Find the Latest Status about सालियों हरे दुपट्टे वालियों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सालियों हरे दुपट्टे वालियों.
Sonali Ghosh
अब विरक्त कर रहे हो सारे जहां से प्रभु तो स्वयं ही आकर मार्गदर्शन भी कर दो। ©Sonali Ghosh हरे कृष्ण
हरे कृष्ण #Bhakti
read moreSai Angel Shaayari
*🌹🌹जय श्री राधे कृष्ण🌹🌹* *श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,* *हे नाथ नारायण वासुदेवाय!!!* *!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे !!* *हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे* 🙏🙏 *हमेशा हिम्मत रखो और आगे बढ़ो,* *ताने तो भगवान को भी मिलते है तो* *आप तो सिर्फ एक इंसान है !!* 🙏🙏 *🌹🌹सुप्रभात🌹🌹* *🌹🌹जय श्री राधे कृष्ण 🌹🌹* ©Sai Angel Shaayari #love_shayari *🌹🌹जय श्री राधे कृष्ण🌹🌹* *श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,* *हे नाथ नारायण वासुदेवाय!!!* *!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष
#love_shayari *🌹🌹जय श्री राधे कृष्ण🌹🌹* *श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,* *हे नाथ नारायण वासुदेवाय!!!* *!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष #Bhakti
read moreNeeraj kumar Agarwal
White हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। *सुप्रभात* 🌻🙏 ©Neeraj Agarwal हरे कृष्ण नाम जीवन है
हरे कृष्ण नाम जीवन है #भक्ति
read morePrakash Chauhan
!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !! ©Prakash Chauhan #!!हरे कृष्ण हरे राम राम राम हरे हरे 🙏🙏...
#!!हरे कृष्ण हरे राम राम राम हरे हरे 🙏🙏... #भक्ति
read moreAshok Verma "Hamdard"
White *गजल* ********** मुखड़ा* -दुपट्टे से अपना चेहरा,क्यों छुपाती बार बार 2 माना की चेहरा नाजुक तेरा है2नज़रें नहीं मेरा कटार दुपट्टे से अपना चेहरा ,क्यों छुपाती बार बार 2 अंतरा 1(लड़का)-- नाज़ुक कली सा ये बदन है,चेहरे पर है सादगी पत्थर की मूरत सी हो तुम,दिल करता करूं बंदगी आबदारी देख हुस्न का 2,दिल हो जाता है लाचार दुपट्टे से अपना चेहरा......................….. अंतरा 2(लड़की)-चाहत मेरे दिल में भी है,शर्म हया की बात है फैसले ग़ूल जो आने वाला,उसके इंतज़ार की छुपने छुपाने से बढ़ता है2,देखनें वालों का ये प्यार लड़का-- दुपट्टे से अपना चेहरा.................. लड़की -- छुपने छुपाने से बढ़ता है 2 देखनें वालों...... ©Ashok Verma "Hamdard" #दुपट्टे से अपना चेहरा
Sarvesh kumar kashyap
Shashi Bhushan Mishra
कोठी बंगले खड़े हुए, लालच से हैं भरे हुए, लगते तो इंसानों जैसे, पर अंदर से मरे हुए, बाहूबली कहाने वाले, रहते हरदम डरे हुए, बचपन से यादें संजोई, देख देखकर बड़े हुए, राज पाट राजा रजवारे, मिट्टी में सब गड़े हुए, शानो-शौकत देखो सारे, यहीं धरा पर पड़े हुए, मोर मुकुट तलवारें सारी, हीरा मोती जड़े हुए, हरि से नाता जोड़े 'गुंजन', अंदर बाहर हरे हुए, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ• प्र• ©Shashi Bhushan Mishra #अंदर बाहर हरे हुए#