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Stories related to वो जो मिलते थे कभी

Anamika Raj

Situation इंसान को वो बना देती है, जो वो कभी बनना नहीं चाहता!

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Unsplash Situation इंसान को वो बना देती है, 
जो वो कभी बनना नहीं चाहता!

©Anamika Raj Situation इंसान को वो बना देती है, जो वो कभी बनना नहीं चाहता!

Bhupendra Ganjam

#lovelife alone sad dp Extraterrestrial life sad quotesभरी भरी सी आखें, खाली खाली सा मन, कितना कुछ होता है, कहने के लिए , कभी lafaz नहीं

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Unsplash भरी भरी सी आखें, खाली खाली सा मन,
कितना कुछ होता है, कहने के लिए ,
कभी  lafaz नहीं मिलते, 
कभी लोग नहीं मिलते...

©Bhupendra Ganjam #lovelife  alone sad dp Extraterrestrial life sad quotesभरी भरी सी आखें, खाली खाली सा मन,
कितना कुछ होता है, कहने के लिए  ,
कभी  lafaz नहीं

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था, जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था। वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी, वो फिर नई सुबह

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क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था,
जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था।

वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी,
वो फिर नई सुबह में मोहब्बत बनकर पिघला था।

तेरे बिना जो था खाली, वो तेरा ख्वाब बना,
वही ख्वाब अब हमारी हकीकत बनकर उभरा था।

रात में जो था नवनीत कभी अधूरा,
वो तेरे होने से अब रोशनी बनकर उजला था।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था,
जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था।

वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी,
वो फिर नई सुबह

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर उम्मीदों में जिनसे था इश्क़, वही दर्द दे गए, हमने कभी नहीं लिया बदला, फिर भी ग़म दे गए। खामोशी में छुपी थी, एक गहरी साज़िश की

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उम्मीदों में जिनसे था इश्क़, वही दर्द दे गए,
हमने कभी नहीं लिया बदला, फिर भी ग़म दे गए।

खामोशी में छुपी थी, एक गहरी साज़िश की ख़ुशबू,
जो कभी नहीं कहा, वही राज़ सर्द कर गए।

आँखों में जो जज़्बात थे, वो अब सीने से निकल आए,
जो कभी नहीं कहा, वही सच्चाई अब उजागर हो जाए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
उम्मीदों में जिनसे था इश्क़, वही दर्द दे गए,
हमने कभी नहीं लिया बदला, फिर भी ग़म दे गए।

खामोशी में छुपी थी, एक गहरी साज़िश की

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब, वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा? जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे, वो मेरी हसरतों

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White जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब,
वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा?

जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे,
वो मेरी हसरतों को राहत क्या देगा?

जो खुद को न पा सका कभी सच्चाई से,
वो किसी और की तलाश को प्यास क्या देगा?

जो रातों को जागकर कभी सच्चाई से नहीं हुआ रूबरू,
वो उजालों में ख्वाब को रोशनी क्या देगा?

जो खुद में रुकावट नहीं मिटा सका, कभी,
वो किसी और की मंज़िलों में दरवाज़ा क्या देगा?

जो खुद को समझ नहीं सका, कभी खुल कर,
वो औरों को ख्वाब क्या देगा?

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब,
वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा?

जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे,
वो मेरी हसरतों

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं, जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।

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Unsplash दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं,
जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं,
जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दुनिया के रंगों से अब कोई सरोकार नहीं, कभी जो था कभी सस्ता, अब वो महँगा नहीं। गुज़र रहा हूँ बस इस राह से चुपचाप, जो मंज़िलों की

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Unsplash दुनिया के रंगों से अब कोई सरोकार नहीं,
कभी जो था कभी सस्ता, अब वो महँगा नहीं।
गुज़र रहा हूँ बस इस राह से चुपचाप,
जो मंज़िलों की तलाश में था, वो अब मेरा पीछा नहीं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
दुनिया के रंगों से अब कोई सरोकार नहीं,
कभी जो था कभी सस्ता, अब वो महँगा नहीं।
गुज़र रहा हूँ बस इस राह से चुपचाप,
जो मंज़िलों की

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त

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White  गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी,
साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए।

नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत,
मगर इतना तो हुआ, कुछ चेहरे पहचानने गए।

इक हल्की सी लहर ने सारा दरिया हिला दिया,
वक्त की शिद्दत से कुछ अरमाँ तक उड़ने गए।

जो साथ थे कभी, अब दिलों में दूरियाँ बन गईं,
लेकिन उन दूरियों से कुछ रिश्ते नया रंग लेने गए।

अल्फाज़ वो जो कभी मुस्कान से बयाँ होते थे,
वो अब चुप्पियों में छुप कर रह जाने गए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
  गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी,
साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए।

नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत,
मगर इतना त

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर वक़्त ने हर ज़ख्म को मरहम दिया, पर जो गंवाया, वो फिर कब दिया। इसने हर दर्द को कहानी बना दिया, पर जो खोया, उसे अफसाना बना दिया।

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Unsplash वक़्त ने हर ज़ख्म को मरहम दिया,
पर जो गंवाया, वो फिर कब दिया।

इसने हर दर्द को कहानी बना दिया,
पर जो खोया, उसे अफसाना बना दिया।

जो पल साथ थे, वो कहानी बन गए,
जो छूटे, वो निशानी बन गए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
वक़्त ने हर ज़ख्म को मरहम दिया,
पर जो गंवाया, वो फिर कब दिया।
इसने हर दर्द को कहानी बना दिया,
पर जो खोया, उसे अफसाना बना दिया।

Anuradha T Gautam 6280

जो #देर से मिलते हैं वो #दूर तक चलते हैं जो #जल्द मिलते हैं वो जल्द #छुट जाते हैं..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️

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