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Ramji Tiwari
White *रात सजने लगी* शाम ढलने लगी रात सजने लगी दूर कानन कही वेणु बजने लगी तीव्र शीतल मधुर हवा बहने लगी पेड़ की ओट से प्रभा तकने लगी कुसुम रात रानी अब महकने लगी वर्षाप्रिय मंडली शोर करने लगी चाँद को देखकर शमा जलने लगी जमीं थी शिखर पे बर्फ गलने लगी चाँदनी चाँद से गले मिलने लगी फिजा में अजब सी महक घुलने लगी पैर में पैंजनी मधुर बजने लगी कंत खातिर प्रिये सज सँवरने लगी देख सुन्दर छटा नारि नचने लगी प्रेम की हर जगह बात चलने लगी सखी प्रिय मिलन को अति मचलने लगी देख मुख सजन का नारि हँसने लगी लग सजन के गले बाँह कसने लगी विकल थी जो अभी साँस थमने लगी स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #poem #nature #lovesayari #sajal #Friend deepshi bhadauria santosh tiwari Sudha Tripathi lumbini shejul Raushni Tripathi
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*हिन्दुस्तान हमारा है* हिन्दी हैं हम हिन्दू, हिन्दुस्तान हमारा है हमको अपना भारत जान से भी प्यारा है उत्तर में खड़ा हिमालय करता रखवाली है कल- कल करती गंगा बहती अति मतवाली है प्रभु राम का मन्दिर सुन्दर सरयू किनारा है हमको अपना भारत जान से भी प्यारा है जिसकी धरा पर बहतीं पावन-पवित्र नदियाँ हैं पूजा करते बीतीं जानें कितनीं सदियाँ हैं स्टेच्यू ऑफ यूनिटी जगत से न्यारा है हमको अपना भारत जान से भी प्यारा है अजन्ता, एलोरा की शिल्प कला प्यारी है वृन्दावन धाम की शोभा सबसे न्यारी है केदारनाथ धाम का रम्य बहुत नजारा है हमको अपना भारत जान से भी प्यारा है सबसे जुदा निज भारत देश का संविधान है तीन रंग में रंगा तिरंगा इसकी शान है अपना लहू बहा वीरों ने इसे सँवारा है हमको अपना भारत जान से भी प्यारा है हमनें बलिदानों से यह आजादी पाई है तब आज गणतंत्र दिवस की शुभ घड़ी आई है वीरों के नारों से गूँज उठा नभ सारा है हमको अपना भारत जान से भी प्यारा है शुभ दिन के अवसर पर वीरों का गुणगान करें तिरंगे को सलामी देकर राष्ट्रगान करें सभी जगह गूँजे भारत माँ का जयकारा है हमको अपना भारत जान से भी प्यारा है स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #RepublicDay #Devotional #poem # भक्ति गीत deepshi bhadauria santosh tiwari Sudha Tripathi Raushni Tripathi C N Bajpai
#RepublicDay #Devotional #poem # भक्ति गीत deepshi bhadauria santosh tiwari Sudha Tripathi Raushni Tripathi C N Bajpai
read moreNeha Shukla
White mitaar wahi jo bhid m khone na de laksh whi jo raat m sone na de😊😃 ©Neha Shukla #good_night Mahima Tripathi
#good_night Mahima Tripathi
read moreNeha Shukla
green-leaves zindagi nahi hame dosto se pyaari dost pe hazari hai jaan hamri in ankho me ansu h to kya hua jaan s pyaari h muskan tumhri😍 ©Neha Shukla #GreenLeaves Mahima Tripathi
#GreenLeaves Mahima Tripathi
