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New मधुरम Quotes, Status, Photo, Video

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नीतू सिंह

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Kumarrakesh Verma

मधुरम मधुरम #समाज

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Himanshu Prajapati

#myhappiness वह कायनात सी खुबसूरत मैं ठहरा काला मांजी का पहाड़, वह बात से मधुरम मैं करता बात बात में राड़..! #विचार

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Rakesh frnds4ever

#janmashtami #अधरं #मधुरं #वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं । #हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। #वसुदेवसुतं #देवं #जन्माष्टमी #देवकी #पौराणिककथा #कृष्णं

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Vijaykumar Khune

मधुरम .. 🍓 🍓 🍈 Vijudada 🍈 #Motivational

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Kulbhushan Arora

Dedicating a #testimonial to Bandana Gupta बेटी से बड़ी नहीं कोई कविता,, बेटी ईश्वर की रची हुई कविता है शीतल शीतल मधुरम मधुरम, प्रेम रस की #yqdidi #yqtestimonial

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बेटी
ईश्वर की रची
कविता है Dedicating a #testimonial to Bandana Gupta
बेटी से बड़ी नहीं कोई कविता,,
बेटी ईश्वर की रची हुई कविता है
 शीतल शीतल मधुरम मधुरम,
प्रेम रस की

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कृष्ण सुन्दरम वर्णन ************** कृष्ण सार , राधा आधार, सृष्टि रचियता,रचा संसार, कानन कुण्डन,हृदय उदार, तन पर साजे वैजयंती हार,।। #सुंदरता #कान्हा #yourquotebaba #कृष्णा #राधाकृष्ण #bestyqhindiquotes #मधुरम #Nishakamwal

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कृष्ण सुन्दरम वर्णन

कृष्ण सार  , राधा आधार,
सृष्टि रचियता,रचा  संसार,
कानन कुण्डन,हृदय उदार,
तन पर साजे वैजयंती हार।


सम्पूर्ण वर्णन अनुशीर्षक में पढ़े। कृष्ण सुन्दरम वर्णन
**************

कृष्ण सार  , राधा आधार,
सृष्टि रचियता,रचा  संसार,
कानन कुण्डन,हृदय उदार,
तन पर साजे वैजयंती हार,।।

Mangeshraj

madhu ram मादाराम मधुरम #समाज

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vasundhara pandey

आह भरते जी रहे थे कुछ यूँ गलियों में तिमिर सी कि आह भरते जी रहे थे कुछ यूँ गलियों में तिमिर सी तुम वहां चमके किरण बन ग्रीष्म में शीतल पवन

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डाली डाली डोलते हों हम नहीं ऐसे सयाने!
हम तो हैं माली वही जो, जीवित करे हर सूखता रिश्ता! 
तुम तो फिर भी आस्था हो, जन्मों की तुम कल्पना हो 
तुम कहो तुम्हें कैसे हार जाते, खुद को कैसे भूल पाते?  आह भरते जी रहे थे कुछ यूँ गलियों में तिमिर सी 
कि आह भरते जी रहे थे कुछ यूँ गलियों में तिमिर सी 
तुम वहां चमके किरण बन ग्रीष्म में शीतल पवन

vasundhara pandey

रात के प्रहरी ठहर कर सुन तो लो बातें हमारी बस बातें बची हैं अब सुनाने कुछ भी नहीं मुरारी जाओ अगर तुम उनके सफऱ उनके शहर तक बातें ना सही ले

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रोज़ होती रहती है भेंट यूँ तो स्वप्न की गलियां मधुर हैं,
संवारते हो जब केश मोहन स्वप्न वो सबसे मधुर हैं।
  रात के प्रहरी ठहर कर सुन तो लो बातें हमारी 
बस बातें बची हैं अब सुनाने कुछ भी नहीं मुरारी 

जाओ अगर तुम उनके सफऱ उनके शहर तक
बातें ना सही ले
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