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Ishrat Tauheed
ग़ज़ल..... एक ही घर में रह कर मुलाकात कम होने लगी है इन दिनों एक दूसरे से बात कम होने लगा है ना किसी से अब कोई रुठता है यहां मानाने के अब रिवाज़ कम होने लगें हैं खिलते नहीं चेहरे अब चाय की चुस्कियों से अब संग बैठ कर बातें कम होने लगी है भाग रहा है वक्त अपनी रफ़्तार से यहां मसरूफियत यहां ज्यादा फुर्सत कम होने लगी है रिश्तों का दर्द आंखों में शर्म का एहसास कहां दिलों में अब अपनों का दर्द कम होने लगा है ©Ishrat Tauheed #phool
Mr. Eram
ہم سے کیا ہو سکا محبت میں خیر تم نے تو بے وفائی کی فراق . ©Mr. Eram #phool.
Tripti singh
उसने कभी एक का होकर रहना नहीं सीखा आखिर उसे सबको खुश भी तो रखना था 🙃 ©Tripti singh #phool
Kamlesh Kandpal
पत्थर में जो लोग पूजते हैं भगवान। वह कर नहीं सकते किसी का अपमान। पथ्तर फेंकना कोई हुनर का काम नहीं, हुनरमंद वे हैं जो डाले मूर्तियों में जान। पत्थर में जो लोग पूजते हैं भगवान। वह कर नहीं सकते किसी का अपमान। इबादत करना जिनको आता होगा पत्थर बरसाने का नहीं करेंगे वह ध्यान। पत्थर में जो लोग पूजते हैं भगवान। वह कर नहीं सकते किसी का अपमान। मजहब छोड़, हवा, पानी बचाओ भले लोगों जाने कब इनके बगैर टूट पड़ेगा आसमान। पत्थर में जो लोग पूजते हैं भगवान। वह कर नहीं सकते किसी का अपमान। ©Kamlesh Kandpal #patthar
KRISHNA
*ज़बरदस्ती* आप सपनो के *पीछे* भागोगे , *तभी* तो ज़बरदस्ती *मुकाम* मिलेगा! ©KRISHNA #phool
KRISHNA
दर्पण जब चेहरे का दाग दिखाता है तब हम दर्पण नहीं तोडते बल्कि दाग साफ करते हैं। उसी प्रकार हमारी कमी बताने वाले पर क्रोध करने के बजाय कमी दूर करना श्रेष्ठ है ©KRISHNA #phool
Neeraj Neer
भ्रमर गीत मे क्रदन कैसा पुष्प लता बिन उपवन जैसा, बसंत मे मन द्रवित कलियों का नव कोपलो का मर्दन जैसा, चंचरीक न अब अकुलाता अग्रह बन क्यों गूंजता, उपालंभ कोई मेरी समझाता मेरी तृष्णा क्यों न मिटाता , भ्रमर गीत मे क्रदन कैसा .... नीरज वर्मा "नीर " ©Neeraj Neer #phool
writer's desk
ख्याल लिखु तुझे पहला और लिखु ख्वाहिश मेरी मुस्कान लिखूं तुझे मेरी , या लिखूं दु ज़िंदगी लिख दु तुझे सब कुछ मेरा लिख दु ऐसा जेसे लैला मजनु या फिर लिख दु ऐसा जैसे अंधेरी रात में चमकता चाँद सुंदर ख्वाब हो तुम, मधुर संगीत की राग हो। या ऐसा लिखु , जैसे किसी ने नहीं लिखा हो। यू तो लिख दु किताब तुम पर, शब्दों कहा बयां कर पाएंगे तेरी सुन्दरता को, सपनो में आने वाला ख्वाब हो तुम होंठों पर मुस्कान लाने वाला एहसास हो तुम। सुनो, लाजवाब हो तुम और बहुत खास हो तुम, इस दिल के बेहद करीब हो तुम। ©writer's desk #phool