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Bipin Pandey
🚩🚩रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः। राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।।🚩🚩 ©Bipin Pandey 🚩🚩रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः। राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।।🚩🚩
Mohanbhai आनंद
Village Life હૂંફ આપતું હ્દય કુણી લાગણીઓથી, ધમધમતું હદયકમલ છે, જેમાં ભગવાન શ્રી નારાયણ નો વાસ છે. सर्वस्व चाहं ह्रदि सन्नविष्ट।। गीता।। ©Mohanbhai आनंद #villagelife હૂંફ આપતું હ્દય કુણી લાગણીઓથી, ધમધમતું હદયકમલ છે, જેમાં ભગવાન શ્રી નારાયણ નો વાસ છે. सर्वस्व चाहं ह्रदि सन्नविष्ट।। गीता।।
ashish gupta
किसी के हो प्रभुवार किसी के यार प्यार हो कोई कहता तुमको चोर कोई अवतार प्यारे हो किसी के गुरु पिता और किसी के धन वैभव हो तुम मेरे सर्वस्य शक्ल ठाकुर तुम ही सरकार प्यारे हो ©ashish gupta किसी के हो प्रभुवार किसी के यार प्यार हो कोई कहता तुमको चोर कोई अवतार प्यारे हो किसी के गुरु पिता और किसी के धन वैभव हो तुम मेरे सर्वस्य शक
Nisheeth pandey
निशीथ की तरफ से स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को अनेकों अनेक शुभकामनाएं 💐 भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं, स्वयं विराट स्वरूप राष्ट्रपुरुष है। मस्तक है हिमालय , किरीट है कश्मीर , दो विशाल कंधे हैं पंजाब और बंगाल । दो विशाल जंघायें हैं पूर्वी और पश्चिमी घाट , चरण इनके हैं कन्याकुमारी , इसके पग पखारता है महासागर ।। सुगंधित चन्दन उगता यहां की मिट्टी है, यह अभिनन्दन की पवित्र भूमि है, यह तर्पण की पवित्र भूमि है, यह अर्पण की पवित्र भूमि है, यह ऋषियों की तपो पवित्र भूमि है ।।। इसके कंकर-कंकर में बसे शिवशंकर है, इसके बून्द बुंडू में रमा पवित्र गंगाजल है, हमारा अस्तिव इनसे हैं , हमारा अभिमान इनसे है , हमारा सम्मान इनसे हैं , हमारा सर्वस्य ऊर्जा इनसे हैं ।।।। हम जीते इनके लिये मरेंगे तो इनके लिये.... भारत माता वास्ते सर्वस्य जीवन से दिप जलाते हैं, दीप पात्र में " शुद्ध घी " नहीं समझने की भूल मत करना , यह दिप शहीदों का बलिदानों के रक्त से जलते हैं, रूई की बाती में गद्दारी नहीं, गर कोई जो करे गद्दारी उसका राख बनाना हमारा धर्म है हमें गर्व है कि हम भी भारत के सपूत हैं।। 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey निशीथ की तरफ से स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को अनेकों अनेक शुभकामनाएं 💐 भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं, स्वयं विराट स्वरूप राष्ट्रपुरुष
Vikas Sharma Shivaaya'
गुप्त नवरात्र:-2 फरवरी-10 फरवरी 2022 गुप्त नवरात्र में साधना को जितनी गोपनीयता के साथ किया जाता है साधक पर उतनी ज्यादा देवी की कृपा होता है..., शक्ति की साधना का महापर्व नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है- प्रथम चैत्र मास में पहली वासंतिक नवरात्रि, आषाढ़ मास में दूसरी नवरात्रि, आश्विन मास में तीसरी और माघ मास में चौथे नवरात्र आते हैं..., इन्हें गुप्त नवरात्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें मां की आराधना गुप्त रूप से की जाती है-इसमें मां का ध्यान लगाने से विशेष फल मिलता है,तंत्र साधना में विश्वास रखने वाले लोग इस दौरान तंत्र साधना करते हैं..., 🔱मंत्र🧘 1-धन प्राप्ति के लिए मंत्र : ॐ दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः । स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।। 