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ankit kumar
बच्चों ने हिलते डुलते हाथों से लिया दुर्लभ छाया चित्र,बचपना याद आ गया। अतीत का पन्ना बड़ा हसीन था।
read moreVijay Tyagi
"ओढ़ लूँ तुझे या फिर लूँ पहन मैं कितनी गहरी उतर गई तू मेरे ज़हन में पूरे घर में ये कैसी आज बर्फ सी उतरी है गर्माइश बस वहाँ, जहाँ बैठी थी तू सहन में लड़खड़ाती हैं जबां जब भी तिरा नाम लिया गोया जुम्बिश ये लबों की ना रही मेरे कहन में कहना चाहूँ तुझसे अपना हाल-ए-दिल तमाम हसरतें अब और नहीं दुनियावी यूँ रहन में बंद होने को हैं अब्सार ज़ुस्तज़ू में तिरी दम कब तलक रोके रखूँ बदन में ओढ़ लूँ तुझे या फिर लूँ पहन मैं.." सहन= घर का अहाता, Yard ज़ुम्बिश= हरकत, हिलना-डुलना अब्सार= आँखे जुस्तजू= खोज, तलाश #cinemagraph #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqtales #yqhindi
सहन= घर का अहाता, Yard ज़ुम्बिश= हरकत, हिलना-डुलना अब्सार= आँखे जुस्तजू= खोज, तलाश #cinemagraph #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqtales #yqhindi #yqdada #yqbhaijan
read moreAryan Verma
ਨੀ ਤੂੰ ਚਂਦ ਵਾਂਗੂ ਅੰਬਰਾਂ ਦੇ ਰਹ ਬਸਤੀ, ਸਾਡਾ ਤਾਰਿਆਂ ਦਾ ਕੀ ਪਤਾ ਕਦੋਂ ਡੁਲ ਜਾਨਾ ਏ नी तू चंद वंगु अंबरा दे रह बसती, साडा तारियां दा की पता कदो डुल जाना ए। #यादें #yqaestheticthoughts #yqlove #yqdiary #yqshayari #punjabipoet
नी तू चंद वंगु अंबरा दे रह बसती, साडा तारियां दा की पता कदो डुल जाना ए। #यादें #yqaestheticthoughts #yqlove #yqdiary #yqshayari punjabipoet #Punjabipoetry #yqbestpunjabiquote
read morepooja d
पडली सख्या, मला तुझी भूल भीती वाटते मला, देशील तू हुल बोलावून मला yq ला, होतोस तू गुल कोण जर भेटलं असेल तर, कर तिला आधीच कबूल आहे, म्हणावं माझी आधीच एक बुलबुल......... सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणींनो आताचा विषय आहे एप्रिल फुल, कानात डुल ' #एप्रिलफुल हा विषय ना. सा. यांचा आहे.
सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणींनो आताचा विषय आहे एप्रिल फुल, कानात डुल ' #एप्रिलफुल हा विषय ना. सा. यांचा आहे. #Collab #YourQuoteAndMine #yqtaai
read morepooja d
पडली सख्या, मला तुझ्या प्रेमाची भूल ।। उरकून टाकू लग्न तू देण्याआधी हुल ।। मग राजा - राणी आपण होऊ प्रेमात गुल ।। सांभाळेल तुझ्यासाठी तुझी चूल आणि मुलं ।। सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणींनो आताचा विषय आहे एप्रिल फुल, कानात डुल ' #एप्रिलफुल हा विषय ना. सा. यांचा आहे.
सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणींनो आताचा विषय आहे एप्रिल फुल, कानात डुल ' #एप्रिलफुल हा विषय ना. सा. यांचा आहे. #Collab #YourQuoteAndMine #yqtaai
read moreराजेश गुप्ता'बादल'
मिले जो तुमसे हम सनम हम तो खुद से मिलना भूल गये। नशा तेरी आंखों का ऐसा कि फूल भी खिलना भूल गये। कि चांद भी खुद शर्मिंदा है जब से देखा उसने तुझको, जमीं पर देख तुझी को सितारे हिलना डुलना भूल गये। मिले जो तुमसे हम सनम हम तो खुद से मिलना भूल गये। नशा तेरी आंखों का ऐसा कि फूल भी खिलना भूल गये। कि चांद भी खुद शर्मिंदा है जब से देखा
मिले जो तुमसे हम सनम हम तो खुद से मिलना भूल गये। नशा तेरी आंखों का ऐसा कि फूल भी खिलना भूल गये। कि चांद भी खुद शर्मिंदा है जब से देखा
read moreऋतुराज पपनै
नवल उषा की प्राची में सूर्यदेव दैदीप्यमान। प्रखर ओज से सिंचित साधू प्रातः करते उन्हें प्रणाम। तरु-पल्लव डोले हिल डुलकर खग-मृग-मधुकर गाते यशगान। अर्ग चढ़ाती नदी नीर से सूर्य किरण को प्रतिबिंबित कर। पर्वत,दर्पण बन देते सम्मान। नवल उषा की प्राची में सूर्यदेव दैदीप्यमान। प्रखर ओज से सिंचित साधू प्रातः करते उन्हें प्रणाम। ॐ सूर्याय नमः। आदित्याय नमः। भाष्कराय नमः। ©ऋतुराज पपनै #sunrays नवल उषा की प्राची में सूर्यदेव दैदीप्यमान। प्रखर ओज से सिंचित साधू प्रातः करते उन्हें प्रणाम। तरु-पल्लव डोले हिल डुलकर खग-मृग-मधुक
Pnkj Dixit
🌷कच्ची राह की कविता 🌷 रुक - रुककर कुछ चलते - चलते मैंने देखा ! आँख मलते - मलते । वो सरपट दौड़ी,जब मुझको देखा मेरे हाथ में दरांती , हिलते - डुलते ।। मैं पसंद नापसंद , चलता - फिरता वो पहने हुए जींस , माँ का कुर्ता । लुक - छिपकर देखे , वो आम के पीछे मैं हँसकर देखूँ , आँख मिलाते - मिलते ।। ३०/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷कच्ची राह की कविता 🌷 रुक - रुककर कुछ चलते - चलते मैंने देखा ! आँख मलते - मलते । वो सरपट दौड़ी,जब मुझको देखा मेरे हाथ में दरांती , हिलत
🌷कच्ची राह की कविता 🌷 रुक - रुककर कुछ चलते - चलते मैंने देखा ! आँख मलते - मलते । वो सरपट दौड़ी,जब मुझको देखा मेरे हाथ में दरांती , हिलत
read moreInstagram id @kavi_neetesh
🔔।। सरस्वती वंदना ।।🔔। 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 हिमकिरणों सा हार हृदय पर, चन्द्रप्रभा सम मुख। स्वेतवस्त्र राजे सुन्दर तन पर, देती विद्या, धन, सुख।। चंदन राजे माँ के माथे पर, करती सुख, हरती दुःख। वीणा वादिनी माथे पर, धर हाथ, सदा दायनि सुख।। स्वेत कमल के आसन पर, आप विराजमान सनमुख। ब्रह्मा,विष्णु,महेश,आप पर, चवर डुले देव, हर दुःख।। ©Instagram id @kavi_neetesh 🔔।। सरस्वती वंदना ।।🔔। 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 हिमकिरणों सा हार हृदय पर, चन्द्रप्रभा सम मुख। स्वेतवस्त्र राजे सुन्दर तन पर,
🔔।। सरस्वती वंदना ।।🔔। 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 हिमकिरणों सा हार हृदय पर, चन्द्रप्रभा सम मुख। स्वेतवस्त्र राजे सुन्दर तन पर, #sunflower #समाज
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