभावशाली हूं..... *🛑कोई मंत्र नहीं, कोई उपाय नहीं बस आपको अपने आप से बातें करनी है, अपने आप के साथ ब्रह्मांड की हर चीज से यह कहना है कि आप जिंदगी को प्यार करते हैं और अच्छी बातें अपने जीवन में शामिल करने के लिए तैयार है। जीवन में चमत्कार चाहते हैं तो इन 3 बातों को आजमा कर देखें...* *🚩#हरिऊँ🚩* 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 अपनी दुआओं में हमें याद रखें बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *🌹रोज खुद से कहें ये 3 बात और फिर देखें चमत्कार🌹* 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 *⭕प
Vikas Sharma Shivaaya'
शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र है -शनि देव को जज माना जाता है- मनुष्य के अछे बुरे काम का फल शनिदेव ही देते है-अपराध सहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया-दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर-गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च-आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।। ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय- ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो-राह में आए जो दीन दुखी, सबको गले से लगाते चलो जिसका न कोई संगी साथी ईश्वर है रखवाला-जो निर्धन है जो निर्बल है वह है प्रभू का प्यारा-प्यार के मोती लुटाते चलो, प्रेम की गंगा... आशा टूटी ममता रूठी छूट गया है किनारा-बंद करो मत द्वार दया का दे दो कुछ तो सहारा-दीप दया का जलाते चलो, प्रेम की गंगा... छाई है छाओं और अंधेरा भटक गई हैं दिशाएं-मानव बन बैठा है दानव किसको व्यथा सुनाएं-धरती को स्वर्ग बनाते चलो, प्रेम की गंगा... ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो-राह में आए जो दीन दुखी सब को गले से लगाते चलो-प्रेम की गंगा बहाते चलो ... कौन है ऊँचा कौन है नीचा सब में वो ही समाया-भेद भाव के झूठे भरम में ये मानव भरमाया-धर्म ध्वजा फहराते चलो, प्रेम की गंगा ... सारे जग के कण कण में है दिव्य अमर इक आत्मा-एक ब्रह्म है एक सत्य है एक ही है परमात्मा-प्राणों से प्राण मिलाते चलो, प्रेम की गंगा .. 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र है -शनि देव को जज माना जाता है- मनुष्य के अछे बुरे काम का फल शनिदेव ही देते है-अपराध सहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्नि
प्रल्हाद दुधाळ