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Dhaneshdwivediwriter
रिश्तों के बाजार में मेरे तलबगार बहुत हैं भावनाओं की बोली लगाये, ऐसे साहूकार बहुत हैं। यूँ तो रिश्तों से हरा-भरा मुस्कुराता जीवन है मेरा, फिर भी दिल के एक कोने में अन्धकार बहुत है। ...... ©Dhaneshdwivediwriter रिश्तों के बाजार में मेरे तलबगार बहुत हैं भावनाओं की बोली लगाये, ऐसे साहूकार बहुत हैं। यूँ तो रिश्तों से हरा-भरा मुस्कुराता जीवन है मेरा, फि
रिश्तों के बाजार में मेरे तलबगार बहुत हैं भावनाओं की बोली लगाये, ऐसे साहूकार बहुत हैं। यूँ तो रिश्तों से हरा-भरा मुस्कुराता जीवन है मेरा, फि
read moreMaari Karnan
White तारे बनके दिल पे टिमटिमाऊंगा चादनी रातो में आँखों में बस जाऊँगा....................... दिल के आसमान में आपकी चाहत का सुरूर दिल में basaounga ........शिद्दत से मोहब्बत की दुनिया आपके दामन में बिछेगा....... ©Maari Karnan #GoodNight दिल का तारा# PUJA KUMARI Rakesh Srivastava zindagi Digital Marketing Lalit Saxena
#GoodNight दिल का तारा# PUJA KUMARI Rakesh Srivastava zindagi Digital Marketing Lalit Saxena
read moreshayariwaladoctor
मिजाज में जिंदादिली, जमीर मेरा अभी तक मरा नहीं सब दुखो से निकल चुका मै ,अब कोई जख्म हरा नही बस एक ही मलाल ना रहे मुझे, कि मै अपने लिए कुछ करा नही अपने हाथों रुकसत की एक रोज जो मैने जिंदगी , कोई खौफ ना बचा फिर, मौत से भी कभी डरा नहीं ©shayariwaladoctor मिजाज में जिंदादिली जमीर मेरा अभी तक मरा नहीं सब दुखो से निकल चुका मै अब कोई जख्म हरा नही बस एक ही मलाल नही रखना मुझे कि मैने कुछ करा नही अप
मिजाज में जिंदादिली जमीर मेरा अभी तक मरा नहीं सब दुखो से निकल चुका मै अब कोई जख्म हरा नही बस एक ही मलाल नही रखना मुझे कि मैने कुछ करा नही अप
read moreनवनीत ठाकुर
कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब खुद को समझ लिया, तो फिर ताल्लुुक़ में क्या है। ज़िंदगी के मोड़ों पे, ग़म और खुशी की छाँव मिली, मगर जब हकीकत सामने आई, तो फिर ख्वाबों में क्या है। तोड़ने चले थे हर तारा, अपने आसमान से, मगर जब खुदा मिला, तो फिर इस तलाश में क्या है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब
#नवनीतठाकुर कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब
read moreVs Nagerkoti
Unsplash पता है आज एक सच्चे इंसान के साथ ही धोखा क्यों होता है । क्योंकि सामने वाला इतना ठगा गया होता है कि उसे यकीन ही नहीं होता की आज के इस दौर में कोई इतना अच्छा कैसे हो सकता है । इस वहम के चलते वो शख्स एक अच्छे और नेक इंसान को खो देता है। और यही तो वक्त की भी मंशा रहती है कि आप इस परीक्षा में कभी सफल ना रहे । आप खुद इस पहेली मैं हमेशा उलझे रहें। और निराश हताश होकर एक दिन यूं ही वापस लौट जाएं,,,,,,,। ©Vs Nagerkoti #traveling इसलिए सबसे पहले आपको अपने भ्रम को हराना है,,, आप अपने मन के वहम को जिस दिन हरा दोगे फिर आपको कोई नही रोक सकता
#traveling इसलिए सबसे पहले आपको अपने भ्रम को हराना है,,, आप अपने मन के वहम को जिस दिन हरा दोगे फिर आपको कोई नही रोक सकता
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