2- संतान प्राप्ति के लिए मंत्र : ॐ सर्वाबाधा वि निर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः । मनुष्यो मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय ॥ 3- दुःख-कष्टों के नाश के लिए मंत्र : ॐ शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे । सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ।। 4- स्वस्थ शरीर मंत्र : ॐ ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः । शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै ।। 5- मोक्ष प्राप्ति के लिए मंत्र : ॐ सर्वस्य बुद्धिरुपेण जनस्य हृदि संस्थिते । स्वर्गापवर्गदे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ।। विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 526 से 537 नाम 526 आनन्दः आनंदस्वरूप 527 नन्दनः आनंदित करने वाले हैं 528 नन्दः सब प्रकार की सिद्धियों से संपन्न 529 सत्यधर्मा जिनके धर्म ज्ञानादि गुण सत्य हैं 530 त्रिविक्रमः जिनके तीन विक्रम (डग) तीनों लोकों में क्रान्त (व्याप्त) हो गए 531 महर्षिः कपिलाचार्यः जो ऋषि रूप से उत्पन्न हुए कपिल हैं 532 कृतज्ञः कृत (जगत) और ज्ञ (आत्मा) हैं 533 मेदिनीपतिः मेदिनी (पृथ्वी) के पति 534 त्रिपदः जिनके तीन पद हैं 535 त्रिदशाध्यक्षः जागृत , स्वप्न और सुषुप्ति इन तीन अवस्थाओं के अध्यक्ष 536 महाशृंगः मत्स्य अवतार 537 कृतान्तकृत् कृत (जगत) का अंत करने वाले हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' गुप्त नवरात्र:-2 फरवरी-10 फरवरी 2022 गुप्त नवरात्र में साधना को जितनी गोपनीयता के साथ किया जाता है साधक पर उतनी ज्यादा देवी की कृपा होता है
Vandana
वो टूटती जा रही है और बिखरती जा रही है जो कभी संवरती थी जी भर के,, जिस के शोर से घर चहक उठता था आज वह कहीं उदास सी बैठी है,,, जिसके कदम एक जहां नहीं टिकते थे वह आज चुपचाप सी गुमसुम बैठी है,,,, थी वह खुद
आशुतोष यादव
शीर्षक "बेरोजगारी की आग" (पूरी रचना कैप्शन में पढ़े) अब तो झेलना पड़ेगा बेरोजगारी की आततायी मार जब जोरो-शोर से सरकारी संस्थाओं का किया जा रहा है निजीकरण अपनाकर व्यभिचार सरकार को तनिक भी नही है
Vandana
प्रकृति ने मुझे स्त्री बनाया⚘ इसके लिए मैं प्रकृति का धन्यवाद करती हूं🙏 मैं स्त्री हूँ मैं गर्व से कहती हूँ मुझे अपने होने में गर्व है,,,, मैं चंचल शोख हंसी माधुर्य प्रेम दया से परिपूर्ण हूँ,,,, मैं सौंदर्य,मैं
Vandana
माँ होना प्रकृति का एक अनमोल तोहफा है खुद मर के एक जीवन को जीवन देना अद्भुत मौका है,,,,, बेइंतहा पीड़ा सह के तब भी माँ के होठों पर मुस्कान रहती है,,,,, आंचल में समेट लेती है उस नन्हे बच्चे को हरदम उसके लिए मौजूद,, ना कभी उसको थकान रहती है,,,,, कब उसका यौवन बिसरा",सुध बुध खो कर अब उसकी यही पहचान रहती है,,,,,, एक ऐसा रिश्ता जो तुम पैदा होने से पहले कमा लेते हो,,, जो जिंदगी भर तुमसे कभी बेवफाई नहीं करता,,,,, अपना तन मन और जीवन का क्षण क्षण तुम पर
Vandana
हर स्त्री खूबसूरत है हर स्त्री खूबसूरत है अपनी नजरों में और एक उस पुरुष की नजरों में जो उसको प्रेम करता है। स्त्री और प्रेम पूर्ण हो जाती है जब पुरुष उसे अपना स