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( prahlad Singh )( feeling writer)
White और मुझे जीतना ही है कभी खुद से कभी औरों से कभी बारिश से कभी धूप से कभी नातों से कभी बातों से और मुझे जितना ही है और मुझे जीतना ही है कभी मेरे अंदर से कभी बाहर से कभी नदी से कभी पहाड़ से कभी गहराई से कभी आसमां से और मुझे जीतना ही है और मुझे जीतना ही है कभी अंधेर से कभी अंधकार से कभी तूफ़ान से कभी बहार से कभी सच से कभी झूठ से मुझे जीतना ही है और मुझे जीतना ही है कभी लकीरों से कभी लहरों से कभी रातों से कभी अपनों के सातों कभी मुश्किलों से सीधे साधे रास्तों से और मुझे जीतना ही है ©( prahlad Singh )( feeling writer) #GoodMorning #मेरी कविता
#GoodMorning #मेरी कविता
read moreSarfraj Alam Shayri
White ज़िंदगी की किताब में सबसे हसीन पेज माँ की मोहब्बत है ! ©Sarfraj Alam Shayri #Thinking ज़िंदगी की किताब में सबसे हसीन पेज माँ की मोहब्बत है ! motivational shayari
#Thinking ज़िंदगी की किताब में सबसे हसीन पेज माँ की मोहब्बत है ! motivational shayari
read moremeri_lekhni_12
White रस्ते पे आँखों की बिनाई गवां बैठी है माँ, बेटा जो दूर जा बसा, दिल जला बैठी है माँ। दर-ओ-दीवार सुनते हैं फ़साना तन्हाई का, हर कोना तेरे बग़ैर वीरां बना बैठी है माँ। तेरी हँसी की रौशनी से चमकते थे जहाँ, अब उस चिराग़ की लौ बुझा बैठी है माँ। राह ताकते-ताकते धुंधला गई हैं निगाहें, मगर उम्मीद का दिया जला बैठी है माँ। हर सहर तुझसे मिलने की दुआ करती है, शबनम के साथ आँसू बहा बैठी है माँ। क्या तुझे एहसास भी है इस तड़पती रूह का? तुझसे बिछड़के ख़ुद को सज़ा दे बैठी है माँ। अगर कभी लौट आ, तो दर खुले मिलेंगे, तेरे ख़्वाबों का घर अभी बचा बैठी है माँ। 'पूनम' हर दर्द को सीने में छुपा लेती है, बेटे की राह में अपना वजूद मिटा बैठी है माँ। स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित पूनम सिंह भदौरिया दिल्ली लेखिका समाज सेविका ©meri_lekhni_12 माँ /मेरी माँ
माँ /मेरी माँ
read moreRJ VAIRAGYA
White आंख अपनी उम्र भर रोती रही रोज दाने खेत में बोती रही, आश के दीपक सदा ढोती रही।। फेर नजरें वक्त है चलता बना, आंख अपनी उम्र भर रोती रही।। हाथ में मद से भरा प्याला लिए, दौलतें मां बाप की सोती रही।। दोस्ती हमसे सभी करते चले, दुश्मनी है मीत गल जोती रही।। थे बिना पूंजी हर्ष दिन भले, बिछ गई बिस्तर तले थोती रही।। ©RJ VAIRAGYA #sad_qoute त्रिलोचन जी की कविता है #rjharshsharma #rjvairagyasharma
#sad_qoute त्रिलोचन जी की कविता है #rjharshsharma #rjvairagyasharma
read moreRamji Tiwari
White *माँ* माता के जैसा नहीं,जग में कोई और। खुद भूखी प्यासी रहे, हमें खिलाए कौर।। हमें खिलाए कौर, नहीं माता सम दूजा। जननी को प्रभु मान,करो तुम विधिवत् पूजा।। माँ बेटे का यहाँ,जगत में सुन्दर नाता। देवों से भी बड़ी,लोक में होती माता।। ममता अंतस में भरी, करे पुत्र को नेह। पालन पोषण के लिए,वारे अपनी देह।। वारे अपनी देह,आप गीले में सोती। चलती नंगे पाव, पुत्र को सर पर ढोती।। जग में माँ की तरह, नहीं दूजे में समता। झुकता सबका शीश,देख माता की ममता।। स्वरचित मौलिक रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #माँ #कविता #ममता Shikha Sharma deepshi bhadauria Sudha Tripathi lumbini shejul Raushni Tripathi
संजय जालिम " आज़मगढी"
तक़दीर मेरी हो, तुम लकीर हाथो की हो, तुम बन्दगी तेरी करू, मैं "जालिम" ईश्वर बाद में पहले हो," माँ " तुम ©Sanjay jalim ## माँ ##
## माँ ##
read moreRAMLALIT NIRALA
White हाँ हाँ मैं कर्जादार हूँ उस आसमान का उस धरती का उस हवा का उस उस प्राकृतिक का उस बाप का और उस माँ का जो मुझे नो महिने पेट में पाल कर रखा मै नहीं चुका सकता उस माँ का कर्जा कौन चुका सकता है माँ बाप का कर्जा तुम बेटे हो कल तुम किसी का बाप बनोगे तब पता चलेगा माँ और बाप का दर्द क्या होता है नही कुछ कर सकते हो तो माँ बाप के बुढापे का सहारा तो बनो जो बित जायेगा समय फिर दोबारा नहीं मीलेगा मत मारो ठोकर माँ को मुझे दर्द होता है मुझे दर्द होता है ©RAMLALIT NIRALA किस्मत उनकी जिनके पास माँ और बाप रहते हैं मै बदनसीब हुँ दोस्त मेरी माँ नहीं है
किस्मत उनकी जिनके पास माँ और बाप रहते हैं मै बदनसीब हुँ दोस्त मेरी माँ नहीं है
read moreManzoor Alam Dehalvi
घर मका दुका छोड़ आए, हम तुम्हारे लिए। हर रिश्ते नाते सब तोड़ आए हम तुम्हारे लिए। अब मेरी जहां बस गई है तुझसे हर बेड़ियों को अब तोड़ आए हम तुम्हारे लिए। अब मेरा कुछ नहीं तुम्हारे सिवा हर उलझनों को छोड़ आए हम तुम्हारे लिए। , ©Manzoor Alam Dehalvi #मेरी कविता
#मेरी कविता
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