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Anjali Singhal

"चंचल चितवन नयन कटार, छेड़े मेरे मन के तार। रूह में ऐसे घुलता प्यार, जैसे गंगा की पावन धार।।" #AnjaliSinghal #loveshayari

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Ankur tiwari

शौक सिंगार सब फबे खूब उनपर सादगी में जान मोर लागे बड़ी बढ़िया दिलवा के तार मोर झन झन बाजे लागे जब पाहिनेली जान मैरून कलर सड़िया #Shayari

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शौक सिंगार सब फबे खूब उनके पर 
सादगी में जान मोर लागे बड़ी बढ़िया 
दिलवा के तार मोर झन झन बाजे लागे 
जब पाहिने करेजा मोर मरून कलर सड़िया

©Ankur tiwari शौक सिंगार सब फबे खूब उनपर 
सादगी में जान मोर लागे बड़ी बढ़िया 
दिलवा के तार मोर झन झन बाजे लागे 
जब पाहिनेली जान मैरून कलर सड़िया

bhim ka लाडला official

अंध भक्तों से कभी बहस ना करें, अगर अंध भक्त कहे कि हाथी उड़ता है तो उनको बताएं कि आज सुबह ही हमारे घर के तार पर बैठा था #प्रेरक

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aaj_ki_peshkash

#संगीत की #धुन से #जीवन को #साज़ करें, #दिल की गहराईयों में छू जाए वो तार बसाएं। #दर्द को आहटों में पिघलाए, संगीत ही है जो #रूह को #सुकून दि

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Rakesh frnds4ever

#Life_Experiences #आंखों के #द्वार पार जाने क्यों आंखें #झांक लेती हैं उस पार #औरों #बुद्धि #विचारों #बुद्धू #कोट्स

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Men walking on dark street आंखों के द्वार पार

जाने क्यों आंखें झांक लेती हैं

उस पार

जानें क्यों

बुद्धू सी बुद्धि 

के तार

भांप जाते हैं

औरों के

विचारों के आर पार,,,.....

©Rakesh frnds4ever #Life_Experiences 

#आंखों  के #द्वार पार

जाने क्यों आंखें #झांक  लेती हैं

उस पार

Rameshkumar Mehra Mehra

# बहुत गहरी है,सागर की तरह,उसके दिल का सफर,कितने ही गम लिए बैठी है,तह दूर तक बढती ही जा रही है,उल्झन दिल की,कई राज दफन उसके सीने मे,खुद को क #Quotes

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- चंचल चंचल मन की जो कभी , सुनते आप पुकार । दौड़े आते साजना , प्रियतम के ही द्वार ।। #कविता

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दोहा :- चंचल

चंचल मन की जो कभी , सुनते आप पुकार ।
दौड़े आते साजना , प्रियतम के ही द्वार ।।
च़चल मन की वो खुशी , देख सके क्या आप ।
मन ही मन खिलता रहा , सुनकर ये पदचाप ।।
चंचल मन ने बाँध ली , आज प्रेम की डोर ।
कैसे निकलेंगे सजन , नैना है चितचोर ।।
चंचल दिखती है पवन ,  छेड़े मन के तार ।
आने वाले हैं सजन , लायी खत इस बार ।।
चंचल मन वैरी हुआ , करके उनसे प्रीति ।
सुधि भी वह लेता नहीं , निभा रही मैं रीति ।।

२७/०२/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- चंचल


चंचल मन की जो कभी , सुनते आप पुकार ।

दौड़े आते साजना , प्रियतम के ही द्वार ।।

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- जितने जीवन पल मिले , उतने पल कर प्यार । टूट नहीं जाएँ कहीं ,  साँसों के फिर तार ।।१ #कविता

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White दोहा :-

जितने जीवन पल मिले , उतने पल कर प्यार ।
टूट नहीं जाएँ कहीं ,  साँसों के फिर तार ।।१
                  बच्चे तो हम बन गये , रहा न वह पर ठाठ ।
             अब तो कुछ बाकी नहीं, आयु हो गई साठ ।।२
अपने जीवन का नहीं, सुन ले कोई मोल ।
दिन भर बच्चे डाँटते , सोच समझ के बोल ।।३
               मातु-पिता हम थे कभी, जाओ अब तो भूल।
           काँटा बन अब सुत चुभे , कल तक थे जो फूल ।।४
ऐसी बातें सोचकर , हम तो थे आबाद ।
बच्चों से ही सुख मिले , क्या करते फरियाद ।।५
                    जीवन की इस सोच ने , किया हमें नाशाद ।
                     आयेंगे दिन लौट फिर , देख हुए बरबाद ।।६

