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Rabindra Kumar Ram
" फिर से आज तेरा नाम आया है , मेरे मुहब्बत का वो मुकाम आया है , छुट गयी थी कभी हमारी राहें कहीं , अपनी मंजिल की छोड़ तलाशने तेरा नाम आया है . " --- रबिन्द्र राम #मुहब्बत #मुकाम #छुट #राहें #मंजिल #छोड़ #तलाशने #तेरा नाम
Siddharth Mahor
#छुट जाता है हाथ कभी चलते चलते👫 पर तुम रूह से बंधे हो डरना 🌹 .जाना💞 __________ ©Siddharth Mahor #Love
Kareem Ali
मैं जानता था कि अब "रेल" मुड़ नहीं सकती,,,, जो हाथ एक दफ़ा छुट गया... बस वो छुट गया...!!! ©Kareem Ali मैं जानता था कि अब "#रेल" मुड़ नहीं सकती,,,, जो #हाथ एक #दफ़ा छुट गया... #बस वो #छुट गया...!!!
thakur_prakash97
लत लगी तुझसे मेरी जीतेजी छुट नहीं सकती, जिस्म तो मर जाएगा रूह मगर छुट नहीं सकती। - ठाकुर प्रकाश 🙏
🙏 #शायरी
read moreBharat lal
पैसा जब से बढ़ गया, प्रेम रूप जो छुट गया। अंहकार से मैं डुब गया। सब तालमेल छुट गये, सब दोस्त यार दूर गये। मन उलझन मे डुब गया, हमसे प्रेम जब दूर गया। अहंकार कि वाणी मे, सब हमसे लुट गया। रीत न जाने प्रीत की बाते। उलझन को सुलझाते सुलझाते, मैं उलझन मे डुब गया । अब यह सारा जग हमसे रूठ गया । भरत लाल
राघव रमण
जीवन पथ पर चलते चलते निकल गये है दुर बहुत पीछे मुड़कर जब देखा तो सब छुट गया मुझसे अब तो स्नेह भरा सागर छुटा मां की ममता की छुटी गगरी बहन के धागे का नेह कहीं तो छुट गई अपनी नगरी पिता का आत्मबल छुटा भाई की छुटी मजबुती मित्रों का हौंसला छुटा तो छुट गई अपनी ही तुती समाज का बंधन छुटा परिवार की छुटी अनुभुति अपनी मिट्टी का रंग छुटा तो छुटी अपनों की आजादी अब क्या खोजुं और क्या पाऊं कुछ भी संभव नहीं जमाने मे दुर बहुत मैं निकल गया अब क्या होगा पछताने में।।
Naman Advik
गाँव छुटा, कस्बा छुटा और छुट गए मेरे यार कुछ अच्छा पाने के चाहत में, छुट गया जो अच्छा था.... यार #nijoto
Sunny Lakhiwal
बचपन और रूठना गुल्ली-डण्डा,पाटी-बस्ता, बचपन रूठ गया मुझसे।। बारिश मस्ती,कब्बडी कुस्ती, यौवन छुट गया मुझसे।। मोबाइल के पिंजरे में मैं, आकर ऐसा फँसा यारो।। दुनियादारी, रिश्ते-नाते, सबकुछ छुट गया मुझसे।। #NojotoQuote #bachpan
Samyak Jain
Koi kisi k bina Marta ni h bs adat ki baat h tmari छुट gyi h hmari bhi छुट Jayegi..