Find the Latest Status about कैद में है बुलबुल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कैद में है बुलबुल.
manoj kumar jha"Manu"
मेरे बगीचे में भी बुलबुल, आ गई देखो जरा। हवा भी तो मचलती सी, आ गई देखो जरा।। फूलों के ही आसपास, मंडरा रही है वो आज, लगता है कि तेरी याद, आ गई देखो जरा।। कुछ गीत सा है गा रही, मैं तो उसको सुन रहा, जैसे तेरा कोई सन्देशा, सुना रही देखो जरा।। साथ में है उसके गौरेया भी तो मचलती सी, किसी से नहीं वैर, ये कह रही देखो जरा।। उसकी चहचहाहट से मुझको मिल रही खुशी, अपनी मुस्कुराहट भी दिखा दो यह सुन के जरा।। बगीचे में बुलबुल
rahulyadav_0ah
कैद में है जिंदगी आजाद हो जा, मोहब्ब्त में चल बर्बाद हो जा! तेरी शहद सी आवाज को कानो से चख लू , तू मेरे इश्क का मीठा स्वाद हो जा!! कैद में है जिंदगी
Gaurav Jha
यूं मन मिलन के गीतों में ' यूं रिमझिम बरसती बरखा में ' यूं पंखों के चिरछाओं में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ' यूं मधुर कोयल सी मुस्कानों में ' यूं मेरे नब्ज के ठिकानों में ' यूं बरबस पथराई आँखों में ' यूं पवन वेग इन हवाओं में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ... यूं प्रेम के उन परिभाषाओं में ' यूं गीत के उन लताओं में' यूं शरद के उन शितों में ' यूं मधुर मिलन के गीतों में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ' यूं मन के उन उत्साहों में ' यूं जीवन के नव राहों में ' यूं सागर के क्षितिज लहरों में ' यूं कलियों के उन घटाओं में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ' कोई कैद है मेरे आंगन में .. यूं कवियों के नवगीतों में ' यूं सुखद पड़े संगीतों में ... यूं सूरज के उन किरणों में ' यूं चाँद की सुखी लाली में ' यूं निर्झर जल के झड़नों में ' यूं कीचड़ के उन कमलों में ' कोई कैद है मेरी आँखों में ... काव्य -गौरव कोई कैद है मेरे आंगन में
Gaurav Jha
यूं मन मिलन के गीतों में ' यूं रिमझिम बरसती बरखा में ' यूं पंखों के चिरछाओं में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ' यूं मधुर कोयल सी मुस्कानों में ' यूं मेरे नब्ज के ठिकानों में ' यूं बरबस पथराई आँखों में ' यूं पवन वेग इन हवाओं में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ... यूं प्रेम के उन परिभाषाओं में ' यूं गीत के उन लताओं में' यूं शरद के उन शितों में ' यूं मधुर मिलन के गीतों में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ' यूं मन के उन उत्साहों में ' यूं जीवन के नव राहों में ' यूं सागर के क्षितिज लहरों में ' यूं कलियों के उन घटाओं में ' कोई कैद है मेरे आंगन में ' कोई कैद है मेरे आंगन में .. यूं कवियों के नवगीतों में ' यूं सुखद पड़े संगीतों में ... यूं सूरज के उन किरणों में ' यूं चाँद की सुखी लाली में ' यूं निर्झर जल के झड़नों में ' यूं कीचड़ के उन कमलों में ' कोई कैद है मेरी आँखों में ... काव्य -गौरव कोई कैद है मेरे आंगन में
S Ram Verma (इश्क)
रूह मेरी वर्षो से उस एक जिस्म में दफ़न है , क्या कोई उस जिस्म के मलबे से ; मेरी रूह को जिन्दा निकाल सकता है ! #जिस्म #में #कैद #है #रूह #मेरी
Vivek
ये बुलबुल सी हसरत पलकों की मीठी कसरत किस्सा चल रहा है प्यार का दूर चली जा अब तो नफ़रत...!!! ©Vivek # बुलबुल
jcp jasveer
कर रही है ब्या बुलबुल की खामोशियां...! कि कैद है वो पिंजरे की चारदीवारियों में...! जेसीपी जसवीर 9872812115 #बुलबुल