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Gyan Yash
दर्द दर्द ही रहा उलटा भी लिखा सीधा भी लिखा।। Gyan दर्द दर्द ही रहा उलटा भी लिखा सीधा भी लिखा।।
Prof. RUPENDRA SAHU "रूप"
उलटा सीधा एक समान 😀😀😀 24444442 आप सबके सहयोग और स्नेह के लिए बहुत बहुत शुक्रिया 😇 उलटा सीधा एक समान 😀😀😀 आप सबके सहयोग और स्नेह के लिए बहुत बहुत शुक्रिया 😊💐 #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqmeme #memer_bhaiya
Ranjit Mandal
बैंक 🏦 से फोन 📱 आया और मुझसे कहा कि – “आप 5000 रू./महिना भरते रहो और रिटायरमेंट के वक्त आपको 1 करोड़ मिलेंगे” मैंने कहा कि – प्लान को उलटा 🙃 कर दो, आप मुझे अभी 1 करोड़ रू. दे दो फिर हर महिने 5000 रू. लेते रहना मेरे मरने तक😜😛 बेंक वाले ने तुरंत फोन काट दिया😆 बैंक 🏦 से फोन 📱 आया और मुझसे कहा कि – “आप 5000 रू./महिना भरते रहो और रिटायरमेंट के वक्त आपको 1 करोड़ मिलेंगे” मैंने कहा कि – प्लान को उलटा 🙃
Vikas Sharma Shivaaya'
करमनास जल सुरसरि परई-तेहि काे कहहु शीश नहिं धरई। उलटा नाम जपत जग जाना-वाल्मीकि भये ब्रह्मसमाना।। कर्मनास का जल (अशुद्ध से अशुद्ध जल भी) यदि गंगा में पड़ जाए तो कहो उसे कौन नहीं सिर पर रखता है? अर्थात अशुद्ध जल भी गंगा के समान पवित्र हो जाता है। सारे संसार को विदित है की उल्टा नाम का जाप करके वाल्मीकि जी ब्रह्म के समान हो गए। 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' करमनास जल सुरसरि परई-तेहि काे कहहु शीश नहिं धरई। उलटा नाम जपत जग जाना-वाल्मीकि भये ब्रह्मसमाना।। कर्मनास का जल (अशुद्ध से अशुद्ध जल भी) यद
yogesh atmaram ambawale
मुलगी माझी खरंच खूप मोठी झाली, हा विचार मनात आला जेव्हा तिने मॅग्गी केली. लुडबुड तिची नेहमीच स्वयंपाक घरात असायची, हे शिकव ते शिकव म्हणत मम्मीच्या मागे लागायची. बोलायची मग मम्मी,अभ्यासाकडे लक्ष दे किचन नको पाहू, म्हणे ही,अभ्यास माझा ओके राहील तू नको लक्ष देऊ. करता करता मदत आज स्वयंपाक घर पाहते, मम्मी कामावर असताना मला मॅगी करून देते. स्वयंपाकाचे धडे मम्मी कडून चांगलेच घेतलेत, आई ला मदत म्हणून कित्येकदा कुकर ही लावलेत. हे झाले खाण्यापिण्याचे देवपूजे कडेही लक्ष दिले, सकाळ संध्याकाळ दिवे लावून मन आमचे प्रसन्न केले. खूप छान वाटते आता,मुलगी खूप समंजस वागते, इतकी लहान असतानाही मला ती मोठी झाल्यासारखी वाटते. मुलगी माझी मोठी झाली.. #collabratingwithyourquoteandmine #yqtaai #माझीलेक #मुलगीमोठीझाली #मराठीमुलगी #मराठीकविता #बापाचेमन मुलगी माझी खरंच ख
yogesh atmaram ambawale
बात कुछ अलग ही है आज के युवाओ की, जिन्हे हम कुछ कह नही सकते. और अगर कह भी दो तो यकीन है वो सून नही सकते. अच्छे खासे नाम रहते है फीर भी गालियो से एक दुसरे को बूलाते है, ना दोस्ती की इज्जत होती है ना बडो से बात करने की तमीज होती है. कुछ अच्छा बताओ तो उलटा सुनाते है हर छोटी छोटी बात का बतंगड बनाते है. समजाना उन्हे बेकार सा लगता है अगर ना समजाओ तो और बिगडने का डर लगता है, युवा है ये देश का भविष्य है उन्हे सही राह दिखाना हमारा कर्तव्य है. फर्ज है हम सभीका के उन्हे संस्कार सिखाये, भारत की संस्कृती क्या है ये बताये. ऐसा नही के हम कह नही सकते,बात ये अलग है के वो सून नही सकते. ( ये बाते जो लिखी है वैसे युवा मेरे आजू बाजू मे बहुत दिखते है,समजाता हू तो समजते नही) बहुत सी बातें कहने में नहीं आतीं। #कहनहींसकते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#कहनहीसकते#yqdidi#collab#Y
Vikram Kumar Anujaya
किसी एकांत और निर्जन कोने में बैठकर, जीवन मे गुजरे खुबसूरत और खुशगवार पलों को, जब-जब स्मृति के संदूको में खंगालता हूँ, हजारों चेहरे याद आते
