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anuragbauddh
खेत भयभीत है। अन्न भूखा है भूख मिटाने को, पानी प्यासी है प्यास बुझाने को, बेहबल विकास अपना रकबा बढ़ा रहा, खेत भयभीत है उद्योग बन जाने को। प्रायोजित आंकड़े सिर्फ गरीबी घटा रहे हैं, कैलोरी नीति माप से गरीबों को हटा रहे हैं, क्या पेट की मजबूरी साहब जानेंगे? हमारी जमीन ना छीनें ऐसा मानेंगे? जेसीबी की आवाज ज्यों ही सुनाई पड़ी, सब कामकाज छोड़ अम्मा आगे बढ़ी, अबकी बार साहब की चेतना मर गई, और तकनीकी ताकत झोपड़ियां कुचल गई। भूमि अधिग्रहण विधि, दहशत गर्त विधान, औद्योगिक राजनीति का निशाना किसान, हाय हाय सरकार! हाय हाय इंसाफ! पलक झपकते ही बस्ती की बस्ती साफ। , बोरिया बिस्तर बांध चले नए डेरा को, जेठ की दुपहरी में ढूंढते सवेरा को, नई झोपड़ी भी उसी पिंजरे में कैद है, कल भी अवैध थी आज भी अवैध है। चूल्हा चलाए अम्मा रो रही है, वही मोटी चावल धो रही है, व्याकुल परिवार मोहताज दाने दाने को, खेत भयभीत है उद्योग बन जाने को। - अनुराग बौद्ध #किसान #कविता #दर्द
मोहम्मद मुमताज़ हसन
किसान हमारा अन्नदाता है भारत का भाग्य विधाता है कड़ी धूप में जल जलकर धरती से सोना उपजाता है यूं भूख मिटाता है सबकी स्वयं भूखा ही रह जाता है अपनी पीड़ा भूलकर वह देश को धनवान बनाता है चाहे जितनी मेहनत कर ले कहीं दिखती नहीं थकान ऐसा है अपने देश का किसान किसान ही लाते हैं खुशहाली रहती सुदृढ़ अपनी हालत माली धरती से सोना उपजाने वाले महान बहुत होते किसान नमन इन्हें आओ करें सब भारत की हैं यही पहचान!! (-मोहम्मद मुमताज़ हसन) #कविता #किसान #नोजोटो
शून्य(ब्राह्मण)
खेत जोतने गया था लल्ला फसल भई घंघोर... खेत में घुस के हल भी चलाओ मच गयो ये शोर! पापा ने जाके खबर लई जो लल्ला गए घवराय.. बुझें तो का कोई बात ना अाई मांगी फिर एक राय! कैसे करूं मैं हल जीवन का कैसे बनूं किसान... कौन बताएं मार्ग हमें अब कहां जाए भगवान! बाप कहें सुनो लल्ला पहले तुम खेत को सम्मान करो.. जे खेत तुम्हारे जीवनदाता इन्हे प्रणाम करो! #CHILD_LABOUR #किसान #कविता
Puneet Ranjan
अन्न की जरूरत तो है सभी को मगर किसान को गरीब बनाता हर कोई जो प्रकृति से लड़कर फसल उगाता उसे आत्महत्या करवाता हर कोई छोड़ देगा फसल उगाना जिस दिन वो भूल जायँगे सब पूँजीवाद को बन जायगा किसान हर कोई समझ जायेगा उसकी मेहनत को। किसान के लिए..... #किसान #हिंदी #कविता #विचार #कला
Paras Singh Gangasara