Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best छंदज्ञान Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best छंदज्ञान Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about

  • 3 Followers
  • 19 Stories

Bharat Bhushan pathak

love poetry in hindi poetry quotes hindi poetry poetry in hindi hindi poetry on life #सरसी_छंद #छंदज्ञान #छंदशः_रचनाएँ#प्रयत्न

read more
सरसी/ कबीर/ समुदर छंद*

विधान 27 मात्रा प्रति चरण, 16-11 पर यति, चार चरण, - दो- दो चरण समतुकांत, चरणान्त गुरु लघु अनिवार्य ।
यहाँ हौसलों की उड़ान को,करना होता श्रम।
भाग्य भरोसे कुछ मिलता है, पालो ना ये भ्रम।।
लोग यहाँ पर बस कहते हैं, करना  तुम ना शर्म।
मनुज उसको यहाँ कहते जो,केवल करते कर्म।।
मानव बनकर ही रहना तुम,यही तुम्हारा धर्म।
फूँक-फूँक कर ही पग धरना है,मानो धरती गर्म।।
वैर किसी से क्यों करना है,जानो सबकी खैर।
मृत्यु को ऐसा यहाँ मानो,करने निकले सैर।।

©Bharat Bhushan pathak  love poetry in hindi poetry quotes hindi poetry poetry in hindi hindi poetry on life
#सरसी_छंद #छंदज्ञान #छंदशः_रचनाएँ#प्रयत्न

Bharat Bhushan pathak

#छंद #छंदज्ञान #प्रयत्न#प्रयत्न_करते_रहो hindi poetry on life poetry hindi poetry poetry loversमत्तगयंदसवैयाछंदप्रयास

read more
Unsplash नाथ अनाथ सनाथहि हो जब माता पिता अरु संगन भ्राता।
क्लेश नहीं जब द्वेष नहीं तब दृश्य अतीव मनोरम छाता।।

©Bharat Bhushan pathak #छंद #छंदज्ञान #प्रयत्न#प्रयत्न_करते_रहो  hindi poetry on life poetry hindi poetry poetry lovers#मत्तगयंदसवैयाछंदप्रयास

Bharat Bhushan pathak

#FathersDay #छंदज्ञान#chhandgyaan#योगीछंद#newchhand#nojotohindi आधार छंद :-योगी(मापनी युक्त मात्रिक छंद) दो-दो चरण तुकांत ,त्रिकल वर्जित १०-१० मात्रा पर यति पापा-मम्मी के,कल्चर में हमसब। भूले रिश्ते की,मर्यादा हैं अब।। सम्मान विलोपित,अब सबका जी है।

read more

Bharat Bhushan pathak

Bharat Bhushan pathak

मुक्तक विधान-१,२ एवं ४ पंक्ति तुकांत तथा ३ पंक्ति अतुकांत सममात्राभार पर आधारित गरीबी गीत गाती है,अमीरी को, रिझाती है। सुखाकर कंठ ये अपना,इनके प्यास,बुझाती है।। गलाकर फेंक दे भोजन,अगर या छोड़ दें सड़ने- हुजूरी चल,रही इनकी,सुनो दुनिया,बताती है।१

read more

Bharat Bhushan pathak

ताप बढ़े अरु पाप बढ़े जब जीव चराचर शोक मनावे। रोग बढ़े अरु भोग बढ़े जब काल तभी हि कलियुग जनावे। #मत्तगयंदसवैयाछंद#छंदज्ञान#सनातनीछंद#chhandgyaan#nojotohindi#nojotopoetry#nojotohindi2020

read more
ताप बढ़े अरु पाप बढ़े जब जीव चराचर शोक मनावे।
रोग बढ़े अरु भोग बढ़े जब काल तभी हि कलियुग जनावे।

©Bharat Bhushan pathak  ताप बढ़े अरु पाप बढ़े जब जीव चराचर शोक मनावे।
रोग बढ़े अरु भोग बढ़े जब काल तभी हि कलियुग जनावे।

#मत्तगयंदसवैयाछंद#छंदज्ञान#सनातनीछंद#chhandgyaan#nojotohindi#nojotopoetry#nojotohindi2020

Bharat Bhushan pathak

#छंदज्ञान #मलयज मलयज छंद:- शिल्प-८ लघु प्रति चरण चार चरण समतुकांत। युवक भटक मत। कर मत छटपट।। मनुज प्रखर बन। विकल कर न मन।।

read more
मलयज छंद:-
शिल्प-८ लघु प्रति चरण
चार चरण समतुकांत।
युवक भटक मत।
कर मत छटपट।।
मनुज प्रखर बन।
विकल कर न मन।।

©Bharat Bhushan pathak #छंदज्ञान #मलयज 
मलयज छंद:-
शिल्प-८ लघु प्रति चरण
चार चरण समतुकांत।
युवक भटक मत।
कर मत छटपट।।
मनुज प्रखर बन।
विकल कर न मन।।

Bharat Bhushan pathak

विधाता छंद के प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ होती है ; 14,14 मात्रा पर यति होती है ; 1, 8, 15, 22 वीं मात्राएँ लघु 1 होती हैं। विधाता छंद विधान* १२२२,१२२२,१२२२,१२२२ =२८ मात्रा मापनी - 1222 1222 1222 1222 #मुक्तक #विधाता #छंदज्ञान #मुहब्बत बला हैnojotonisheetpandeyji

read more
इशारों में,हुआ करती,यहाँ जब भी, मुलाकातें।

मुहब्बत में ,सुनो यारों,लगे लंबी,बड़ी रातें।।

दिलों में चैन ना होता,नहीं कुछ है, लगे अच्छा,

नहीं करना,कभी भूले,किसी से प्यार की बातें।।१

बला है ये ,बचो इससे,कहीं तुम ये ,नहीं,कहना।
 चले आओ,यहाँ दौड़े,नहीं अब दूर है रहना।।
 करो भूले,नहीं वादा,रहोगे साथ में हरदम
करेगा जख्म ये गहरा,मुसीबत है, इसे सहना।।२

©Bharat Bhushan pathak
  विधाता छंद के प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ होती है ; 14,14 मात्रा पर यति होती है ; 1, 8, 15, 22 वीं मात्राएँ लघु 1 होती हैं।
विधाता छंद विधान*
१२२२,१२२२,१२२२,१२२२ =२८ मात्रा
मापनी -
1222 1222 1222 1222
#मुक्तक #विधाता #छंदज्ञान #मुहब्बत बला है#nojoto#nisheetpandeyji

Bharat Bhushan pathak

nojoto#छंदज्ञान#रूपमाला छंदविधानआज शरण हूँ तेरी माँ,मैं बालक अबोध!

read more

Bharat Bhushan pathak

#विषय-वीर/ आल्हा छंद
#विधा-१६-१५  मात्रा प्रति चरण,चार चरण।
दो-दो चरण समतुकांत।चरणांत गुरु लघु रखना है।


छंदों का तुम भी कर जाना,केवल थोड़ा ही अभ्यास।

नहीं कभी तुम ऐसे-वैसे,करना नहीं शब्द विन्यास।।

ये विधा है बहुत ही प्यारी,सीखो इसका अभी विधान।
अँधेरे में तीर ना छोड़ो,सोच-समझ करना संधान।।

काव्य लगे बिना छंद सूना,सीखो थोड़ा इसको आज।

स्वरविहीन ही गाना ये है,संगीत बिना ये है  साज।।

भारत भूषण पाठक"देवांश"🙏🌹🙏

©Bharat Bhushan pathak #छंदज्ञान #छंद#काव्य
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile