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Ganesh Din Pal
Men walking on dark street कई बार जिंदगी इतनी ज्यादा उलझ जाती है कि उड़ना होता है पिसान तो लोग जांत ही उड़ा देते हैं। ©Ganesh Din Pal # लोगों के मुंह में ढक्कन होता तो
Anand Ji Mayura Ji
मन में लपेटे हो शांति दुशाल । उठा लो अब हाथ में क्रांति मशाल। दुश्मन भी सारे कांप उठे, अटल अविचल रहै ये गौरव भाल। दामन को अपने दाग से बचाईये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये। ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Anand Ji Mayura Ji
Village Life केसर की क्यारी में फूलो की मुस्कान हो । रण-भूमि में दिखता जौहर की आन हो। तुम ही हो दुर्गा -श्री - शारदा, ज्ञान शील ममता की पहचान हो । दामन को अपने दाग से बचाईये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये । ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Anand Ji Mayura Ji
हाथों में तुम्हारे ही वतन की लाज है । कर्णधार हो तुम ये तुम्हारा ही राज है । जो चढा दे अपने सरो की भेट , ऐसे वीरों की जरुरत आज हैं । अपने प्राणो से इसकी आरती उताराये ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के रंग
Anand Ji Mayura Ji
BeHappy हाथ जख्मी होते है डाल ए गुलाब से । घर भी जल जाते है घर के चराग से । कोई क्या बचेगा इस जहां में , हर कोई घिरा है काले नाग से । खुद को बचा लो ये ना मारिये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये । ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Anand Ji Mayura Ji
मिलेगा प्रेम दोस्तों दिल से पुकारिये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये। ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Anand Ji Mayura Ji
अकाल मौत वो मरे जो काम करे चांडाल का।काल उसका क्या बिगाङे जो भक्त हो महाकाल का । ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Mansha Sharma
🍁मन के भाव 🍁 तन्हाई दिख रहा है घुप अंधेरा क्या करे इन उजालो का हम जब साथी तु नही है मेरा हमे घेरे रहता है तेरी यादो का घेरा ना जाने कब होगा जीवन मे सवेरा यह तन्हाई हमे लगी डराने क्या करे तेरी याद जो लगी सताने तुम ना आने के ढूंढने लगे बहाने तुम्हे याद करते करते गला रुंध गया अश्क लगे बहने अब क्या कहे हमे तुमसे कुछ लफ्ज़ नही कहने मनशा है लौट आओ अब तुम्हारे बिना हमे तन्हाई के दर्द नही है सहने अगर तुम्हे कुछ लिखना चाहूं लिख ना पाऊं जज्बात कोरे कागज़ पर छलक ही जाती अंसुवन की धार क्यों छोड़ दिया मुझे इस तन्हाई की दुनिया मे बीच मझधार हम तो थे जन्म जन्म के साथी मनशा फिर क्यों बुझ गयी इस दिल की बाती टूट गये सांसो के तार टूट गये सांसो के तार स्वरचित _सुरमन_✍️ 12/8/22 ©Mansha Sharma #मन के भाव #तनहाई #कविता #nojato