Find the Latest Status about कुण्डलिया छंद विधान from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कुण्डलिया छंद विधान.
Internet Jockey
चमत्कार तभी होते हैं जब आस्था होती है वरना तो सब विधि का विधान है ©Internet Jockey चमत्कार तभी होते हैं जब आस्था होती है वरना तो सब विधि का विधान है
तरु_का_आध्यात्मिक_आशियाना(मेरठी_कुड़ी)
तरु_का_आध्यात्मिक_आशियाना(मेरठी_कुड़ी)
तरु_का_आध्यात्मिक_आशियाना(मेरठी_कुड़ी)
तरु_का_आध्यात्मिक_आशियाना(मेरठी_कुड़ी)
चारण गोविन्द
जप केवल निज राग, ओढ़ फ़क़ीरी मस्त मन। जग की चिंत्या त्याग, पर चिंत्या परलोक है।। चारण गोविन्द #चारण_गोविन्द की #सोरठा #छंद #govindkesher #follow करो और #सुझाव देते रहों। #Love #Lifetime बना रहें। #Poetry #alone
Bharat Bhushan pathak
छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार होता है।यह चार चरणों वाला छंद है।क्रमागत दो-दो चरण या चारों चरण समतुकान्त होता है। मापनी- लगागागा लगागागा १२२२ १२२२ चमकती जब,यहाँ चपला। करे हे यह,बहुत घपला। सदा यह प्राण लेती है। कभी ना त्राण देती है।।१ रहम भी खूब ये करती। इसी से है, हरी धरती।। चमकना शान्त हो ऐसे। चमकता चाँद हो जैसे।।२ ©Bharat Bhushan pathak #Reindeer छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार
Tarun Rastogi kalamkar
आया है मधुमास,बाग में कोयल गाती। फूल खिले हर डाल,भँवर को राज बताती। छाने को तैयार, यहाँ पर फागुन आया।। पुलकित सबके गात,रची कुदरत ने माया।। ©Tarun Rastogi kalamkar #रोला छंद
Anand Ji Mayura Ji
समझाया कई बार मत कर प्यार यार, अङे रहे जिद्द पर सुनी नही बात । दौगले है दगाबाज साथी तेरे प्यार के, कर देंगे इक दिन संग तेरे,घात । आदतो से अपनी बाज नही आए और, प्यार में तुने क्या पाई है सौगात। बैशाखी नंदन के पिछे नही चलते तो , खानी नही पङती मुंह पर लात । -'---'------------------------------------------- अपनी ही करनी का फल तुम्हे पाना है, आज नही तो ये तुम्हे कल मिल जाएगा । जले हुए जख्मो पे नमक लगाने से , जला हुआ घा भर नही पाएगा । जलती हुई ज्वालो बुझानी है अगर तुम्हे, ठण्डा पानी ही असर दिखाएगा। जियो और जीने दो का मंत्र जाप करने से, जीवन तो क्या जग सारा तिर जाएगा। ©Anand Ji Mayura Ji आनंद के छंद