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theABHAYSINGH_BIPIN
White वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेटस से बयाँ करती है अपना दर्द, वो मुझसे अब प्यार नहीं करती। जो कहती थी, "सात खून माफ़ तेरे", गलती पर अब आँखें चार नहीं करती। कसती है अपने शब्दों से मुझपे तंज, सीधे-सीधे अब मुझसे कुछ नहीं कहती। बयाँ करती है मुझसे अपने रंज सभी, वो आँखों से कत्ल-ए-आम नहीं करती। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Thinking वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेट
#Thinking वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेट
read moreरंगरेज़
रिश्तों की रंगत भी कुछ ऐसे ही है, ... कभी कभी पीलापन भी हरियाली के साथ खूब निखरता है.... ©रंगरेज़ रिश्तों की रंगत भी कुछ ऐसे ही है, ... कभी कभी पीलापन भी हरियाली के साथ खूब निखरता है.... happy life quotes life quotes in hindi shayari on
रिश्तों की रंगत भी कुछ ऐसे ही है, ... कभी कभी पीलापन भी हरियाली के साथ खूब निखरता है.... happy life quotes life quotes in hindi shayari on
read moreनवनीत ठाकुर
दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेरे, अब ये रौशनी भी कुछ धुंधली सी लगती है। कभी जो जुदा हो गईं थीं तमन्नाएँ ए नवनीत, अब वो पूरी हुईं तो कुछ अधुरी सी लगती है। मंज़िल तक पहुँचने की ख़ुशी भी अब ग़म के साए में, अब ये बहार भी कुछ कटीली सी लगती है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर
#नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर
read moreनवनीत ठाकुर
White ज़ख्म इतने हैं कि मरहम भी कहाँ तक रखते, दर्द ऐसा है कि लफ्ज़ भी शिकायत नहीं करते। हर मोड़ पर इक नया इम्तिहान मिलता है, कभी आँधियाँ तो कभी अश्क राहत नहीं करते। चल पड़े हैं सफर में तन्हा सवालों के साथ, जवाब आने से पहले ही हालात नहीं थमते। गुज़री है ज़िंदगी बस इक छांव की तरह, जो भी छूने की चाह थी, वो हसरत नहीं भरते। राह-ए-इश्क़ में ठहराव का इंतज़ार किसे, ये धड़कनें भी सुकून की इजाज़त नहीं करते। मोहब्बत की राह में हर कदम पर ये जाना, मंज़िलें तो हैं मगर वो क़ुर्बत नहीं करते। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़ख्म इतने हैं कि मरहम भी कहाँ तक रखते, दर्द ऐसा है कि लफ्ज़ भी शिकायत नहीं करते। हर मोड़ पर इक नया इम्तिहान मिलता है, कभी आँधि
#नवनीतठाकुर ज़ख्म इतने हैं कि मरहम भी कहाँ तक रखते, दर्द ऐसा है कि लफ्ज़ भी शिकायत नहीं करते। हर मोड़ पर इक नया इम्तिहान मिलता है, कभी आँधि
read moreनवनीत ठाकुर
जब सच को छुपा लिया खुद से, तो फिर हर झूठ भी खुदा सा लगता है। दिल में जो सवाल था, वो चुप रहा, और सच से मुंह मोड़ना खता सा लगता है। दिल में सवालों का हल न मिला, तो अंदर का सच हमेशा तड़पता है। कभी खुद से रूबरू हो, तो सच्चाई पाओ, वरना हर झूठी खुशी का रंग फीका होता है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जब सच को छुपा लिया खुद से, तो फिर हर झूठ भी खुदा सा लगता है। दिल में जो सवाल था, वो चुप रहा, और सच से मुंह मोड़ना खता सा लगता ह
#नवनीतठाकुर जब सच को छुपा लिया खुद से, तो फिर हर झूठ भी खुदा सा लगता है। दिल में जो सवाल था, वो चुप रहा, और सच से मुंह मोड़ना खता सा लगता ह
read moreYashpal Sharma&J.K
तुम्हें याद रखने का मेरा अंदाज थोड़ा निराला है, मैंने तुम्हें तस्वीरों में नहीं, शब्दों में सम्भाला है। कभी लिख दी दो लाइन की शायरी, तुम पर... तो कभी तुम्हारी यादों में पूरा खाली पन्ना ही भर डाला है।। ©Yashpal Sharma&J.K तुम्हें याद रखने का मेरा अंदाज थोड़ा निराला है, मैंने तुम्हें तस्वीरों में नहीं, शब्दों में सम्भाला है। कभी लिख दी दो लाइन की शायरी, तुम प
तुम्हें याद रखने का मेरा अंदाज थोड़ा निराला है, मैंने तुम्हें तस्वीरों में नहीं, शब्दों में सम्भाला है। कभी लिख दी दो लाइन की शायरी, तुम प
read moreDr.Priyanka Chandra
ये कम्बख्त इश्क़ न जाने इस मासूम दिल से क्या ही चाहता है कभी तेरे बहुत करीब कभी तेरे ख़्वाबों से भी बहुत दूर ले जाता है।। ©Dr.Priyanka Chandra #thought poetry ये कम्बख्त इश्क़ न जाने इस मासूम दिल से क्या ही चाहता है कभी तेरे बहुत करीब कभी तेरे ख़्वाबों से भी बहुत दूर ले जाता है।।
#thought poetry ये कम्बख्त इश्क़ न जाने इस मासूम दिल से क्या ही चाहता है कभी तेरे बहुत करीब कभी तेरे ख़्वाबों से भी बहुत दूर ले जाता है।।
read moreBhanu Priya
लड़की हूं, इसलिए हर साल सुर्खी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत्ता, कभी मनाली न जाने कितनी हैं बिगड़ी, कितने आशियानों की रमजान, होली , दिवाली, हक का कहां मिला मुझे, दस्तूर ए जहां, आज इसने तो कल उसने सबने वादें किए मुझसे... यही रीत ज़माने की लड़ता हैं वह खुद के लिए , काश एक बार निकलता वह खुदसे और लड़ता मेरे लिए। ©Bhanu Priya #दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
#दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
read moreMukesh Poonia
White हिम्मत हारने से बनती नहीं है कभी भी बात है लड़ने वालों को ही मिलती है जीत की सौगात . ©Mukesh Poonia #Sad_Status #हिम्मत #हारने से बनती नहीं है कभी भी #बात है #लड़ने वालों को ही मिलती है जीत की #सौगात बेस्ट सुविचार नये अच्छे विचार अच्छे विचा