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دیویندر محل
एक दौर मे वायु ऐसी होती है, फुल खिलते दिल के, मुहब्बत बेमिसाल होती हैं, लफ्ज़ भरी गागर, कभी-कभी कोशों से भी न ठलती हैं, गुज़रे हुए वक़्त की यादें, मुझे उस के साथ ले चलती है । #0744P25042020 #alone एक दौर मे वायु ऐसी होती है, फुल खिलते दिल के, मुहब्बत बेमिसाल होती हैं, लफ्ज़ भरी गागर, कभी-कभी कोशों से भी न ठलती हैं, गुज़र
_Ram_Laxman_
flower sms shayari quotes भगवान ले तोला मय रोज मांगत रहिथव । सुरता करके मय रतिहा मा जागत रहिथव । अऊ जोहीं ये जिनगी मा तोरेच अगोरा हावय बस, तभे तो रोज तोर नाव ले के दिन ला ठलहा पहावत रहिथव । ©_judwaa_writes_ भगवान ले तोला मय रोज मांगत रहिथव । सुरता करके मय रतिहा मा जागत रहिथव । अऊ जोहीं ये जिनगी मा तोरेच अगोरा हावय बस, तभे तो रोज तोर नाव ले के
Jai Prakash Verma
पहिले जईसन अब कहां रहा होली उ हुड़दंग और अबीर गुलाल के टोली चार दिन पहिले ही बन जात रहा माहौल पुरान कपड़ा पहिने मिल जात रहे दुय चार बकलोल अब तौ जव कहूं केहूं का देव रंग लगाए तो होई जात है कायं काय ठाय ठाय फिर दूसरे दिन कचहरी मा मुकदमा विचारत हैं मोहल्ला मां भी सब एक दूसरे के घर निहारत हैं पहिले वै आवै तब हम जाई - वै फेंकै अबीर तो हम गुलाल लगाई पहिले होली शाम के रहत रहा इंतजार पहिन के नवा कपड़ा दावत के भरमार सबके घर के गुझिया खाए के मुंह बिचकावे पापड़ मा सूजी और साबूदाना के चुनाव करावे अब तो सबके यहां वहै रेडीमेड गुझिया जोन है शर्मा जी के हुवां वहै वर्मा जी के हियां अब तो बस व्हाट्सएपवे पर देत है रंग बहाय उ होली के याद बहुत आवत है भाय देवियों और सज्जनों प्रणाम एवं प्रिय ठलुआ वृंद बात हो होली की और अवध की बात ना हो या अवधी रस ना छेड़ा जाए तो आनंद अधूरा ही रह जाता है। इस
Rani Yadav
कृपया टाईटल पर किल्क कर पढ़े #कड़वी सच्चाई जैसे-जैसे रात ठली, उसकी आवाज कानों में गूंजने लगी, क्या-क्या नहीं कह गई, पर गलत तो नहीं कही, और कहां वो गलत थी, ये मैं सोच रह
OMG INDIA WORLD
*🌈👉 मै हिंदी हु , भारत की वर्णमाला , में कविता लिखती हु , मुझे पूरा पढ़कर देखो , क्या कहता है , मेरा संदेश...* *👇👇👇* *अ* चानक *आ* कर मुझसे *इ* ठलाता हुआ पंछी बोला *ई* श्वर ने मानव को तो *उ* त्तम ज्ञान-दान से तौला *ऊ* पर हो तुम सब जीवों में *ऋ* ष्य तुल्य अनमोल *ए* क अकेली जात अनोखी *ऐ* सी क्या मजबूरी तुमको *ओ* ट रहे होंठों की शोख़ी *औ* र सताकर कमज़ोरों को *अं* ग तुम्हारा खिल जाता है *अ:* तुम्हें क्या मिल जाता है.? *क* हा मैंने- कि कहो *ख* ग आज सम्पूर्ण *ग* र्व से कि- हर अभाव में भी *घ* र तुम्हारा बड़े मजे से *च* ल रहा है *छो* टी सी- टहनी के सिरे की *ज* गह में, बिना किसी *झ* गड़े के, ना ही किसी *ट* कराव के पूरा कुनबा पल रहा है *ठौ* र यहीं है उसमें *डा* ली-डाली, पत्ते-पत्ते *ढ* लता सूरज *त* रावट देता है *थ* कावट सारी, पूरे *दि* वस की-तारों की लड़ियों से *ध* न-धान्य की लिखावट लेता है *ना* दान-नियति से अनजान अरे *प्र* गतिशील मानव *फ़* रेब के पुतलो *ब* न बैठे हो समर्थ *भ* ला याद कहाँ तुम्हें *म* नुष्यता का अर्थ.? *य* ह जो थी, प्रभु की *र* चना अनुपम... *ला* लच-लोभ के *व* शीभूत होकर *श* र्म-धर्म सब तजकर *ष* ड्यंत्रों के खेतों में *स* दा पाप-बीजों को बोकर *हो* कर स्वयं से दूर *क्ष* णभंगुर सुख में अटक चुके हो *त्रा* स को आमंत्रित करते *ज्ञा* न-पथ से भटक चुके हो। *🇮🇳🕯️🇮🇳🕯️🇮🇳🕯️🇮🇳* ©OMG INDIA WORLD *🌈👉 मै हिंदी हु , भारत की वर्णमाला , में कविता लिखती हु , मुझे पूरा पढ़कर देखो , क्या कहता है , मेरा संदेश...* *👇👇👇* *अ* चानक *आ* कर मुझसे *
Agrawal Vinay Vinayak
हम 90 के दशक में पैदा हुए ठलुए है जनाब [ Read Caption ] हम 90 के दशक में पैदा हुवे ठलुए हैं ज़नाब…हमने #दुनिया को बदलते हुवे देखकर #दुनियादारी सीखा है.. और सिर्फ़ सीखा ही नहीं बल्कि जिया है उसको।