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sweetu
"अब तो रोना भी छोड़ दिया है मेने ये सोच कर, कहीं खुदा तुमसे मेरे आंसू का हिसाब ना ले फिर से।" ©sweetu आंसू
आंसू #Shayari
read moreArora PR
White मेरे इन आंसुओ को मेरी बहुत सारी दर्दीली बातो को छुपा कर रखने का हुनर मालूम है और जो इससे भी ज्यादा दर्दीली बाते आंसू नहीं छुपा सकते उनका इज़हार मेरी कविताओं मे देखा जा सकता है ©Arora PR आंसू और कविता
आंसू और कविता
read moreArora PR
White मेरे कई दिनों से आँखों में रुके हुऐ आंसू बासी हो चुके है .पर इसकी शिकायतl भी करें तो किस से करें? क्या कभी मुड़ कर देखा है तुमने उस समुन्द्र क़ो जो युगो से अपने बासी पानी से रोज़ ताज़ा लहरे उठाता आया है,? ©Arora PR बासी आंसू
बासी आंसू #कविता
read moreRamkishor Saini India
White आंख के आंसू और दिल की कहानी कभी खत्म नहीं होती Ramkishor ©Ramkishor Saini India #Emotional_Shayari आंख के आंसू और दिल की कहानी कभी खत्म नहीं होती
#Emotional_Shayari आंख के आंसू और दिल की कहानी कभी खत्म नहीं होती
read moreBS NEGI
White आंसू भी एक परेशानी है, खुशी और गम दोनों की निशानी है, समझने वाले के लिये अनमोल और ना समझने वाले के लिए पानी है। ©BS NEGI आंसू
आंसू #शायरी
read moreअमित कुमार
White उधर उठी तेरी डोली इधर जनाजा मेरा निकल गया उस पल भी ना जाने कैसे आंसू मेरे आंखों से फिसल गया। तू खिलखिला रही है मेरे हालत देख रो गयी दुनियां ओ संगदिल मेरे आंसू गिरे पत्थर पर वो भी पिघल गया।। ©अमित कुमार मेरे आंसू
मेरे आंसू #शायरी
read moreहिंदुस्तानी
White सोचा ही नहीं की, जिंदगी में कभी ऐसे भी फ़साने होंगे, रोना भी जरुरी होगा, और आंसू भी छुपाने होंगे ©सत्यमेव जयते आंसू भी छुपाने होंगे
आंसू भी छुपाने होंगे #Shayari
read moreSantosh Verma
Men walking on dark street खुश नही हूं साहब जितना मैंने सहा है ना? तुम्हे पता चल जाए तो रो ना पड़ो इसलिए मुस्कुराता हूं। प्रणाम 🙏🏻 ✍🏻 संतोष ©Santosh Verma आंसू
आंसू #शायरी
read moreGurudeen Verma
शीर्षक- और तो क्या ? --------------------------------------------------------- खास तुम भी होते साथ में, या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में, और तो क्या ? यह खुशी दुगनी नहीं होती। ये दिन सुकून से गुजर जाते, मगर इस शक की दीवार को तो, तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी, और अपने अहम को भी, छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी। और तो क्या ? लोगों नहीं मिल जाता अवसर, कहानियां नई गढ़ने का, वहम को और बढ़ाने को, लेकिन इसमें हार तो, हम दोनों की ही होती, लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है, मेरे हारने का कोई गम। मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता, मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ , भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ , फिर भी मिल जाये कुछ खुशी, आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए, जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक, और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली, और तो क्या ? हंस लेता मैं भी--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखक