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Pushpendra Pankaj
उम्मीदें अब तो जाना तय है,लगभग,मन कह रहा। हाँ फिर से मिलेंगे,हम यहीं , वादा रहा ।। हँसना भी चाहा, मगर ना हँस सका, जिंदगी मे दर्द-गम ज्यादा रहा ।। फिर सजेगी जिंदगी जब-लौट कर आऊँगा मैं , वो सफर होगा सुहाना,हाँ ,यह सफर सादा रहा ।। मन को समझाया बहुत, हाँ, ठीक है सबकुछ कहा, मैं बन ना पाया बादशाह, अफसोस! एक प्यादा रहा ।। स्वप्न थे सुंदर बहुत, देखे जो मैंने चाव से , कुछ तो पूरे हो गए, एक खास था,आधा रहा।। पुष्पेन्द्र "पंकज" ©Pushpendra Pankaj #Leave उम्मीदें वापसी की
Anju Saraswat
हम तुम वाह रे कोरोना , निकाल दिया अच्छे अच्छों का पसीना कहता है चौड़ाकर छाती सीना आ गया है अप्रैल का महीना फिर से करूंगा सबका मुश्किल जीना ©Anju Saraswat वापसी कोरोना की #PoetInYou
Anju Saraswat
हम तुम वाह रे कोरोना , निकाल दिया अच्छे अच्छों का पसीना कहता है चौड़ाकर छाती सीना आ गया है अप्रैल का महीना फिर से करूंगा सबका मुश्किल जीना ©Anju Saraswat वापसी कोरोना की #PoetInYou
Anju Saraswat
हम तुम वाह रे कोरोना , निकाल दिया अच्छे अच्छों का पसीना कहता है चौड़ाकर छाती सीना आ गया है अप्रैल का महीना फिर से करूंगा सबका मुश्किल जीना ©Anju Saraswat वापसी कोरोना की #PoetInYou
AMIT
Life quotes in hindi थकने कि नहीं इजाज़त है.. रुकने का नहीं हमको हक है, हम तुम्हें विदा कर सोएंगे.. जागे कितने हम बेशक़ हैं, इन नन्हे-मुन्ने चेहरों पर..हम हंसी सजा कर भेजेंगे, इन सूनी-सूनी आंखों में..हम खुशी जगा कर भेजेंगे, तुम खाली पेट भले आए.. हम खिला पिलाकर भेजेंगे, जो मीलो चलकर आई है.. वो थकन मिटा कर भेजेंगे, जिस माटी में खेले कूदे..वह धरा बुलाती है तुमको, उन यारों संग हंसना गाना..जो याद सताती है तुमको, सबको उनके घर भेजेंगे.. हमने भी ये ज़िद ठानी हैं..! है हाथ जोड़कर विदा तुम्हें.. फिर अगली ट्रेन भी आनी है..!! -------अमित मजदूरों की घर वापसी
जयंता मिर्ज़ा
आज 1 महीने बाद लोटा हूं स्वागत तो करो हमारा 👇 ©जयंता मिर्ज़ा फेसबुक वापसी की तैयारी #Anger
Anjali Jain
आज शाम लगा था ,कोरोना दुबक गया है कहीं या हारकर चला गया है हम भारतीयों की बहादुरी, निडरता और चटोरे पन को देखकर,लेकिन वह तो अब अट्टहास कर रहा है। इतने दिनों तक हम लोगों के करतब, हिम्मत सभी को ऑब्जर्व कर रहा था, जब हम पूर्ण रूप से बेपरवाह और मस्त हो गए कि अचानक दबे पाँव आकर पीठ पर धौल जमा दिया और बुरी तरह से झिंझोड़ कर चौंका दिया है। अब तो सावधान हो जाओ, मेरे देशवासियों, तुम लोगों की चतुराइयाँ, चालाकियाँ और लापरवाहियां देख कर वह भी चतुर-चालाक हो गया है और उसने भी अपने नैन-नक्श, तौर-तरीके बदल दिए हैं।उसे पहचानना ही बहुत मुश्किल हो गया है। कुछ लोग तो हर बात का, हर हाल का विरोध करने पर ही तुले हुए हैं। ©अंजलि जैन कोरोना की वापसी 11.04.21 #PoetInYou