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White *माँ* माता के जैसा नहीं,जग में कोई और। खुद भूखी प्यासी रहे, हमें खिलाए कौर।। हमें खिलाए कौर, नहीं माता सम दूजा। जननी को प्रभु मान,करो तुम विधिवत् पूजा।। माँ बेटे का यहाँ,जगत में सुन्दर नाता। देवों से भी बड़ी,लोक में होती माता।। ममता अंतस में भरी, करे पुत्र को नेह। पालन पोषण के लिए,वारे अपनी देह।। वारे अपनी देह,आप गीले में सोती। चलती नंगे पाव, पुत्र को सर पर ढोती।। जग में माँ की तरह, नहीं दूजे में समता। झुकता सबका शीश,देख माता की ममता।। स्वरचित मौलिक रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #माँ #कविता #ममता Shikha Sharma deepshi bhadauria Sudha Tripathi lumbini shejul Raushni Tripathi
innocentlove26
White कहीं मेरा 🤍 सफ़ेद रंग का तो नहीं... कहीं मेरा 🤍 सफ़ेद रंग का तो नहीं... जो भी दाग़-ए-ज़ख्म लगता है उतरता ही नहीं....!! ©innocentlove26 #love_shayari gudiya Barkha Priya Anupriya Ruchi ki kalam se
#love_shayari gudiya Barkha Priya Anupriya Ruchi ki kalam se
read moreANOOP PANDEY
Unsplash माना कि दुनियां रंग- बिरंगी फिर भी ना मै उलझा हूं समझ सको तो समझो यारा मै तो बेहद सुलझा हूं माना कि संकट लाखों आए कभी नहीं घबराया हूं राह अनेकों कांटो वाली चलके यारा निखरा हूं ©ANOOP PANDEY #snow pramodini Mohapatra Ruchi Jha Shilpa Yadav इश्क़...... SHIVAM MISHRA
#snow pramodini Mohapatra Ruchi Jha Shilpa Yadav इश्क़...... SHIVAM MISHRA
read moreجلال
Unsplash नसीहतें हैं तेरी इतनी पुर-यक़ीन नहीं हमें तमाशा बनाओ तमाश-बीन नहीं نصیحتیں ہیں تری اِتنی پر یقین نہیں ہمیں تماشہ بناؤ تماش بین نہیں बग़ैर बुग़्ज़-ओ-हसद के भी रहता हो इन्साँ हमारे हिस्से में आई वो सर-ज़मीन नहीं بغیر بغض و حسد کے بھی رہتا ہو انساں ہمارے حصے میں آئی وہ سر زمین نہیں सुपुर्द-ए-ख़ाक ही कर दें तो हक़ अदा इनका बहुत हैं दोस्त मगर एक भी अमीन नहीं سپردِ خاک ہی کر دیں تو حق ادا انکا بہت ہیں دوست مگر ایک بھی امین نہیں बस एक बार कहा था नहीं पसंद मुझे फिर उसके बा'द चढ़ी अपनी आस्तीन नहीं بس ایک بار کہا تھا نہیں پسند مجھے پھر اسکے بعد چڑھی اپنی آستین نہیں हमारी आँखें भी धुॅंदला गई हैं वक़्त के साथ सुना है वो भी है पहले सा अब हसीन नहीं ہماری آنکھیں بھی دھندلا گئی ہیں وقت کے ساتھ سنا ہے وہ بھی ہے پہلے سا اب حسین نہیں दिल उसके क़दमों में रखता अना भी बच जाती दर उसके रखनी थी हम को कभी जबीन नहीं دل اسکے قدموں میں رکھتا انا بھی بچ جاتی در اسکے رکھنی تھی ہمکو کبھی جبین نہیں दुरून-ए-ज़ात से अक्सर सदा ये आती है जलाल आप सा कोई भी बदतरीन नहीं درونِ ذات سے اکثر صدا یہ آتی ہے جلال آپ سا کوئی بھی بدترین نہیں ©جلال #camping Sarfraz Ahmad Rakhee ki kalam se Ruchi Sabanoor सफ़ीर 'रे' शायरी
#camping Sarfraz Ahmad Rakhee ki kalam se Ruchi Sabanoor सफ़ीर 'रे' शायरी
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