०२/०५/२०२४   -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-


जितने जीवन पल मिले , उतने पल कर प्यार ।

टूट नहीं जाएँ कहीं ,  साँसों के फिर तार ।।१

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- तेरा मेरा यार मिलन कल हो जायेगा । फिर तो सुख जीवन में हर पल हो जायेगा ।। धक-धक करती धड़कन मुझसे क्या कहती है। तू उसके पैरों की पायल #शायरी

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ग़ज़ल :-

तेरा मेरा यार मिलन कल हो जायेगा ।
फिर तो सुख जीवन में हर पल हो जायेगा ।।

धक-धक करती धड़कन मुझसे क्या कहती है।
तू उसके पैरों की पायल हो जायेगा ।।

उनकी बात न पूछो तुम हम दीवानो से ।
एक नज़र देखे जिसको घायल हो जायेगा ।।

उनसे मिलने को जो इतना तड़प रहा है ।
मुझको लगता है वो पागल हो जायेगा ।।

मत छेड तार इस दिल के आज अदाओ से ।
ये तेरी चाहत का क़ायल हो जायेगा ।।

मुरझाती फसलों से क्या उम्मीद करेंगें ।
कौन यहाँ पे है जो बादल हो जायेगा ।।

बात प्रखर की मानेगा जब तू जीवन में ।
सच कहता हूँ तू भी निश्छल हो जायेगा ।।

०९/०३/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-

तेरा मेरा यार मिलन कल हो जायेगा ।
फिर तो सुख जीवन में हर पल हो जायेगा ।।

धक-धक करती धड़कन मुझसे क्या कहती है।
तू उसके पैरों की पायल

Ankur tiwari

#Night जब हुआ प्यार इज़हार किया था,मैने भी इकरार किया था किए थे वादे जो कर सकता था ,मैंने झूठा ना करार किया था पर उसने इंकार कर दिया , दि #Poetry

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White जब हुआ प्यार इज़हार किया था,मैने भी इकरार किया था 
किए थे वादे जो कर सकता था ,मैंने झूठा ना करार किया था 
पर उसने इंकार कर दिया , दिल को मेरे तार तार कर दिया 
स्वप्न सजाएं थे जो मैंने ,उन स्वप्नों को राख कर दिया 
फिर भी मैंने पूछा उससे ,कमी क्या हैं मुझको बतलाओ 
क्यों प्रेम स्वीकार नहीं हैं ,कोई कारण तो समझाओ 
उसने कहा राम चाहिए मुझे , शादी करके आराम चाहिए मुझे 
शौक मेरे सब पूरे हो जाए ,ऐसा कोई राजकुमार चाहिए मुझे 
तुम तो ठहरे सामान्य से लड़के ,ये सब तुम ना कर पाओगे 
जीवन भर मेहनत करते करते ही,एक दिन यूं ही तुम मार जाओगे 
फिर क्यों तुम्हें स्वीकार करूं मैं ,क्यों खुद पर धिक्कार धरूं मै 
मिल जायेगा मुझे कोई रईसजादा,तो फिर तुमसे क्यों प्यार करूं मैं 
उसकी बातें सुन दिल भर आया था,मैं खुद अंदर ही अंदर मर आया था 
बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला मैने ,आंखों में आंसू भी भर आया था 
तबसे ना किसी से प्यार हुआ ,ना कभी कोई इज़हार हुआ 
मैं जान गया रीत दुनियां की,और खुद से एक इकरार हुआ 
पैसे की दुनिया हैं तो फिर ,पैसा ही मुझे कमाना है 
जिस जिस ने भी ठुकराया हैं ,उस उस को एक दिन दिखाना हैं 
पाया ही सबकुछ नही हैं पर ,दुनियां पीछे इसके पागल है 
अब नही रही तव्वजो सीरत की ,पैसे और सूरत पर सब घायल हैं

©Ankur tiwari #Night 
जब हुआ प्यार इज़हार किया था,मैने भी इकरार किया था 
किए थे वादे जो कर सकता था ,मैंने झूठा ना करार किया था 
पर उसने इंकार कर दिया , दि
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