Find the Latest Status about उगवला तारा तिमिर हरा लिरिक्स from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उगवला तारा तिमिर हरा लिरिक्स.
SarkaR
White आसमान से इतना दिल ना लगाना दोस्त! अभी अभी एक तारा टूटते देखा है हमने! ©SarkaR #तारा
AJAY NAYAK
White *अपने अपनो के, कल के लिए, एक व्यक्ति एक पेड़ हरा भरा सबका भविष्य –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ www.nayaksblog.com ©AJAY NAYAK #City #Trees *अपने अपनो के, कल के लिए, एक व्यक्ति एक पेड़ हरा भरा सबका भविष्य
Devesh Dixit
टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा है पास।। गिरता मुझको देख कर, सबको रहती चाह। माँगे सभी मुराद भी, दिल से कहते वाह।। पीड़ा को समझें नहीं, हैं बालक नादान। घर भी अब ये छूटता, रहा नहीं आसान।। धरती पर जब भी गिरा, समा गया हूँ जान। कैसी मुझसे कामना, कहाँ रहा सम्मान।। अद्भुत है ये जिंदगी, अकसर करे कमाल। मैं भी था समझा नहीं, जिसका मुझे मलाल।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #टूटा_हुआ_तारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा ह
Sangeeta Kalbhor
Beautiful Moon Night खामोशी से प्यार करना उतना आसान नही है खुद के जितना इन्सान औरों से परेशान नही है मन में होते है कई प्रश्न जवाब कहाँ मिल पाता है सुख दुःख है एक झौका कायम थोड़ी ना रहता है दिल लगाकर दिल में बसनेवाले बसेरा कही और भी करते है नाजूक होती है साँसों की ड़ोर एक ही झटके में श्वास हरते है जी नही करना चाहिए छोटा भलेही टूटना पड़े अंदर से आशा की किरण आ ही जाती है तलाशे अपने आपको गर प्यार से खामोशी से प्यार करना अपनेआप में बड़ी उपलब्धी है हरा नही कोई पाता उसे चाहे आये कितनी भी बड़ी आँधी है..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #beautifulmoon खामोशी से प्यार करना उतना आसान नही है खुद के जितना इन्सान औरों से परेशान नही है मन में होते है कई प्रश्न जवाब कहाँ मिल पाता
Internet Jockey
जो तुम्हारे दिल का चाँद है न वो अपनी माँ की आँख का तारा भी है ©Internet Jockey जो तुम्हारे दिल का चाँद है न वो अपनी माँ की आँख का तारा भी है moon quotes In Hindi
Internet Jockey
तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर सागर कभी दरिया में नहीं गिरता ©Internet Jockey तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर सागर कभी दरिया में नहीं गिरता
LAKKI
जब दिल में हो उड़ान की चाह, तो याद रख, तू किसी भी मुश्किल को हरा सकता है। ©LAKKI जब दिल में हो उड़ान की चाह, तो याद रख, तू किसी भी मुश्किल को हरा सकता है।
Niaz (Harf)
रमज़ान की है खुशी , और होली की है मिठास। कहा मिलेगा तुमको ऐसा समाज। मोहब्बत के रंग से दोनो मिल जाए, तू मुझपे केसरी रंग डाले, मैं हरा गुलाल से तुझे रंग डालू। ©Niaz (Harf) रमज़ान की है खुशी , और होली की है मिठास। कहा मिलेगा तुमको ऐसा समाज। मोहब्बत के रंग से दोनो मिल जाए, तू मुझपे केसरी रंग डाले, मैं हरा गुलाल स
Sachin R. Pandey
sunset nature देखो.... बसंत की बहार है अभी ...... और लोग आएंगे तुम्हारे पास .... तुम्हें अहसास दिलाते हुए कि उनकी नज़र में तुम्हारी कितनी अहमियत है .... तुम्हे बताते हुए और समझाते हुए कि.... तुम सही हो .... तुम सब सही कर रहे हो ... तुम्हारे निर्णय ठीक हैं और वो सब हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ खड़े हैं ..... लेकिन जैसा कि मैंने कहा ...." बसंत है " कुछ भी स्थाई नहीं है .... सब कुछ बदल जाता है .... तो एक दिन जब पतझड़ आने को होगा .... लोगो किनारा करते जायेंगे .... तुम्हारी असफलताओं का दोष तुम पर मढ़ते जायेंगे .... हां वही लोग जो तुमको ...तुम्हारे निर्णयों को सही कह कर हौसला बढ़ा रहे थे ..... अब वही तुम्हारे प्रथम और कटु आलोचक होंगे .... तुम संदेह करोगे ....क्या ये वही लोग हैं ....जो कल तक (बसंत के दिनो मे) ..... हौसला और शाबासी देते नही थक रहे थे ....! और पतझड़ में जब तुमको लगेगा ... कि अब सब कुछ खत्म होने को है .... तुम्हारे कंधे ....हार की मार से झुके होंगे ... कर्णपटल पर आलोचनाओं के स्वर तीर से चुभ रहे होंगे ... और कपोल अश्रु से भीग रहे होंगे .... तो तुम कहना .....मुझसे ... अधिकार से.... कि अब तुम सम्हाल लो सब कुछ .... क्योंकि बिखर रहा है बहुत कुछ .... सुनो ! .... तुम यकीन मानना ....भरोसा रखना .... मैं तुम्हारे लिए सब कुछ उलट पलट कर दूंगा .... तुम प्रिय हो .... तुमसे कही अधिक प्रिय हैं तुम्हारे सपने ... मैं बनूंगा तुम्हारा सारथी ....पतझड़ में .... और तब तक जब तक वो सब ना हो जाए जो तुम चाहते हो ... लेकिन फिलहाल मैं मौन रहकर मान रख रहा हूं.....तुम्हारे निर्णयों का ....सही और गलत के भेद से परे .... अभी बसंत है .... जाओ ....खुद को .... अपनो को ....सपनो को .... यारों को ....आजमा कर देखो .... बहुत कुछ है जो आने वाला समय समझाएगा..... मैं इंतजार करूंगा तुम्हारे कह देने भर का .... ©Sachin R. Pandey #sunsetnature आजमाना अपनी यारी को पतझड़ में सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है ....