Vikas Sharma Shivaaya'
🙏सुन्दरकांड 🙏 दोहा – 23 अभिमान और अहंकार त्याग कर भगवान् की शरण में मोहमूल बहु सूल प्रद त्यागहु तम अभिमान। भजहु राम रघुनायक कृपा सिंधु भगवान ॥23॥ हे रावण! मोह् का मूल कारण और अत्यंत दुःख देने वाली अभिमान की बुद्धि को छोड़ कर कृपा के सागर भगवान् श्री रघुवीर कुल नायक रामचन्द्रजी की सेवा कर ॥23॥ (मोह ही जिनका मूल है ऐसे बहुत पीड़ा देने वाले, तमरूप अभिमान का त्याग कर दो) श्री राम, जय राम, जय जय राम हनुमानजी के सच्चे वचन अहंकारी रावण की समझ में नहीं आते है जदपि कही कपि अति हित बानी। भगति बिबेक बिरति नय सानी॥ बोला बिहसि महा अभिमानी। मिला हमहि कपि गुर बड़ ग्यानी॥ यद्यपि हनुमान जी रावण को अति हितकारी और भक्ति, ज्ञान,धर्म और नीति से भरी वाणी कही,परंतु उस अभिमानी अधम के उसके कुछ भी असर नहीं हुआ॥इससे हँसकर बोला कि हे वानर!आज तो हमको तु बडा ज्ञानी गुरु मिला॥ रावण हनुमानजी को डराता है मृत्यु निकट आई खल तोही। लागेसि अधम सिखावन मोही॥ उलटा होइहि कह हनुमाना। मतिभ्रम तोर प्रगट मैं जाना॥ हे नीच! तू मुझको शिक्षा देने लगा है. सो हे दुष्ट! कहीं तेरी मौत तो निकट नहीं आ गयी है?॥रावण के ये वचन सुन हनुमान् ने कहा कि इससे उलटा ही होगा (अर्थात् मृत्यु तेरी निकट आई है, मेरी नही)।हे रावण! अब मैंने तेरा बुद्धिभ्रम (मतिभ्रम) स्पष्ट रीति से जान लिया है॥ रावण हनुमानजी को मारने का हुक्म देता है सुनि कपि बचन बहुत खिसिआना। बेगि न हरहु मूढ़ कर प्राना॥ सुनत निसाचर मारन धाए। सचिवन्ह सहित बिभीषनु आए॥ हनुमान् के वचन सुन कर रावण को बड़ा कोध आया,जिससे रावण ने राक्षसों को कहा कि हे राक्षसो! इस मूर्ख के प्राण जल्दी ले लो अर्थात इसे तुरंत मार डालो॥इस प्रकार रावण के वचन सुनते ही राक्षस मारने को दौड़ें तब अपने मंत्रियोंके साथ विभीषण वहां आ पहुँचे॥ विभीषण रावणको दुसरा दंड देने के लिए समझाता है नाइ सीस करि बिनय बहूता। नीति बिरोध न मारिअ दूता॥ आन दंड कछु करिअ गोसाँई। सबहीं कहा मंत्र भल भाई॥ बड़े विनय के साथ रावण को प्रणाम करके बिभीषणने कहा कि यह दूत है इसलिए इसे मारना नही चाहिये क्यों कि यह बात नीतिसे विरुद्ध है॥ हे स्वामी! इसे आप कोई दूसरा दंड दे दीजिये पर मारें मत।बिभीषण की यह बात सुनकर सब राक्षसों ने कहा कि हे भाइयो! यह सलाह तो अच्छी है॥ रावण हनुमानजी को दुसरा दंड देने का सोचता है सुनत बिहसि बोला दसकंधर। अंग भंग करि पठइअ बंदर॥ रावण इस बात को सुन कर बोला कि जो इसको मारना ठीक नहीं है,तो इस बंदर का कोई अंग भंग करके इसे भेज दो॥ विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 897 से 908 नाम ) 897 सनातनतमः जो ब्रह्मादि सनतानों से भी अत्यंत सनातन हैं 898 कपिलः बडवानलरूप में जिनका वर्ण कपिल है 899 कपिः जो सूर्यरूप में जल को अपनी किरणों से पीते हैं 900 अव्ययः प्रलयकाल में जगत में विलीन होते हैं 901 स्वस्तिदः भक्तों को स्वस्ति अर्थात मंगल देते हैं 902 स्वस्तिकृत् जो स्वस्ति ही करते हैं 903 स्वस्ति जो परमानन्दस्वरूप हैं 904 स्वस्तिभुक् जो स्वस्ति भोगते हैं और भक्तों की स्वस्ति की रक्षा करते हैं 905 स्वस्तिदक्षिणः जो स्वस्ति करने में समर्थ हैं 906 अरौद्रः कर्म, राग और कोप जिनमे ये तीनों रौद्र नहीं हैं 907 कुण्डली सूर्यमण्डल के समान कुण्डल धारण किये हुए हैं 908 चक्री सम्पूर्ण लोकों की रक्षा के लिए मनस्तत्त्वरूप सुदर्शन चक्र धारण किया है 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड 🙏 दोहा – 23 अभिमान और अहंकार त्याग कर भगवान् की शरण में मोहमूल बहु सूल प्रद त्यागहु तम अभिमान। भजहु राम रघुनायक कृपा सिंधु भगवान