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Ankur tiwari
White कुछ मिला मुझे कुछ छूटा हैं पर प्रेम ये तेरा अनूठा हैं जो नही किया कल्पित मैंने रिश्ता ये बड़ा अनूठा है मन में तुम मेरे बसे हो और मन भी अब तेरे वश में हैं मेरा मुझमें अब बचा ही क्या सब कुछ तेरे ही कश में हैं जो मिले हो तुम मुझको तो यूं हैं लगा सब मैने पा हैं लिया अपनी रग रग में लहू सा तुमको अब मैंने तो हैं बसा लिया जब मिला तू मुझको तो मेरे जीवन में खुशियां ही सारी ही लौट आयी है नमन मेरा उस जननी को जो मेरे लिए तुझे जहां मे ले आयी बनकर के तेरी संगिनी मुझको उनका सत्कार भी करना है तू जितना उनसे करता है मुझे उतना प्यार भी उनसे करना है ©Ankur tiwari #love_shayari कुछ मिला मुझे कुछ छूटा हैं पर प्रेम ये तेरा अनूठा हैं जो नही किया कल्पित मैंने रिश्ता ये बड़ा अनूठा है मन में तुम मेरे बस
#love_shayari कुछ मिला मुझे कुछ छूटा हैं पर प्रेम ये तेरा अनूठा हैं जो नही किया कल्पित मैंने रिश्ता ये बड़ा अनूठा है मन में तुम मेरे बस #wishes
read moreSk
White हर चीज़ उठाई जा सकती हैं, सिवाए गिरी हुई सोच के. ©Sk हर चीज़ उठाई जा सकती हैं, सिवाए गिरी हुई सोच के.
हर चीज़ उठाई जा सकती हैं, सिवाए गिरी हुई सोच के. #Quotes
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- ये जो तेरी आँख में , भर आया है नीर । बिन इसके संसार में , खूब उठेगी पीर ।। संकट ये गंभीर है , मानो मेरी बात । बूँद-बूँद से भर घड़ा , आयी है बरसात ।। रोते फिरते आज जो, नही पास व्यापार । बैठे-बैठै लोग वह , वृक्ष करें तैयार ।। काम बड़ा छोटा नहीं , करो समय से काम । याद रखें ये आप भी , साथ रहें श्री राम ।। अधिक हुआ विज्ञान अब , आगे दिखे विनाश । सोच-सोच मानव सभी , होने लगे निराश ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- ये जो तेरी आँख में , भर आया है नीर । बिन इसके संसार में , खूब उठेगी पीर ।। संकट ये गंभीर है , मानो मेरी बात । बूँद-बूँद से भर घड़ा
दोहा :- ये जो तेरी आँख में , भर आया है नीर । बिन इसके संसार में , खूब उठेगी पीर ।। संकट ये गंभीर है , मानो मेरी बात । बूँद-बूँद से भर घड़ा #कविता
read moreदिलीप कुमार
White कमाई करो डॉलर में डिस्क्रप्शन लिंक में जाओ। id बनाओ। 15$ फ्री id बनाते समय।। ©दिलीप कुमार 𝗙𝗥𝗘𝗘 𝗔𝗶𝗿𝗱𝗿𝗼𝗽 Free ID 𝟭𝟱$ (𝟭𝟱𝟬𝟬 Coin) 𝗨𝗟𝗧𝗿𝗼𝗻 𝗧𝗼𝗸𝗲𝗻 Real decentralised टोकन है। Promoted by 𝙋𝙪𝙡𝙨𝙚 𝙋𝙧𝙤𝙢𝙤𝙩𝙚 अभी फ्री में 𝟭𝟱$ का 🆔 मिल जाएगा, रज
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read moreदिलीप कुमार
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read moreदिलीप कुमार
White 𝗙𝗥𝗘𝗘 𝗔𝗶𝗿𝗱𝗿𝗼𝗽 Free ID 𝟭𝟱$ (𝟭𝟱𝟬𝟬 Coin) 𝗨𝗟𝗧𝗿𝗼𝗻 𝗧𝗼𝗸𝗲𝗻 Real decentralised टोकन है। Promoted by 𝙋𝙪𝙡𝙨𝙚 𝙋𝙧𝙤𝙢𝙤𝙩𝙚 अभी फ्री में 𝟭𝟱$ का 🆔 मिल जाएगा, रजिस्ट्रेशन करते ही खास बात ये है कि यहाँ आप जो भी ऑफर में फ्री की टीम बनाओगे उससे भी आपको इनकम होगी और उसका भी आप USDT में विड्रॉल ले सकते हो । पहले दिन से। इनकम क्या होगी PDF भेजी है उसमे रिवाड भी है तो फ्री टीम बनाने पर ही मिलेंगे इसलिए रजिस्ट्रेशन करके फ्री ऑफर का बेनिफिट ले लीजिए क्योंकि कुछ दिन बाद 𝟭𝟱$ की 🆔 𝟭𝟱𝟬𝟬/- में ही लगेगी। ज्वाइन 🔗 लिंक:- https://www.ultronarc.io/register?Referral=dkgehlot25@gmail.com Website:- www.ultronarc.io Login Panel:- https://www.ultronarc.io/Login.aspx ©दिलीप कुमार 𝗙𝗥𝗘𝗘 𝗔𝗶𝗿𝗱𝗿𝗼𝗽 Free ID 𝟭𝟱$ (𝟭𝟱𝟬𝟬 Coin) 𝗨𝗟𝗧𝗿𝗼𝗻 𝗧𝗼𝗸𝗲𝗻 Real decentralised टोकन है। Promoted by 𝙋𝙪𝙡𝙨𝙚 𝙋𝙧𝙤𝙢𝙤𝙩𝙚 अभी फ्री में 𝟭𝟱$ का 🆔 मिल जाएगा, रज
𝗙𝗥𝗘𝗘 𝗔𝗶𝗿𝗱𝗿𝗼𝗽 Free ID 𝟭𝟱$ (𝟭𝟱𝟬𝟬 Coin) 𝗨𝗟𝗧𝗿𝗼𝗻 𝗧𝗼𝗸𝗲𝗻 Real decentralised टोकन है। Promoted by 𝙋𝙪𝙡𝙨𝙚 𝙋𝙧𝙤𝙢𝙤𝙩𝙚 अभी फ्री में 𝟭𝟱$ का 🆔 मिल जाएगा, रज #मोटिवेशनल
read moregaTTubaba
White कितना बेहतरीन था उसका हमसफ़र हर मुसीबत में साथ रहा फिर आशिक को शर्म आयी आइना देखकर चाहे जितना भी पास रहा ,जानबुझकर दूर ही रहा वो दुख कितना कम था उसको खो देने का उस खुशी के सामने की इश्क उसका किसी सही के साथ रहा ....! ©gaTTubaba #mango_tree कितना बेहतरीन था उसका हमसफ़र हर मुसीबत में साथ रहा फिर आशिक को शर्म आयी आइना देखकर चाहे जितना भी पास रहा ,जानबुझकर दूर ही र
#mango_tree कितना बेहतरीन था उसका हमसफ़र हर मुसीबत में साथ रहा फिर आशिक को शर्म आयी आइना देखकर चाहे जितना भी पास रहा ,जानबुझकर दूर ही र #शायरी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White संध्या छन्द :- 221 212 22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। पीडा समीप में डोले । तो राम राम वे बोले ।। कान्हा कहें सुनो राधा । वो भक्त ही बना बाधा ।। मीठी लगे हमें बोली । जो प्रेम से भरें झोली ।। जो आप पास में होते तो क्यूँ भला बता रोते ।। मैं तो करूँ सदा सेवा । औ चाहता मिले मेवा ।। जो दान में मिला देखा । ये भाग्य से बनी रेखा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR संध्या छन्द :- 221 212 22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।।
संध्या छन्द :- 221 212 22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। #कविता
read moreDalip Kumar 'Deep'
Shayer tera ©Dalip Kumar 'Deep' ✍🏿🥀🥀ठहर गये सब अरमाँ तबयत गिरी गिरी सी रहती है😔🍂🍂 गुड नाईट🙏 सुबह मिलते हैं शायद🌹🌹
✍🏿🥀🥀ठहर गये सब अरमाँ तबयत गिरी गिरी सी रहती है😔🍂🍂 गुड नाईट🙏 सुबह मिलते हैं शायद🌹🌹 #शायरी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- विदाई अजब है खेल कुदरत का बहन की इस जुदाई में । बहुत रोया गले लगकर पिता भी तो विदाई में । पड़ी बेसुध उधर थी माँ विदा कर आज बेटी को - सिसक कर रो रहा दूल्हा सुनो अपनी सगाई में ।। मुहब्बत कर लिया हमने जताना है जरा मुश्किल । भरी महफ़िल गिरे आँसूं छुपाना है जरा मुश्किल । मिलन की भी घड़ी आयी विदाई की घड़ी लेकर - जिऊँगा मैं भला कैसे बताना है जरा मुश्किल ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- विदाई अजब है खेल कुदरत का बहन की इस जुदाई में । बहुत रोया गले लगकर पिता भी तो विदाई में । पड़ी बेसुध उधर थी माँ विदा कर आज बेट
मुक्तक :- विदाई अजब है खेल कुदरत का बहन की इस जुदाई में । बहुत रोया गले लगकर पिता भी तो विदाई में । पड़ी बेसुध उधर थी माँ विदा कर आज बेट #कविता
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